राफेल: SC के फैसले के बाद कांग्रेस पर अमित शाह का पलटवार कहा - 'झूठ की राजनीति करने वालों के...', संसद में लगे 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे
By: Priyanka Maheshwari Fri, 14 Dec 2018 2:13:23
फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद में घोटाले के आरोपों का सामना कर रही केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट से क्लीन चिट मिल गई। सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की, अमित शाह नें कहा कि सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट झूठ की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा है।
उन्होंने कहा कि 'मैं सर्वोच्च अदालत के फैसले का स्वागत करता हूं। सच की जीत हुई। आजादी के बाद एक कोरे झूठ के आधार पर देश की जनता को गुमराह किया गया। यह प्रयास देश की सबसे पुरानी पार्टी ने किया। कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने व पार्टी के फायदे के लिए झूठ की एक नई राजनीति की शुरुआत की।
अमित शाह ने कहा कि 'सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट झूठे आरोप लगाने की राजनीति के मुंह पर तमाचा है। झूठ के पैर नहीं होते हैं। विजय हमेशा सत्य की होती है। सुप्रीम कोर्ट के अंदर अलग-अलग दायर की गई चार याचिकाओं के तहत तीन सवाल उठाए गए थे।निर्णय प्रक्रिया और कीमत और ऑफसेट पार्टनर च्वाइस के रूप में सवाल उठाए गए थे। सीजेई की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने स्पष्टता पूर्वक अपना आदेश ओपेन कोर्ट में सुनाया है। कोर्ट ने असंदिग्ध रूप से संतुष्टि व्यक्ति की है। सुप्रीम कोर्ट ने जांच की मांग ठुकरा दी। क्वालिटी और रिक्वायरमेंट को मान लिया है।'
अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी जब-जब सत्ता में रहती है तब तब घोटाले करती है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बताएं कि आखिर उनके आरोपों के आधार क्या था? आखिर आपने देश की सुरक्षा को खतरे में क्यों डाला? आखिर आपने किसकी सूचना के आधार पर आरोप लगाए? राफेल खरीद के सम्बन्ध में देश की जनता को गुमराह करने और सेना के बीच में सन्देश पैदा करने के लिए राहुल गांधी को देश की जनता से मांफी मांगनी चाहिए। राहुल गांधी देश की जनता को जवाब दें कि वो किस आधार पर देश की जनता को गुमराह कर रहें थे?
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने अपने और अपनी पार्टी के तत्काल फायदे के लिए झूठ का सहारा लेकर चलने की एक नई राजनीति की शुरुआत की और सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने आज सिद्ध कर दिया है कि झूठ के पैर नहीं होते और अंत में जीत सत्य की ही होती है।
'राहुल गांधी माफी मांगो'
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सरकार ने लोकसभा में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से माफी की मांग की। विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे और राफेल पर कोर्ट के फैसले के बाद बीजेपी सांसदों की नारेबाजी के कारण लोकसभा 17 दिसंबर तक स्थगित कर दी गई है। सुबह सदन की बैठक शुरू होते ही जहां विपक्ष के कुछ सदस्य अपनी अपनी मांगों को लेकर नारेबाजी कर रहे थे, वहीं भाजपा के सदस्य भी शीर्ष कोर्ट के फैसले की पृष्ठभूमि में आक्रामक दिखे। भाजपा सदस्य 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगा रहे थे।
संसदीय कार्य मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी सदन में कहा कि शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को इस मामले में माफी मांगनी चाहिए। इस दौरान संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल के साथ ही भाजपा के सदस्य अपने स्थान पर खड़े होकर 'राहुल गांधी माफी मांगो' के नारे लगाते रहे।
नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने फ्रांस से 36 राफेल विमानों की खरीद के मामले में शुक्रवार को नरेंद्र मोदी सरकार को क्लीन चिट दे दी। कोर्ट ने कहा कि राफेल सौदे में निर्णय लेने की प्रक्रिया पर शक करने की कोई वजह नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत पर फैसला लेना अदालत का काम नहीं है। सीजेआई रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर 14 नवंबर को सुनवाई पूरी की थी।
देश के प्रधान न्यायाधीश सीजेआई रंजन गोगोई ने कहा, पसंद का ऑफसेट पार्टनर चुने जाने में हस्तक्षेप करने का कोई कारण नहीं है, और व्यक्तिगत सोच के आधार पर रक्षा खरीद जैसे संवेदनशील मामलों में जांच नहीं करवाई जा सकती। हम सरकार को 126 विमान खरीदने पर बाध्य नहीं कर सकते। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हमें ऐसी कोई सामग्री नहीं मिली, जिससे लगे कि कमर्शियल तरीके से किसी खास कंपनी को लाभ दिया गया..."सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "हम इस बात से संतुष्ट हैं कि प्रक्रिया पर संदेह करने का अवसर नहीं है... कोई भी देश पूरी तैयारी के बिना रहने का खतरा नहीं उठा सकता... यह कोर्ट के लिए सही नहीं होगा, यदि वह अपील प्राधिकरण की तरह सभी पहलुओं की जांच करने बैठ जाए..." मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि इसमें कोई शक नहीं कि विमान हमारी ज़रूरत हैं और उनकी गुणवत्ता पर भी सवाल नहीं है। हमें 4th और 5th जनरेशन के विमानों की ज़रूरत है। जो हमारे पास नहीं है। विमान सौदे की निर्णय प्रक्रिया सही।हमने राष्ट्रीय सुरक्षा और सौदे के नियम कायदे दोनों को जजमेंट लिखते समय ध्यान में रखा है। केंद्र ने सुनवाई में 36 राफेल लड़ाकू विमानों की कीमत और उसके फायदे के बारे में कोर्ट को सीलबंद दो लिफाफों में रिपोर्ट सौंपी थी। अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने सुप्रीम कोर्ट में कहा था कि हमने राफेल की कीमत की जानकारी साझा कर दी है, लेकिन इसको रिव्यू करना एक्सपर्ट का काम है। इसको न्यायपालिका रिव्यू नहीं कर सकती है।