निर्भया गैंगरेप केस : चारों गुनाहगारों की फांसी में लग सकता है अभी और 3 हफ्ते का समय!
By: Pinki Mon, 10 Feb 2020 08:16:33
देश को झकझोर देने वाले निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस में चारों गुनाहगारों की फांसी कब होगी, यह सवाल अभी भी बना हुआ है। पिछले हफ्ते दिल्ली हाई कोर्ट ने गुनाहगारों से कहा था कि वह एक हफ्ते में अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल कर लें। इसकी मियाद कल यानि मंगलवार को खत्म हो रही है। ऐसे में मंगलवार से पहले पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी। क्यूरेटिव खारिज होने के बाद पवन की मर्सी पिटिशन का ऑप्शन होगा। बाकी सभी दोषियों की क्यूरेटिव और दया याचिका पहले ही खारिज की जा चुकी है। मुकेश, विनय और अक्षय की क्यूरेटिव पिटिशन और मर्सी पिटिशन खारिज हो चुकी है। पवन के पास ये दोनों कानूनी उपचार बाकी हैं।
पवन के वकील एपी सिंह ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के मुताबिक पवन की ओर से अपने कानूनी उपचार का इस्तेमाल किया जाएगा। पवन की मुख्य मामले में रिव्यू पिटिशन 9 जुलाई 2018 को खारिज हुई थी। साथ ही पवन की दलील है कि वह घटना के समय नाबालिग था। ऐसे मे उसका मामला नाबालिग की तरह ट्रीट होना चाहिए। उसके नाबालिग होने का दावा करने वाली अर्जी सुप्रीम कोर्ट ने 20 जनवरी को खारिज कर दी थी। इसके बाद रिव्यू खारिज हो गई।
पवन की ओर से पहले जूवनाइल मामले में क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जानी है। वह अर्जी 11 फरवरी से पहले दाखिल की जाएगी। अगर यह अर्जी खारिज हो जाती है तो फिर पवन की ओर से क्यूरेटिव पिटिशन दाखिल की जाएगी। अगर क्यूरेटिव खारिज होती है तब उसकी ओर से दया याचिका दायर की जाएगी।
कब होगी फांसी
कानूनी जानकारों का कहना है कि पवन की दोनों क्यूरेटिव खारिज होने के बाद दया याचिका दायर की जाएगी। इससे पहले अन्य मुजरिमों की दया याचिका तीन से चार दिन में आमतौर पर खारिज हुई है। ऐसे में अगर पवन की दया याचिका भी इसी समय सीमा में खारिज हो जाती है तो फिर शत्रुघ्न चौहान जजमेंट के मुताबिक दया याचिका खारिज होने और फांसी चढ़ाने की तारीख के बीच 14 दिन का वक्त मिलेगा। यानी दोनों क्यूरेटिव दाखिल होने के बाद उस पर सुनवाई होगी। अगर दोनों ही क्यूरेटिव खारिज हो जाती है फिर दया याचिका दायर की जाएगी। यानी दया याचिका दायर होने में अभी हफ्ते भर का वक्त लग सकता है। उसे भी अगर खारिज कर दिया जाए तो उसके 14 दिन बाद फांसी की तारीख मुकर्रर होगी। यानी फांसी तीन हफ्ते बाद ही हो पाएगी।