विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हुआ चौकाने वाला खुलासा, गाड़ी के बोनट पर चढ़कर मारी थी सिपाही ने गोली
By: Priyanka Maheshwari Tue, 02 Oct 2018 2:20:38
लखनऊ के गोमतीनगर इलाके में पुलिस के एक सिपाही की गोली लगने से मारे गए निजी कंपनी के एक प्रबंधक विवेक तिवारी के परिवार ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। इस दौरान सीएम ने उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। मुलाकात के बाद कल्पना ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी बातों को गंभीरता से सुना और सभी मांगों को पूरा करने का आश्वासन भी दिया। वहीं, इस मुलाकात के बाद डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने विवेक की मां और बच्चों के नाम से फिक्सड डिपॉजिट करने की भी घोषणा की। दिनेश शर्मा ने कहा कि सीएम योगी चाहते हैं कि बच्चों की पढ़ाई में किसी तरह की दिक्कत न आए, इसके लिए बच्चों के नाम से 25 लाख की फिक्सड डिपॉजिट (एफडी) सरकार करेगी। वहीं, विवेक की मां के नाम भी पांच लाख रुपये की एफडी कराई जाएगी। वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने कहा कि सरकार को बिना कोई देरी किये इस मामले की उच्च स्तरीय जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है और सरकार इस मामले पर लीपापोती कर रही है। बीएसपी सुप्रीमो ने यह भी कहा कि इस मामले में अगड़ी जाति विशेषकर ब्राह्मण समाज के लोगों का कुछ ज्यादा ही शोषण एवं उत्पीड़न हो रहा है।
ऊंचाई से मारी गई थी विवेक को गोली
उधर इस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट सामने आ चुकी है जिसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि विवेक तिवारी को गोली सामने से ऊंचाई से मारी गई क्योंकि विवेक के शरीर में गोली ऊपर से नीचे की ओर गई है। इससे मामले में विवेक की पत्नी कल्पना तिवारी ने जो एफआईआर दर्ज कराई थी उसमें भी लिखा है कि सिपाही प्रशांत चौधरी ने शीशे से अपनी पिस्टल सटाकर गोली मारी। विवेक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और पत्नी की एफआईआर देखकर लगता है कि शायद विवेक की गाड़ी के बोनट पर चढ़ के गोली मारी गई, क्योंकि गोली अगर सड़क पर खड़े होकर चलाई गई होती तो वो ऊपर से नीचे नहीं जाती। विवेक तिवारी की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के मुताबिक, विवेक के चेहरे के बाई तरफ प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मारी गई है ।
गौरतलब है कि एक कंपनी में कार्यरत विवेक तिवारी (38) की मौत 29 सितंबर की रात को कार्यालय से घर लौटते समय पुलिस की गोली लगने से हो गयी थी। उत्तर प्रदेश पुलिस के अनुसार, सिपाही प्रशांत चौधरी ने उन्हें कार रोकने को कहा। कार नहीं रोकने पर कथित रूप से प्रशांत ने विवेक पर गोली चला दी। गंभीर रूप से घायल विवेक की इलाज के दौरान मौत हो गई। पोस्टमॉर्टम में उनके सिर में गोली मिली थी।
इस मामले में दोनों आरोपी सिपाही प्रशांत और संदीप को बर्खास्त कर दिया गया है। दोनों को गिरफ्तारी करने के बाद शनिवार को ही जेल भेज दिया गया था। मृतक विवेक तिवारी का रविवार को लखनऊ स्थित बैकुंठधाम में अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान योगी सरकार में कानून मंत्री बृजेश पाठक और कैबिनेट मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद थे।
राजनीति सरगर्म
इस शूटआउट के बाद उत्तर प्रदेश की योगी सरकार विपक्षी पार्टियों के निशाने पर आ गई है। राज बब्बर, मायावती, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव जैसे नेताओं ने यूपी की बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है। अखिलेश यादव ने यूपी सरकार पर असंवेदनशील रवैया अपनाने का आरोप लगाया तो राज बब्बर ने आरोप लगाया कि घटना के वक्त पुलिसकर्मी नशे में थे और पुलिस ने उनका मेडिकल नहीं कराया।