
दिल्ली में इस साल नवंबर की ठंड पुराने कई रिकॉर्ड तोड़ सकती है। महीने के औसत न्यूनतम तापमान में 2 डिग्री तक की गिरावट आने की संभावना है। अधिकतम और न्यूनतम तापमान में भी अभी और गिरावट आएगी। मौसम विभाग के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में सर्दी तीन माह दिसंबर, जनवरी और फरवरी में ही पड़ती है। नवंबर में हल्की ठंड होती है। इस माह का औसत अधिकतम तापमान भी जहां 28.2 डिग्री सेल्सियस है, वहीं औसत न्यूनतम तापमान 12.9 डिग्री सेल्सियस है, लेकिन 18 दिनों के दौरान ही यह डेढ़ डिग्री नीचे 11.4 पर आ चुका है। नवंबर में न्यूनतम तापमान भी एक अंक में आमतौर पर नहीं जाता है, लेकिन इस बार ऐसा सब कुछ हो रहा है। मौसम विभाग की मानें तो आने वाले दिनों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की जाएंगीं।
स्काईमेट वेदर के मुख्य मौसम विज्ञानी के महेश पलावत का कहना है कि इस साल कड़ाके की ठंड पड़ने के आसार हैं। नवंबर की शुरुआत से ही ऐसा देखा भी जा रहा है। इतना कम तापमान नवंबर की शुरुआत में कभी नहीं जाता। माह के अंत तक शीत लहर चलने के भी आसार हैं। संभावना यही लग रही है कि यह माह कई रिकॉर्ड तोड़ सकता है।
ऐसा 67 सालों में पहली बार हुआ है जब नवंबर की शुरुआत में ही दिसंबर जैसी ठंड महसूस हो रही है। मौसम विज्ञानियों के मुताबिक इस महीने के पहले पखवाड़े में न्यूनतम तापमान 14 से 15 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहता है, लेकिन इस बार यह 10 डिग्री तक जा चुका है। इसी सप्ताहांत में 9 डिग्री चले जाने की संभावना है।
इस वजह से बढ़ी ठंड
मौसम विज्ञानी बताते हैं कि इस बार समय से पहले और अधिक ठंड पड़ने के पीछे प्रमुख वजह बादलों का नहीं होना है। बादल होते हैं तो धरती और सूर्य से निकलने वाला विकिरण वातावरण में फैल नहीं पाता। ऐसे में तापमान बढ़ता है, जबकि बादल नहीं होने पर यह विकिरण फैल जाता है। इसके अलावा पश्चिमी विक्षोभ का अभाव भी ठंड को बढ़ावा दे रहा है। ठंड बढ़ने का एक अन्य कारण ला लीना का प्रभाव है। पिछले साल के मुकाबले इस साल ला लीना अपेक्षाकृत कमजोर स्थिति में है। इस स्थिति में भी कड़ाके की ठंड पड़ती है।














