अच्छे वातावरण में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए : राजनाथ सिंह
By: Priyanka Maheshwari Wed, 21 Nov 2018 2:48:24
जैसे जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सियासी पारा चढ़ता जा रहा है। राम जन्मभूमि मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। इससे इतर राम मंदिर निर्माण को लेकर राजनीतिक बयानबाजी जमकर हो रही है। चुनावी मौसम में राम मंदिर पर चल रहे बयानबाजी के बीच गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि राम मंदिर बनेगा तो सभी को खुशी होगी, हमारा ये मानना है कि एक अच्छे वातावरण में राम मंदिर का निर्माण होना चाहिए। अध्यादेश के जरिए रामजन्मभूमि में मंदिर निर्माण के लिए दक्षिणपंथी हिन्दू संगठनों के स्वर तेज हो गए हैं।
गौर हो कि एक हिंदू संगठन ने मंगलवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए एक से 6 दिसंबर तक इस पवित्र शहर में महायज्ञ किया जाएगा। दिल्ली के विश्व वेदांत संस्थान ने कहा कि देशभर से बड़ी संख्या में संत यज्ञ के लिए अयोध्या में एकत्र होंगे। संगठन के संस्थापक स्वामी आनंद महाराज ने मीडिया से कहा, 'अधिकतर भारतीय लोगों की भावनाएं इस मंदिर के साथ जुड़ी हुई है। इसलिए हम एक दिसंबर से 6 दिसंबर तक अयोध्या में अश्वमेध यज्ञ आयोजित करने जा रहे है।' राम मंदिर निर्माण की दिशा में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी ने बड़ा बयान दिया है। टाइम्स नाउ से खास बातचीत में इकबाल अंसारी ने कहा, 'राम मंदिर निर्माण के लिए सरकार को लोकसभा में बिल लाना चाहिए और उसे बिल के जरिए इस मामले को खत्म करना चाहिए। सरकार यदि कानून बनाती है तो हमें कोई ऐतराज नहीं है। हम अकेले कानून को रोक नहीं सकते। वह इस मामले में राजनीतिक विवाद का अंत चाहते हैं।
Ram Mandir banega to sabko khushi hogi, humara yeh manna hai ek achhe vaatavaran main Ram Mandir ka nirmaan hona chahiye: Home Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/9f7MyQqUjs
— ANI (@ANI) November 21, 2018
अयोध्या में 'धर्मसभा'
इन सबके बीच 25 नवंबर को अयोध्या में 'धर्मसभा' होने जा रही है। संतों की अपील पर बुलाई गई इस धर्मसभा में तमाम हिंदूवादी संगठन भी शामिल हो रहे हैं। जिसमें विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल प्रमुख हैं। यूं तो इसे धर्मसभा कहा जा रहा है, लेकिन इस सभा के आयोजन की मंशा पर सवाल भी उठ रहे हैं। जानकारों का कहना है कि इस सभा के जरिये हिंदूवादी संगठन राम मंदिर निर्माण (Ram Mandir in Ayodhya) के लिए सरकार पर दबाव तो बनाना ही चाहते हैं। साथ ही 92 जैसी किसी घटना से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। खुद भाजपा नेता इसका संकेत देते रहे हैं। हाल ही में बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा कि अब राम मंदिर निर्माण में और देरी नहीं होनी चाहिए और भगवान संविधान से उपर हैं। कहा यह भी जा रहा है कि 25 नवंबर को होने वाली धर्मसभा के आयोजन में परोक्ष रूप से आरएसएस की भी सहमति है। संघ के सह कार्यवाह भैयाजी जोशी ने सोमवार को ही कहा कि वे आखिरी बार तिरपाल के अंदर भगवान राम का दर्शन करने जा रहे हैं। शायद अगली बार जब वे अयोध्या आएं तो उन्हें भगवान राम का भव्य मंदिर मिले। धर्मसभा को लेकर विरोध के स्वर भी दिखाई दे रहे हैं। खुद अयोध्या मामले में पक्षकार निर्मोही अखाड़े ने इस पर आपत्ति जताई है। निर्मोही अखाड़ा चाहता है कि मंदिर जबरदस्ती नहीं बल्कि समझौते से बने। निर्मोही अखाड़े के महंत और राम मंदिर के पक्षकार दिनेंद्र दास ने कहा कि मालिकाना हक निर्मोही अखाड़े का है। विश्व हिंदू परिषद वालों को हमेशा निर्मोही अखाड़े का सहयोग करना चाहिए, लेकिन वे सहयोग नहीं करेंगे। यह तो हमेशा लूटने का प्रयास करेंगे और दंगा करने का प्रयास करेंगे। एक और पैरोकार धर्मदास भी कहते हैं कि धर्म के नाम पर जो धंधा करेगा, उसका नुकसान ही होता है। दूसरी तरफ, अयोध्या मामले में याचिकाकर्ता इकबाल अंसारी ने तमाम उठा-पटक के बीच जो बयान दिया है, उसपर भी एक वर्ग में विरोध शुरू हो गया है। उन्होंने मंदिर निर्माण के लिए अध्यादेश के मुद्दे पर कहा कि "हमें कोई आपत्ति नहीं है, यदि राम मंदिर के निर्माण के लिए अध्यादेश लाया जाता है... यदि अध्यादेश लाया जाना देश के लिए अच्छा है, तो लाएं... हम कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं, हम कर कानून का पालन करेंगे..."