अमृतसर : निरंकारी भवन में दो लोगों ने फेंके बम, 3 की मौत, 10 से ज्यादा घायल, सीएम ने बुलाई आपात बैठक

By: Pinki Sun, 18 Nov 2018 2:17:03

अमृतसर : निरंकारी भवन में दो लोगों ने फेंके बम, 3 की मौत, 10 से ज्यादा घायल, सीएम ने बुलाई आपात बैठक

पंजाब ( Punjab ) के अमृतसर ( Amritsar ) के अदलिवाल गांव में स्थित निरंकारी भवन में रविवार को दो लोगों ने बम फेंका है, जिसमें 3 की मौत हो गई है और 8 से 10 लोग घायल हो गए हैं। जिस समय यह हमला हुआ, उस दौरान निरंकारी भवन में करीब 200 लोग मौजूद थे। पुलिस की टीम मौके पर मौजूद है। फिलहाल जांच-पड़ताल चल रही है। चश्‍मदीदों के मुताबिक, बाइक सवार दो लड़कों को समागम में विस्फोटक फेंक कर भागते हुए देखा गया है। सेवादारों ने हमलावरों को पकड़ने की कोशिश भी की थी लेकिन वे भागने में सफल रहे। चश्‍मदीदों के अनुसार हमलावरों ने फायरिंग भी की थी। फिलहाल पंजाब पुलिस मौके पर पहुंच गई है। अभी विस्‍फोट के कारणों का पता नहीं चल सका है। हालांकि किसी आतंकी वारदात से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। पिछले कुछ दिनों से पंजाब में संदिग्‍धों की मौजूदगी की खबरें मिली हैं। वहीं पुलिस ने भी राज्‍य में हाई अलर्ट घोषित किया था। अमृतसर के निरंकारी समागम में धमाके के बाद दिल्ली के बुराड़ी संत निरंकारी आश्रम की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

जिस समय हमला हुआ उस दौरान निरंकारी भवन में सत्‍संग चल रहा था और बड़ी संख्‍या में लोग वहां मौजूद थे। सीएम कैप्‍टन अमरिंदर सिंह ने घटना पर दुख जताया है। उन्‍होंने कहा है कि उनकी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। मुख्‍यमंत्री ने इस हमले के बाद आपात बैठक भी बुलाई है।

तीन दिन पहले जारी किया था अलर्ट : पंजाब पुलिस ने तीन दिन पहले ही हाई अलर्ट भी जारी किया था। अभी तक यह स्‍पष्‍ट नहीं हो पाया है कि इस हमले का कारण क्‍या था। वहीं फॉरेंसिक टीम भी घटना की जांच के लिए घटनास्‍थल पर पहुंच गई है। खुफिया ब्यूरो को पहले ये जानकारी मिली थी कि कश्मीर में ऑपरेट करने वाला आतंकी जाकिर मूसा फिरोजपुर आया था। खुफिया ब्यूरो के पास यह भी इनपुट है कि जाकिर मुसा ग्रुप के 7 आतंकी फिरोजपुर आए थे। इन आतंकियों को अमृतसर में भी देखा गया था। इसके दो दिन बाद ही आज धमाका हुआ।

फायरिंग नहीं हुई : पंजाब पुलिस ने भी इस बात की पुष्टि की है। उसके मुताबिक दो लोग पल्सर मोटरसाइकिल पर आए और निरंकारी भवन पर ग्रेनेड फेंका। हमले में ग्रेनेड इस्‍तेमाल हुआ है इसलिए पुलिस इसे आतंकी हमला मान रही है। इस हमले के पीछे कौन है, ये अभी नहीं पता चल पाया है। वहीं पुलिस ने फायरिंग की घटना से इनकार किया है। हमले में आतंकी जाकिर मूसा का नाम सामने आने पर पुलिस का कहना है कि इस हमले का जाकिर मूसा से संबंध नहीं है।

इस घटना को पंजाब में उग्रवादी के शुरुआती दिनों में हुई घटना से जोड़ा जा रहा है। बता दें कि 13 अप्रैल 1978 को अमृतसर में अकाली कार्यकर्ताओं और निरंकारियों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, इसमें 13 अकाली मारे गए थे। रोष दिवस में सिख धर्म प्रचार की संस्था के प्रमुख जरनैल सिंह भिंडरांवाले ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। सिक्योरिटी एक्सपर्ट इसे पंजाब में चरमपंथ की एक बार फिर शुरुआत के तौर पर देख रहे हैं।

पाकिस्‍तान की हरकत तो नहीं : अमृतसर का अदलिवाल गांव पाकिस्‍तान सीमा के पास है। वहीं खुफिया एजेंसी आईबी के सूत्रों के अनुसार पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई धार्मिक नेताओं को मारने की योजना बना रही है। उनका कहना है कि आईएसआई पंजाब में लोगों को मारने के लिए खालिस्‍तान समर्थकों को जरूरी सामान मुहैया करा रही है। सूत्रों का कहना है कि जांच एजेंसी एनआईए की जांच में भी यह बात सामने आई है।

दिल्‍ली तक में बढ़ाई गई सुरक्षा : इस हमले के बाद दिल्‍ली के कई स्‍थानों की भी सुरक्षा बढ़ा दी गई है। वहीं बुराड़ी स्थित निरंकारी भवन की भी सुरक्षा व्‍यवस्‍था चाक चौबंद कर दी गई है। अमृतसर एयरपोर्ट से इस निरंकारी भवन की दूरी महज पांच किमी है। हमले के बाद पंजाब में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। साथ ही बीएसएफ को भी अलर्ट रहने को कहा गया है। लोगों के अनुसार हर रविवार को इस निरंकारी भवन में सत्‍संग होता है, जिसमें बड़ी संख्‍या में लोग पहुंचते हैं।

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