शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे का बड़ा बयान, अब 2014 जैसी मोदी लहर नहीं...
By: Priyanka Maheshwari Fri, 19 Oct 2018 07:54:00
गुरुवार को मुंबई में आयोजित पार्टी की वार्षिक दशहरा रैली को संबोधित करते शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राम मंदिर सहित कई मुद्दों को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। उद्वव ने कहा कि देश में अब '2014 जैसी लहर' नहीं है। भाजपा ने 2014 में अपनी चुनावी जीत का श्रेय 'मोदी लहर' को दिया था। ठाकरे ने शिवसेना कार्यकर्ताओं से चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा।
दरहसल, इसी साल हुए पार्टी के सम्मेलन में शिवसेना ने घोषणा की थी कि वह भविष्य में होने वाले चुनाव अकेले लड़ेगी। बता दें कि शिवसेना केंद्र और महाराष्ट्र में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में साझीदार है और राजग का सबसे पुराना घटक है।
अच्छे दिन एक जुमला है, 15 लाख रुपये खाते में आना एक जुमला, राम मंदिर भी एक जुमला
शिवसेना प्रमुख ने राम मंदिर के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि वह 25 नवंबर को अयोध्या जाएंगे और पीएम मोदी से पूछेगें कि राम मंदिर का निर्माण क्यों नहीं हो रहा है। शिवसेना प्रमुख ने मोदी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि जैसे अच्छे दिन एक जुमला है, 15 लाख रुपये खाते में भेजना एक जुमला है वैसे ही अगर आपने राम मंदिर पर बात नहीं किया तो उसे भी जुमला बोलना पड़ेगा।
हम प्रधानमंत्री के दुश्मन नहीं है
ठाकरे ने पार्टी कार्यकर्ताओं की मौजूदगी में कहा, 'मैं 25 नवंबर को अयोध्या जाउंगा। मैं प्रधानमंत्री मोदी से सवाल करूंगा (मंदिर निर्माण में कथित देरी पर)। उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के दुश्मन नहीं है, लेकिन हम लोगों की भावनाओं के साथ नहीं खेलना चाहते।'
उन्होंने यह भी जानना चाहा कि प्रधानमंत्री बनने के साढ़े चार साल बाद भी मोदी क्यों अयोध्या नहीं गए? ठाकरे ने भाजपा से कहा कि वह राम मंदिर निर्माण के अपने वादे को अगर पूरा नहीं करती है तो इसे 'जुमला' घोषित कर दे।
अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार कानून बनाए
बता दें कि इससे पहले आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत Mohan Bhagwat ने राम मंदिर राग Ram Mandir छेड़ा था। उनकी मांग है कि अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए सरकार कानून बनाए। मोहन भागवत ने कहा, 'राम जन्मभूमि स्थल का आवंटन होना बाकी है, जबकि साक्ष्यों से पुष्टि हो चुकी है कि उस जगह पर एक मंदिर था। राजनीतिक दखल नहीं होता तो मंदिर बहुत पहले बन गया होता। हम चाहते हैं कि सरकार कानून के जरिए (राम मंदिर) निर्माण का मार्ग प्रशस्त करे।' आरएसएस प्रमुख ने कहा, 'राष्ट्रहित के इस मामले में स्वार्थ के लिए सांप्रदायिक राजनीति करने वाली कुछ कट्टरपंथी ताकतें रोड़े अटका रही हैं। राजनीति के कारण राम मंदिर निर्माण में देरी हो रही है।'