नई लोकसभा सत्र से पहले पीएम मोदी बोले - विपक्ष नंबर की चिंता छोड़े, निष्पक्ष भाव से देशहित में काम करें
By: Pinki Mon, 17 June 2019 12:44:33
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लगातार दूसरी बार सरकार बनने के बाद संसद का पहला सत्र सोमवार को शुरू हो रहा है। संसद के मानसून सत्र से पहले पीएम मोदी ने कहा कि आज नया सत्र शुरू हो रहा है। इस सत्र के साथ नई आशाएं तथा स्वप्न जुड़े हैं। नरेंद्र मोदी ने मीडिया को संबोधित किया और कहा कि हम नए उत्साह के साथ अब काम करेंगे। उन्होंने कहा विपक्ष को भी नंबर की चिंता छोड़ देनी चाहिए। पीएम मोदी ने कहा स्वतंत्रता के बाद से इस बार के लोकसभा चुनाव ने सबसे ज्यादा महिला मतदाता तथा महिला सांसद देखी हैं। उन्होंने कहा कि कई दशकों के बाद किसी सरकार ने दूसरे कार्यकाल के लिए स्पष्ट बहुमत हासिल किया है। लोगों ने हमें देश की सेवा करने का फिर अवसर दिया है। मैं सभी पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि उन निर्णयों का समर्थन करें, जो जनहित में हों। पीएम मोदी ने कहा है कि देश की जनता ने सबका साथ-सबका विकास में एक नया जोश भर दिया है। जनता ने हमें काम करने का मौका दिया है। लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना बहुत जरूरी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारे लिए विपक्ष का हर शब्द मुल्यवान है। उन्होंने कहा, 'सद में हम पक्ष-विपक्ष को छोड़ निष्पक्ष की तरह काम करें। पीएम ने कहा कि हमें उम्मीद है कि इस बार सदन में अधिक काम होगा। उन्होंने कहा विपक्ष का सामर्थ्यवान होना लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है। उनकी भावना हमारे लिए अहम है। मुझे उम्मीद है कि हम विपक्ष से मिलकर निष्पक्ष तरीके से काम करेंगे।'
Prime Minister Narendra Modi arrives at the Parliament for 17th Lok Sabha, says, "The role of an active Opposition is important. Opposition need not bother about their numbers. I hope they will speak actively and participate in house proceedings." pic.twitter.com/OQfvlDxDuD
— ANI (@ANI) June 17, 2019
पीएम मोदी ने कहा, 'हम जनता के आशाओं और अकांक्षाओं को पूरा करेंगे। नई लोकसभा के गठन के बाद आज प्रथम सत्र प्रारंभ हो रहा है। अनेक नए साथियों के परिचय का अवसर है, नए साथियों के साथ नया उमंग, उत्साह और सपने भी जुड़ते हैं। आजादी के बाद सबसे बड़ा मतदान हुआ, महिलाओं ने बढ़ चढ़कर वोट किया। कई दशक के बाद एक सरकार को दोबारा बहुमत मिला।'
पीएम मोदी ने कहा,'प्रधानमंत्री बोले कि तर्क के साथ सरकार की आलोचना करना लोकतंत्र को बल देता है, इससे सदन में सकारात्मक नतीजे देखने को मिलेंगे।' प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उम्मीद जताई कि पहले की बजाय इस सत्र में ज्यादा काम होगा। उन्होंने कहा, 'पक्ष-विपक्ष में न बंटें, निष्पक्ष भाव से देशहित में काम करें।'
बता दें कि इस बजट सत्र के पहले दो दिन नव निर्वाचित सांसदों को प्रोटेम स्पीकर डॉ वीरेंद्र कुमार शपथ दिलाएंगे। बुधवार को नए लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद राष्ट्रपति बृहस्पतिवार को दोनों सदनों के संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। चूंकि प्रोटेम स्पीकर का मुख्य काम सभी सदस्यों को शपथ दिलाना है इसलिए उनकी अनुपस्थिति में इस काम को निपटाने के लिए 3 और लोगों की नियुक्ति की गई है। इनमें बृजभूषण शरण सिंह, भर्तृहरि महताब और के सुरेश शामिल है। लोकसभा अध्यक्ष को 19 जून को चुना जायेगा। राष्ट्रपति लोकसभा और राज्यसभा दोनों की संयुक्त बैठक को 20 जून को संबोधित करेंगे। आर्थिक सर्वेक्षण 4 जुलाई को पेश किया जायेगा और इसके अगले दिन बजट पेश किया जायेगा। सत्र की कुल 30 बैठकें होंगी। यह मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा और निर्मला सीतारमण बतौर वित्त मंत्री 5 जुलाई को केंद्रीय आम बजट पेश करेंगी।
Prime Minister Narendra Modi at the Parliament: Today, a new session is starting, there are new hopes and dreams with the beginning of this session. Since independence ,this Lok Sabha elections saw highest number of women voters and women MPs. pic.twitter.com/YGGGDInX99
— ANI (@ANI) June 17, 2019
40 दिन चलेगा संसद सत्र
17वीं लोकसभा का बजट सत्र सोमवार (17 जून) से शुरू हो रहा जो 26 जुलाई 2019 तक चलेगा। राज्यसभा का सत्र 20 जून को शुरू होगा और 26 जुलाई तक चलेगा। वित्त वर्ष 2019-20 का पूर्ण बजट पांच जुलाई को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पेश करेंगी। संसद का यह सत्र 40 दिनों तक चलेगा और इसमें 30 बैठकें होंगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद 20 जून को लोकसभा और राज्यसभा के संयुक्त अधिवेशन को संबोधित करेंगे जिसके बाद उनके संबोधन पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होगी।
इन विधेयकों पर होगी नजर
इस सत्र में नरेंद्र मोदी सरकार तीन तलाक, केंद्रीय शैक्षणिक संस्थान, नागरिकता संशोधन जैसे कई अहम बिल पेश करेगी। इनमें तीन तलाक बिल पर पुराने स्टैंड पर अड़ी सरकार की कोशिश दूसरे कार्यकाल में इसे कानूनी जामा पहनाने की होगी। हालांकि सरकार की सहयोगी जदयू ने इस बिल का समर्थन न करने की घोषणा की है, जबकि अन्य विपक्षी दलों ने इस बिल पर अपना रुख साफ नहीं किया है।