#MeToo कैंपेन के तहत आरोपों से घिरे एमजे अकबर भारत लौटे , पत्रकारों के सवाल पर कन्नी काटी
By: Priyanka Maheshwari Sun, 14 Oct 2018 09:23:43
केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर के खिलाफ लगभग 10 पत्रकारों ने #MeToo कैंपेन के तहत यौन शोषण का आरोप लगाया है। इसके बाद उनपर इस्तीफे का दबाव बढ़ गया है जिसके बाद केंद्र सरकार और भाजपा जल्द ही कोई फैसला ले सकती है। सूत्रों के अनुसार इस पूरे मामले में भाजपा पहले केंद्रीय मंत्री से उनका पक्ष सुनना चाहती है।
भारत लौटने के बाद अकबर खुद पर लगे यौन शोषण के आरोपों पर बोलने से बचते नजर आए। हालांकि उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर वह बाद में बयान जारी करेंगे।
एक तरफ भारतीय जनता पार्टी ने मामले में अब तक खामोशी अख्तियार कर रखी है वहीं पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और लगता नहीं कि मंत्री के तौर पर वह लंबे समय तक पद पर रह पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस मामले पर अंतिम फैसला प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी लेंगे। पार्टी के भीतर ऐसी बातें भी चल रही हैं कि उनके खिलाफ कोई कानूनी मामला दर्ज नहीं है और यह मामला उनके मंत्री बनने से पहले की घटना पर आधारित है। महिलाओं पर यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए #MeToo कैंपेन के तहत सामने आ रहे मामलों की जन सुनवाई के लिए बहुत जल्द कमिटी गठित की जाएगी। इसके चलते एमजे अकबर के खिलाफ कथित रूप से लगभग 10 पत्रकारों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। जहां बीजेपी ने इस मामले पर चुप्पी साधी है वहीं कुछ महिला मंत्रियों अकबर के खिलाफ लगे आरोपों पर #MeToo आंदोलन को अपना समर्थन दिया है। पार्टी के नेताओं का कहना है कि मामले पर पहले अकबर खुद पर लगे आरोपों का जवाब देंगे। वही भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने कई महिला पत्रकारों द्वारा यौन शोषण के आरोप लगाने के बाद केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर को पद से हटाने की मांग की थी। शिवसेना ने अकबर पर लगे आरोपों की गहराई से जांच की मांग भी की। शिवसेना की प्रवक्ता मनीषा कयांदे ने कहा कि जहां तक मुझे पता है, पांच से छह महिला पेशेवरों ने एम जे अकबर के हाथों यौन उत्पीड़न का शिकार होने की खुलकर बात की है। घटनाओं के ब्यौरे चिंताजनक और गंभीर हैं। इसलिए मैं उन्हें तत्काल पद से हटाने की मांग करती हूं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार बार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ की बातें करते हैं। इसलिए अपनी छवि बनाए रखने के लिए मोदी को अकबर को उनके पद से हटा देना चाहिए। शिवसेना की विधान पार्षद ने कहा कि उनके खिलाफ लगे आरोपों की उचित जांच की जाए। अगर वह पाक-साफ साबित होते हैं तो उन्हें दोबारा कैबिनेट में जगह दी जा सकती है।
बता दें कि महिलाओं पर यौन शोषण के खिलाफ शुरू हुए #MeToo कैंपेन के तहत सामने आ रहे मामलों की जन सुनवाई के लिए बहुत जल्द कमिटी गठित की जाएगी। महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि रिटायर्ड जजों की चार सदस्यीय कमिटी इन सभी मामलों की सुनवाई करेगी।
Minister of State (MoS) for External Affairs MJ Akbar, who arrived in India today morning refrained from speaking on sexual misconduct allegations levelled against him while saying that he will issue a statement on the matter later on
— ANI Digital (@ani_digital) October 14, 2018
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