कानून बना तीन तलाक बिल, मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, देश में 19 सितंबर 2018 से होगा लागू

By: Pinki Thu, 01 Aug 2019 08:50:14

कानून बना तीन तलाक बिल, मिली राष्ट्रपति की मंजूरी, देश में 19 सितंबर 2018 से होगा लागू

संसद के दोनों सदनों से पास होने के बाद तीन तलाक बिल को अब राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मंजूरी मिल गई है। इस मंजूरी के साथ ही देश में तीन तलाक कानून 19 सितबंर, 2018 से लागू हो गया। बता दें, मंगलवार को राज्यसभा से तीन तलाक बिल पास हुआ था। बिल के पक्ष में 99 और विपक्ष में 84 वोट पड़े। वोटिंग के वक्त 183 सांसद ही सदन में मौजूद थे। इसके बाद इसे राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस बिल पर दस्तखत कर दिए हैं। इस कानून के तहत अब एक साथ तीन तलाक देना कानून अपराध है और इसके लिए तीन साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है।

बता दें कि जब बिल राज्यसभा से पास हुआ था तब राष्ट्रपति ने इसे बड़ी उपलब्धि बताते हुए इसका स्वागत किया था। राष्ट्रपति ने ट्विटर पर लिखा, 'राज्य सभा में मुस्लिम विमेन (प्रोटेक्शन ऑफ राइट्स ऑन मैरेज) बिल के पारित होने से 'तीन तलाक' की अन्यायपूर्ण परंपरा के प्रतिबंध पर संसदीय अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी हो गयी है। यह महिला-पुरुष समानता के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है, पूरे देश के लिए संतोष का क्षण है ।'

कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया : नरेंद्र मोदी

संसद के दोनों सदनों में बिल पास होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे ऐतिहासिक करार दिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट किया, 'एक पुरातन और मध्यकालीन प्रथा आखिरकार इतिहास के कूड़ेदान तक ही सीमित हो गई है! संसद ने ट्रिपल तालक को समाप्त कर दिया और मुस्लिम महिलाओं के लिए की गई ऐतिहासिक गलती को सही किया। यह जेंडर जस्टिस की जीत है और इससे समाज में समानता आएगी। आज भारत खुश है।'

पीएम ने कहा, 'पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।'

बिल बनने से आगे क्या होगा?

- कानून बनने के बाद एक साथ तीन बार तलाक बोलकर तलाक देना, चिट्ठी से तीन तलाक देना, व्हट्सऐप से तीन तलाक देना, फोन पर तीन तलाक देना और ईमेल से तीन तलाक देना अपराध होगा। इसके लिए पति को अधिकतम 3 साल की सजा होगी, जेल के साथ पति को जुर्माना भी होगा।

- तीन तलाक के खिलाफ पीड़ित या परिवार के सदस्य ही दर्ज केस करा सकेंगे। एफआईआर दर्ज होने पर बिना वारंट गिरफ्तारी हो सकेगी, इसके साथ ही आरोपी को पुलिस जमानत नहीं दे सकेगी।

- एक समय में तीन तलाक देने पर पति को तीन साल तक कैद और जुर्माना दोनों हो सकता है। मजिस्ट्रेट कोर्ट से ही उसे जमानत मिलेगी।

- मजिस्ट्रेट बिना पीड़ित महिला का पक्ष सुने बगैर तीन तलाक देने वाले पति को जमानत नहीं दे पाएंगे।

- तीन तलाक का केस दर्ज होने बाद फैसला होने तक बच्चा मां के संरक्षण में रहेगा। इसके साथ ही पति को पत्नी और बच्चे के लिए गुजारा भत्ता देना होगा।

- नए कानून में समझौते के विकल्प को भी रखा गया है। हालांकि पत्नी के पहल पर ही समझौता हो सकता है लेकिन मजिस्ट्रेट की ओर से उचित शर्तों के साथ।

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