लखनऊ विवेक हत्याकांड : अखिलेश का ट्वीट, कहा - असंवेदनशील रवैया छोड़े उप्र सरकार, तत्काल करे आर्थिक मदद की लिखित घोषणा
By: Priyanka Maheshwari Sun, 30 Sept 2018 08:55:51
लखनऊ पुलिस की मनमानी और बर्बरता ने शनिवार तड़के एपल के सेल्स मैनेजर विवेक तिवारी की जान ले ली। पुलिसकर्मियों के इशारे पर मैनेजर ने गाड़ी नहीं रोकी तो सिपाही ने उस पर फायरिंग कर दी। गोली सीधे विवेक के सिर में जा लगी, जिससे उसकी मौत हो गई। पुलिस की इस एक गलती की वजह से विवेक के हंसते खेलते परिवार में आज मातम छा गया है। इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए कहा कि एक पुलिस कर्मी द्वारा एक आम शहरी को गोली मार दिये जाने की घटना की तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘उत्तर प्रदेश में पुलिस ने एक आम आदमी की हत्या करके साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार में एनकाउंटर की हिंसात्मक संस्कृति कितनी विकृत हो गयी है। एक मल्टीनेशनल कम्पनी के एम्पलॉयी के मारे जाने से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की निगाह में भी प्रदेश की छवि विकृत हुई है। निंदनीय, हार्दिक संवेदना!।
एक अन्य ट्वीट में अखिलेश यादव ने कहा कि उप्र सरकार को असंवेदनशील रवैया छोड़कर तत्काल मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी व बच्चियों के भविष्य के लिए 5 करोड़ की आर्थिक मदद की लिखित घोषणा करनी चाहिए। परिवार की ज़िम्मेदारी क्या होती है, ये बात परिवारवाले ही जानते हैं। दुख की इस घड़ी में हम शोकाकुल परिवार के साथ खड़े हैं।
उप्र सरकार को असंवेदनशील रवैया छोड़कर तत्काल मृतक की पत्नी के लिए सरकारी नौकरी व बच्चियों के भविष्य के लिए 5 करोड़ की आर्थिक मदद की लिखित घोषणा करनी चाहिए. परिवार की ज़िम्मेदारी क्या होती है, ये बात परिवारवाले ही जानते हैं. दुख की इस घड़ी में हम शोकाकुल परिवार के साथ खड़े हैं.
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2018
उप्र में पुलिस ने एक आम आदमी की हत्या कर के साबित कर दिया है कि भाजपा सरकार में ‘एनकाउंटर’ की हिंसात्मक संस्कृति कितनी विकृत हो गयी है. एक मल्टीनेशनल कम्पनी के एम्पलॉयी के मारे जाने से अंतरराष्ट्रीय निवेशकों की निगाह में भी प्रदेश की छवि विकृत हुई है. निंदनीय. हार्दिक संवेदना!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 29, 2018
खाकी वर्दी में मौजूद एक-एक बदमाश को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा : डीजीपी ओम प्रकाश सिंह
वही इस घटना के बाद प्रदेश के डीजीपी ओम प्रकाश सिंह ने माफी मांगी है। शनिवार देर शाम उन्होंने इस अप्रत्याशित घटना को यूपी पुलिस का चरित्र न मान बैठने की अपील की। साथ ही यह भी कहा कि खाकी वर्दी में मौजूद एक-एक बदमाश को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग की जरूरत है।
डीजीपी ने ट्वीटर पर लिखा कि व्यक्ति की कीमती जिंदगी की भरपाई किसी भी क्षमा याचना से पूरी नहीं हो सकती न ही पीड़ित परिवार को पहुंचे इस आघात की भरपाई हो सकती है। मृतक विवेक तिवारी की पत्नी छोटी बेटियां और परिवार के लिए मेरा दिल भर आया है। मैं अपना दुख उनके साथ बांटता हूं। इस तरह का आपराधिक व्यवहार निंदनीय है और सख्त सजा पाने का हकदार है। हम सजा देने के लिए और वर्दी में मौजूद दुष्टों, बदमाशों को बाहर निकालने के लिए दृढ़ संकल्प हैं। इनकी वजह से हमारे सिर शर्म से झुक जाते हैं। हम पुलिस की व्यवहारगत सुधार और फोर्स के मानवीयकरण के लिए सुधारात्मक कदम उठाएंगे, जिसकी अब तक उपेक्षा होती रही है। अब यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता का एजेंडा रहेगा।
रविवार को होगा विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार, योगी आदित्यनाथ कर सकते है मृतक के परिजनों से मुलाकात
आज रविवार को विवेक तिवारी का अंतिम संस्कार किया जायेगा। वही खबर है कि सीएम योगी आदित्यनाथ मृतक के परिवार से घर जाकर मुलाकात कर सकते है। दरअसल मृतक की पत्नी ने पुलिस विभाग में नौकरी और एक करोड़ रुपये मुआवजे की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि जब तक उनकी मांगें नहीं मानी जाती, तब तक वह अपने पति का अंतिम संस्कार नहीं करेंगी। इस बीच लखनऊ के जिलाधिकारी कौशल राज ने परिवार के एक सदस्य को नगर निगम में नौकरी और आर्थिक सहायता के रूप में 25 लाख रुपये देने का लिखित आश्वासन दिया।
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में इस घटना के बारे में संवाददाताओं से कहा कि लखनऊ की घटना कोई मुठभेड़ की वारदात नहीं है। हम इसकी पूरी जांच कराएंगे। पहली नजर में दोषी दिख रहे पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ेगी तो हम सीबीआई को भी इसकी जांच सौंपेंगे।
बहरहाल, पुलिस महानिदेशक ओम प्रकाश सिंह ने मामले की जांच के लिए लखनऊ के पुलिस महानिरीक्षक सुजीत पांडे की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया है। पुलिस अधीक्षक (अपराध) और पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) को इसका सदस्य बनाया गया है। साथ ही जिलाधिकारी से इसकी मजिस्टीरियल जांच के आदेश देने का आग्रह किया गया है।
पढ़िए पूरा घटनाक्रम...
गोमतीनगर विस्तार में सीएमएस स्कूल के पास शुक्रवार रात करीब डेढ़ बजे एक कार खड़ी थी। उसी दौरान बाइक से गोमतीनगर थाने में तैनात सिपाही प्रशांत चौधरी और एक अन्य सिपाही वहां पहुंचे। दोनों ने कार में एक युवक और युवती को देखा तो मामला संदिग्ध समझ उनसे पूछताछ के लिए कार के पास पहुंचे। इतने में ही कार चला रहे मैनेजर विवेक तिवारी ने गाड़ी बढ़ा दी। पुलिस का कहना है कि उन्हें रोकने का प्रयास किया गया तो विवेक ने कार चढ़ाने की कोशिश की। इससे सिपाहियों को चोटें भी आई और उनकी बाइक भी क्षतिग्रस्त हो गई। इस पर भी जब कार नहीं रुकी तो सिपाही प्रशांत चौधरी ने फायरिंग कर दी। गोली सीधे विवेक के सिर में लगी। उसके बाद कुछ दूरी पर गाड़ी एक दीवार से टकराकर रुक गई।विवेक के साथ कार में बैठी उनकी कंपनी की कर्मचारी सना ने बताया कि विवेक के सिर से खून बहता देख उसने मदद के लिए गुहार लगाई। कुछ देर बाद पुलिस टीम मौके पर पहुंची। तत्काल विवेक को लोहिया अस्पताल ले जाया गया, जहां कुछ देर बाद उन्होंने दम तोड़ दिया।