आखिर इस वजह से नहीं हो पाया कांग्रेस और बसपा का गठबंधन, कमलनाथ ने कहा - अखिलेश से चल रही बात

By: Priyanka Maheshwari Thu, 04 Oct 2018 2:56:08

आखिर इस वजह से नहीं हो पाया कांग्रेस और बसपा का गठबंधन, कमलनाथ ने कहा - अखिलेश से चल रही बात

साल के अंत में मध्यप्रदेश सहित पांच राज्यों में चुनाव होने वाले हैं। ऐसे मे भाजपा को हराने के लिए कांग्रेस रणनीति बना रही है। क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर उसने भाजपा के विजय रथ को रोकने की तैयारी कर ली है। बीजेपी को धूल चटाने और जीत का सपना संजो रही कांग्रेस को उस वक्त करारा झटका लगा, जब बसपा प्रमुख मायावती ने सख्त तेवर के साथ ऐलान किया कि उनकी पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में कांग्रेस के साथ चुनाव नहीं लड़ेगी। राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कम से कम जीत की उम्मीद लगाई बैठी कांग्रेस के लिए यह कहीं से भी अच्छी खबर नहीं है। कांग्रेस अब तक यह मानकर चल रही थी कि मायावती के साथ इन तीन राज्यों में जीत का स्वाद चख लेगी, मगर अब मायावती के इस ऐलान के बाद कांग्रेस के लिए 'बहुत ही कठिन है डगर पनघट की' वाली स्थिति बन गई है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के लिए लोकसभा चुनाव से पहले इन राज्यों को जीतना सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि, बसपा के साथ आने पर कुछ फायदा की तस्वीर स्पष्ट होने लगी थी, मगर मायावती ने कांग्रेस के सारे अरमानों पर पानी फेर दिया है। गठबंधन से बाहर होने की घोषणा करते समय बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि कांग्रेस के कुछ नेता नहीं चाहते कि भाजपा चुनाव हारे। ऐसे लोगों ने कांग्रेस और बसपा का गठबंधन नहीं होने दिया।

इसी बीच कांग्रेस मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख कमलनाथ ने मायावती के गठबंधन से बाहर होने पर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि बसपा ने जिन सीटों की हमें सूची दी थी वहां उसके जीतने के कोई आसार नहीं थे और जिन सीटों पर वह चुनाव जीत सकते थे उन्हें सूची में शामिल नहीं किया गया था। कुछ दिनों पहले मैंने अखिलेश यादव से बात की है। हम उनके साथ बातचीत कर रहे हैं।

कमलनाथ के बयान से एक बात साफ हो गई है कि आगामी विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ गठबंधन कर सकती है। बता दें कि राज्य में पिछले 15 ससालों से भाजपा की सरकार है। कांग्रेस का लक्ष्य जहां राज्य की सत्ता को भाजपा से छीनकर अपने हाथों में लेने का है। वहीं भाजपा विकास के दम पर दोबारा सत्ता पर काबिज होना चाहती है।

हालांकि बुधवार को अखिलेश यादव ने बसपा सुप्रीमो मायावती की तरफदारी करते हुए और कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाने की नसीहत दी थी। तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव के संबंध में अखिलेश ने कहा था कि, 'कांग्रेस को समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर चलना चाहिए। कांग्रेस अच्छी पार्टी है, उसे दिल बड़ा करना चाहिए।' यादव का इशारा मध्य प्रदेश, राजस्थान व छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनावों की तरफ था। उन्होंने कहा कि गठबंधन की जिम्मेदारी कांग्रेस की है। उसे समान विचारधारा के दलों को साथ लेकर चुनाव लड़ना चाहिए।

madhya pradesh,kamal nath,congress,bahujan samaj party,mayawati,rahul gandhi,akhilesh yadav ,मध्य प्रदेश,कमलनाथ,मायावती,कांग्रेस,बसपा

कांग्रेस पार्टी बसपा के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है

बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मायावती ने न सिर्फ यह ऐलान किया कि उनकी पार्टी राजस्थान और मध्य प्रदेश में अकेले चुनाव लड़ेगी, बल्कि कांग्रेस पार्टी को खूब कोसा भी। मायावती ने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी बसपा के अस्तित्व को खत्म करना चाहती है। साथ ही यह कहा कि कांग्रेस खुद अपनी सहयोगी या फिर फ्रेंडली पार्टियों को नुकसान पहुंचाना चाहती है। उन्होंने यह भी कहा कि दरअसल, कांग्रेस कभी चाहती ही नहीं कि बीजेपी हारे। हालांकि, मायावती के इस ऐलान के बाद भले ही कांग्रेस पार्टी सकते में हो, मगर बीजेपी को जैसे संजीवनी मिल गई है। बीजेपी के लिए इससे अच्छी खबर हो ही नहीं सकती की जो एका उनके खिलाफ इन राज्यों में बनने वाला था, अब वह कभी मूर्त रूप ले ही नहीं पाएगा। मायावती के इस ऐलान के बाद एक ओर जहां कांग्रेस पार्टी की सारी उम्मीदें खत्म होती नजर आ रही हैं, वहीं बीजेपी के लिए उम्मीद की एक किरण जगी है। क्योंकि मध्य प्रदेश और राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी एंटी इनकंबेंसी का सामना कर रही है। वहीं एससी-एसटी एक्ट को लेकर सवर्ण भी बीजेपी से नाराज चल रहे हैं।

बहरहाल, बहुजन समाज पार्टी का कांग्रेस से अलग होकर तीन राज्यों में चुनाव लड़ने का फैसला फिलहाल लोकसभा चुनाव 2019 के मद्देनजर विपक्षी एकता की कवायद के लिए झटका ही माना जा रहा है। हालांकि, अभी तक लोकसभा चुनाव में गठबंधन को लेकर मायावती ने कुछ भी नहीं बोला है। उन्होंने अपना सस्पेंस कायम रखा है। मगर विधानसभा चुनाव से पहले मायावती का एकला चलो का ऐलान कांग्रेस ही नहीं, बल्कि विपक्षी एकता के लिए ऊी नुकसानदायक ही साबित होगा। हो सकता है कि बसपा के अलग होने से कांग्रेस को इन राज्यों में नुकसान उठाना पड़े।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com