आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ: 'नेताजी के नाम से हर साल वीरों को मिलेगा सम्‍मान', पीएम मोदी के भाषण से जुड़ी जरुरी बातें

By: Pinki Sun, 21 Oct 2018 12:07:03

आजाद हिंद सरकार की 75वीं वर्षगांठ: 'नेताजी के नाम से हर साल वीरों को मिलेगा सम्‍मान', पीएम मोदी के भाषण से जुड़ी जरुरी बातें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली 'आजाद हिंद सरकार' की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल हुए और इस दौरान उन्होंने लाल किले की प्राचीर से तिरंगा झंडा फहराया। इसके साथ ही उन्‍होंने वहां आजाद हिंद फौज को समर्पित संग्रहालय का भी उद्घाटन किया। बता दें कि अब तक देश के प्रधानमंत्री सिर्फ 15 अगस्त को ही लाल किले पर झंडारोहण करते हैं। मगर अब 21 अक्टूबर को भी लाल किले पर झंडारोहण करने करने के साथ नरेंद्र मोदी पहले प्रधानमंत्री बन गये। साथ ही उन्‍होंने इससे पहले पुलिस स्‍मृति दिवस पर राष्‍ट्रीय पुलिस स्‍मारक का उद्घाटन भी किया। उन्‍होंने रविवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नाम से वीरों के लिए सम्‍मान की शुरुआत करने की भी घोषणा की। देश के पुलिस जवानों के साहस, सेवा और समर्पण को याद कर पीएम मोदी भावुक भी हुए। उन्‍होंने कहा कि अब हर साल वीरों को यह सम्‍मान नेताजी के जन्‍मदिन (23 जनवरी) दिया जाएगा।

बता दें कि इससे पहले भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान पीएम मोदी ने उन शख्सियतों के योगदान का जश्न मनाने के लिए अपनी सरकार द्वारा किए जा रहे कामों पर विस्तार से चर्चा की, जिन्हें उनके मुताबिक कांग्रेस ने अपने कई दशकों के कार्यकाल के दौरान अनदेखा किया।

- लाल किले से पीएम मोदी ने कहा कि नेताजी का एक ही उद्देश्य था, एक ही मिशन था भारत की आजादी।, मां भारती को गुलामी की जंजीर से आजाद कराना। यही उनकी विचारधारा थी और यही उनका कर्मक्षेत्र था। पीएम मोदी ने कहा कि भारत अनेक कदम आगे बढ़ा है, लेकिन अभी नई ऊंचाइयों पर पहुंचना बाकी है। इसी लक्ष्य को पाने के लिए आज भारत के 130 करोड़ लोग नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। एक ऐसा नया भारत, जिसकी कल्पना सुभाष बाबू ने भी की थी।

- पीएम मोदी ने कहा कि ये भी दुखद है कि एक परिवार को बड़ा बताने के लिए, देश के अनेक सपूतों, वो चाहें सरदार पटेल हों, बाबा साहेब आंबेडकर हों, उन्हीं की तरह ही, नेताजी के योगदान को भी भुलाने का प्रयास किया गया। देश का संतुलित विकास, समाज के प्रत्येक स्तर पर, प्रत्येक व्यक्ति को राष्ट्र निर्माण का अवसर, राष्ट्र की प्रगति में उसकी भूमिका, नेताजी के वृहद विजन का हिस्सा थी।

- पीएम मोदी ने कहा 'हमने कई बलिदानों के बाद स्‍वराज हासिल किया। अब यह हमारा कर्तव्‍य है कि हम इस 'स्‍वराज' को 'सुराज' के साथ बनाए रखें।' उन्‍होंने कहा कि वन रैंक, वन पेंशन को सरकार ने अपने वायदे के मुताबिक पूरा किया। पूर्व सैनिकों को एरियर भी पहुंचाया गया। 7वें वेतन आयोग का भी फायदा भी पहुंचाया गया।'

- पीएम मोदी ने कहा कि कैम्ब्रिज के अपने दिनों को याद करते हुए सुभाष बाबू ने लिखा था कि - "हम भारतीयों को ये सिखाया जाता है कि यूरोप, ग्रेट ब्रिटेन का ही बड़ा स्वरूप है। इसलिए हमारी आदत यूरोप को इंग्लैंड के चश्मे से देखने की हो गई है।

