सेना का इस्तेमाल वाले खत पर विवाद, बंटे सेना के पूर्व अफसर, राष्ट्रपति भवन ने नकारा कहा - ऐसा कोई पत्र नहीं मिला
By: Pinki Fri, 12 Apr 2019 3:09:56
सेना के राजनीतिक इस्तेमाल रोकने के लिए तीनों सेनाओं के 8 पूर्व प्रमुखों सहित 150 से अधिक पूर्व सैन्य अधिकारियों द्वारा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे गए पत्र की हकीकत सामने आ गई है। राष्ट्रपति भवन ने ऐसा कोई भी पत्र मिलने से इनकार किया है। यहां तक पत्र में जिन सैन्य अधिकारियों का जिक्र किया गया है, उन्होंने भी इसे नकारा है। हालांकि कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने इस पत्र के लिए सहमति दी थी और उन्हें अच्छी तरह पता था कि इसमें क्या लिखा था। राष्ट्रपति भवन के सूत्रों के अनुसार, उन्हें ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है, जो मीडिया में सर्कुलेट हो रहा है।
मीडिया में सर्कुलेट हो रहे इस पत्र पर जनरल एस एफ रॉड्रिग्ज का नाम भी शामिल है, जिन्होंने इस बारे में कोई भी जानकारी होने से इनकार किया है। उन्होंने कहा कि 42 साल तक ऑफिसर के रूप में रहते हुए उन्होंने सेना के जिस चरित्र को समझा था, वह गैर-राजनीतिक ही था और उन्हें नहीं लगता कि इसमें कोई भी बदलाव आया है। उन्होंने इस पत्र को फेक न्यूज बताया और यह भी कहा कि सेवा में रहते हुए उन्होंने हमेशा वही किया, जो सत्ताधारी सरकार ने कहा। उन्होंने इस पर अपना हस्ताक्षर होने से भी इनकार किया। दरहसल, कांग्रेस ने शुक्रवार को ही एक ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भले ही वोट के लिए सेना का इस्तेमाल करते हों, पर यह साफ है कि सशस्त्र बल भारत के साथ खड़ा है, न कि बीजेपी के साथ। यह पत्र यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी द्वारा भारतीय सेना को 'मोदी जी की सेना' बताने के बीच सामने आया है, जिस पर निर्वाचन आयोग ने भी संज्ञान लिया है।
एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने भी ऐसी किसी चिट्ठी पर साइन करने की बात से इनकार किया है। पूर्व आर्मी चीफ रॉड्रिग्स ने कहा, 'मैं नहीं जानता कि यह सब क्या है। मैं अपनी पूरी जिंदगी राजनीति से दूर रहा हूं। 42 साल तक अधिकारी के तौर पर काम करने के बाद अब ऐसा हो भी नहीं सकता। मैं हमेशा भारत को प्रथम रखा है। मैं नहीं जानता कि यह कौन फैला रहा है। यह फेक न्यूज का क्लासिक उदाहरण है।' पूर्व उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एम.एल नायडू ने भी कहा है कि ऐसे किसी पत्र के लिए उनकी ओर से सहमति नहीं ली गई थी और न ही मैंने ऐसा कोई पत्र लिखा है। एयर चीफ मार्शल एनसी सूरी ने कहा, 'यह एडमिरल रामदास की ओर से लिखा लेटर नहीं है। इसे किसी मेजर चौधरी ने लिखा है। उन्होंने इसे लिखा है और यह वॉट्सऐप और ईमेल किया जा रहा है। ऐसे किसी भी खत के लिए मेरी सहमति नहीं ली गई थी। इस चिट्ठी में जो कुछ भी लिखा है, मैं उससे सहमति नहीं हूं। हमारी राय को गलत ढंग से पेश किया गया है।'
General SF Rodrigues: We in the services have always done what the Govt in power ordered us, we are an instrument of the state.We are apolitical. Anyone can say anything and then sell it as fake news, I don't know who this gentleman is who wrote this(purported letter to Pres) pic.twitter.com/InUUEDHyhO
— ANI (@ANI) April 12, 2019
Former Army Vice Chief Lt General ML Naidu( who is mentioned at 20th in the list of armed forces veterans who purportedly wrote letter to President): No, my consent has not been taken for any such letter and neither have I written any such letter. (file pic) pic.twitter.com/v8H35Hp2WN
— ANI (@ANI) April 12, 2019
Air Chief Marshal NC Suri to ANI: To put an end to it,I wrote that armed forces are apolitical&support the politically elected govt. And no, my consent has not been taken for any such letter. I don’t agree with whatever has been written in that letter. We have been misquoted. 2/2 https://t.co/pAU6L6CZ54
— ANI (@ANI) April 12, 2019
Major General Harsha Kakkar (who is 31st on the list of armed forces veterans who purportedly wrote letter to President): Yes, I had given my consent for being a signatory to the letter. I had given my consent only after knowing the contents of it. (file pic) pic.twitter.com/o8rqGfqyAp
— ANI (@ANI) April 12, 2019
पूर्व उप सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एमएल नायडू ने भी ऐसे किसी पत्र के लिए अपनी सहमति देने या ऐसा कोई पत्र लिखने से इनकार किया। हालांकि मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) हर्ष कक्कड़ ने कहा कि उन्होंने इसके लिए सहमति दी थी और उन्हें पत्र में लिखी बातों की जानकारी थी, जिसके बाद ही उन्होंने इसके लिए सहमति दी थी।
मेजर जनरल हर्ष कक्कड़ ने कहा है कि उन्होंने चिट्ठी को पढ़ने के बाद अपना नाम शामिल करने पर सहमति दी थी। इसके अलावा पूर्व आर्मी चीफ शंकर रॉय चौधरी ने भी खत लिखे जाने की बात स्वीकारी है।