बिना शव के निकली अर्थी, पुलिस ने लावारिस समझकर 2 दिन पहले कर दिया था दाह संस्कार, पढ़ें पूरा मामला..

By: Pinki Fri, 02 Aug 2019 2:30:26

बिना शव के निकली अर्थी, पुलिस ने लावारिस समझकर 2 दिन पहले कर दिया था दाह संस्कार, पढ़ें पूरा मामला..

बुधवार को पटना पुलिस ने एक लापता पुलिसकर्मी के शव की शिनाख्त किए बिना उसे लावारिस समझकर दाह संस्कार कर दिया। 45 वर्षीय पुलिसकर्मी पुलिस लाइन में तैनात था और उसका नाम अशोक पासवान था। गौरतलब है कि अररिया के सिमराहा थाना क्षेत्र के मदारगंज के रहने वाले कांस्टेबल अशोक पासवान की ड्यूटी पटना के राजभवन में लगी थी। जानकारी के मुताबिक सिपाही अशोक पासवान 16 जुलाई को अपने घर से राजभवन जाने के लिए निकले थे। उनकी ड्यूटी वहीं पर थी। लेकिन ड्यूटी का समय खत्म होने के बाद भी वह घर लौटकर नहीं आए। उसका परिवार उसे तलाश कर रहा था। वही इसी दौरान 17 जुलाई को पुलिस ने गांधी मैदान के पास से एक अज्ञात शख्स की लाश बरामद की। शिनाख्त करने के मकसद से मृतक की एक तस्वीर पटना पुलिस के वॉट्सएप ग्रुप में डाल दी गई। लेकिन ग्रुप में शामिल कोई भी अधिकारी या कर्मचारी अशोक पासवान को नहीं पहचान पाया। इसके बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम कराने के बाद लाश मॉर्चरी में रख दी। 72 घंटे बीत जाने के बाद 20 जुलाई को उस लाश को लावारिस समझकर उसका अंतिम संस्कार भी कर दिया। पटना पुलिस के इस कारनामे के कारण एक पत्नी को उसके मृत पति के अंतिम दर्शन भी नसीब नहीं हो सके। ऐसे में मृतक जवान का शव नहीं होने के कारण हिंदू मान्यताओं के अनुसार परिजनों ने सांकेतिक रूप में बिना शव के ही अर्थी निकाली और प्रतीकात्मक रूप से अंतिम संस्कार किया।

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प्रतीकात्मक तौर पर अंतिम संस्कार

दरअसल परिजनों ने मृतक अशोक पासवान का शव नहीं मिलने के बावजूद हिन्दू रीति-रिवाज के मुताबिक अंतिम संस्कार का निर्णय किया। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मृत शरीर के बदले 'कुश' और मिट्टी के बर्तन को ही अर्थी पर रखा गया। परिजनों ने आंसू बहाए और मृतक सिपाही की पत्नी के हाथों की चूड़ियां तोड़ी गईं और मांग से सिंदूर मिटाने की रस्म अदा की गई। इसके बाद विधिवत अंतिम संस्कार भी किया गया।

पटना के बुद्धा कॉलोनी थाने में दर्ज था मामला

बता दे, अशोक के घर न आने पर 22 जुलाई को परिजनों ने पुलिस लाइन जाकर अधिकारियों को उनके गुम हो जाने की सूचना दी। साथ ही बुद्धा कॉलोनी थाने में गुमशुदगी की एफआईआर भी दर्ज कराई।

इस बीच अशोक पासवान की पत्नी और बच्चे लगातार थाने के चक्कर लगा रहे थे। तभी बुद्धा कॉलोनी थाने के SHO रविशंकर सिंह ने 30 जुलाई की रात पटना पुलिस का वॉट्सएप ग्रुप खंगाला। उसमें शेयर की गई तस्वीरों को देखा। इसी दौरान उनकी नजर गांधी मैदान थाना पुलिस द्वारा शिनाख्त के लिए शेयर की गई फोटो पर पड़ी। SHO रविशंकर को कुछ शक हुआ। उन्होंने अशोक पासवान के बेटे को थाने बुलाकर वो तस्वीर दिखाई। जिसे देखकर अशोक का बेटा सदमे में आ गया। वो तस्वीर उसके पिता की ही थी।

वही अब इस पूरे मामले में पटना पुलिस का कहना है कि अशोक की लाश सादी ड्रेस में थी और कोई आईडी भी नहीं था। उनके पास मोबाइल भी मौजूद नहीं था। इसी वजह से शिनाख्त नहीं हो सकी। वही इस बात से नाराज परिवार वालें इस पूरे मामले में सीबीआई जांच की मांग कर रहे है।

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