- पीएम मोदी ने कहा कि आज मैं निश्चित तौर पर कह सकता हूं कि स्वतंत्र भारत के बाद के दशकों में अगर देश को सुभाष बाबू, सरदार पटेल जैसे व्यक्तित्वों का मार्गदर्शन मिला होता, भारत को देखने के लिए वो विदेशी चश्मा नहीं होता, तो स्थितियां बहुत भिन्न होती। 'वीरता के शीर्ष पर पहुंचने की नींव नेताजी के बचपन में ही पड़ गई थी। इसका उदाहरण उनके द्वारा 1912 में उनकी मां को लिखी चिट्ठी में दिखता है। उन्‍होंने उसमें लिखा कि मां क्‍या हमारा देश दिनोंदिन और अधिक गिरता जाएगा, क्‍या इस भारत माता का कोई एक भी पुत्र ऐसा नहीं है, जो अपने स्‍वार्थ को त्‍याग कर अपना संपूर्ण जीवन भारत मां को समर्पित करे। बोलो मां क्‍या हम सोते रहेंगे। उन्‍होंने अपने पत्र में यह भी लिखा था कि अब और प्रतीक्षा नहीं की जा सकती। अब और सोने का समय नहीं है, अब आलस्‍य त्‍याग कर कर्म में जुट जाना होगा।'

- पीएम मोदी ने कहा 'आज मैं कह सकता हूं कि भारत अब एक ऐसी सेना के निर्माण की तरफ बढ़ रहा है, जिसका सपना नेताजी ने देखा था। जोश, जुनून और जज्बा तो हमारी सैन्य परंपरा का हिस्सा रहा ही है, अब तकनीक और आधुनिक हथियारों की शक्ति भी जुड़ रही है। हमारी सैन्य ताकत हमेशा से आत्मरक्षा के लिए रही है और आगे भी रहेगी।'

- पीएम मोदी ने पाकिस्‍तान और चीन पर भी निशाना साधा. उन्‍होंने कहा हम दूसरे की भूमि पर नजर नहीं डालते. लेकिन भारत की संप्रभुता के लिए जो भी चुनौती बनेगा, उसको दोगुनी ताकत से जवाब देंगे.' पीएम मोदी ने कहा 'भारत उस सेना के निर्माण में आगे बढ़ रहा है जो सपना नेताजी ने देखा था. हमारी सेना दिनोंदिन सशक्‍त बन रही है. सर्जिकल स्‍ट्राइक हमारी सरकार का फैसला था.

मोदी इस कार्यक्रम के मद्देनजर लाल किला के आसपास सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए। आज सुबह 9 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लाल किले की प्राचीर से ध्वजारोहण किया। आजाद हिंद सरकार के गठन की 75वीं वर्षगांठ के मौके पर आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति मंत्री महेश शर्मा भी मौजूद थे।। साथ ही साथ बताया जा रहा है कि नेताजी सुभाष चंद्रबोस के परिवार के लोग भी इसमें शामिल हुए।

कार्यक्रम के मुताबिक, पीएम मोदी राष्ट्रीय पुलिस स्मारक का भी उद्घाटन करेंगे। हालांकि, यह झंडारोहन कार्यक्रम से पहले आठ बजे हुआ। इससे पहले इसी बुधवार को पीएम मोदी ने कहा था कि वह सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व वाली ‘आजाद हिंद सरकार' की 75वीं जयंती के मौके पर 21 अक्टूबर को लाल किले में आयोजित होने वाले झंडारोहण समारोह में शामिल होंगे। उन्होंने बीजेपी के कार्यकर्ताओं के साथ एक वीडियो संवाद के दौरान यह ऐलान किया था। सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद सरकार का गठन 21 अक्टूबर 1943 को किया गया था। आजाद हिंद सरकार ने देश से बाहर अंग्रेज हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और आजादी की लड़ाई में एक तरह से परोक्ष रूप से अहम भूमिका निंभाई थी। इसका नेतृत्व सुभाष चंद्र बोस कर रहे थे। जर्मनी से एक 'यू बॉट' से दक्षिण एशिया आए, फिर वहां से जापान गये। जापान से वें सिंगापुर आये जहां आजा़द हिन्द की आस्थाई सरकार की नींव रखी गयी।

साल 1943 में नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने सिंगापुर में प्रातीय आजाद हिंद सरकार की स्थापना की थी। उस समय 11 देशों की सरकारों ने आजाद हिंद सरकार को मान्यता दी थी। उस सरकार ने कई देशों में अपने दूतावास भी खोले थे। इसके अलावा आजाद हिंद फौज ने बर्मा की सीमा पर अंग्रेजों के खिलाफ जोरदार लड़ाई लड़ी थी।

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