कर्नाटक चुनाव परिणाम 2018: आखिर कांग्रेस की कहां चूक हुई और कहां पर बीजेपी ने मतदाताओं को प्रभावित किया, 10 बाते

By: Pinki Tue, 15 May 2018 5:16:04

कर्नाटक चुनाव परिणाम 2018: आखिर कांग्रेस की कहां चूक हुई और कहां पर बीजेपी ने मतदाताओं को प्रभावित किया, 10 बाते

कर्नाटक चुनाव में परिणाम और रुझान का आना जारी है। अभी तक के परिणाम और रुझानों से साफ है कि बीजेपी बहुमत के आंकड़ा से कुछ दूर है और कांग्रेस को पिछले चुनावों की तुलना में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा है। वहीं जेडी(एस) को ना नफा हुआ है ना नुकसान। ऐसे में यह बात उठना लाजमी है कि आखिर क्यों कांग्रेस सत्ता में वापसी करने में अकसर असफल होती है और इसके उलट बीजेपी सत्ता में वापसी कर लेती है। वर्तमान में देश में 22 राज्यों में बीजेपी की सरकार और कांग्रेस मात्र 3 तीन राज्यों (पंजाब, पुदुच्चेरी और मिजोरम) तक सिमटकर रह गई है।

आखिर कांग्रेस की कहा चूक हुई और कहां पर बीजेपी ने मतदाताओं को प्रभावित किया

- भ्रष्टाचार का मुद्दा हमेशा से कांग्रेस के लिए मुसीबत बनता रहा है। इस चुनाव में भी बीजेपी ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार के लिए हमले किए। सीएम सिद्धारमैया को भी बीजेपी ने नहीं छोड़ा। वहीं बीजेपी ने बीएस येदियुरप्पा को सीएम पद का प्रत्याशी बना दिया जबकि वह भ्रष्टाचार के मुद्दे पर ही जेल जा चुके हैं। लेकिन कर्नाटक में कांग्रेस इसको मुद्दा नहीं बना पाई। सिद्धारमैया सरकार ने तीन साल तक येदियुरप्पा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की। दूसरी ओर बीजेपी ने सिद्धारमैया की महंगी घड़ी को मुद्दा बना दिया।

- कर्नाटक की आबादी में 8 फीसदी हिस्सा रखने वाला वोक्कालिगा समुदाय 48 विधानसभा सीटों पर प्रभाव रखता है। इस बार यह सिद्धारमैया से नाराज दिखा। कांग्रेस को पिछली बार की तुलना में इस समुदाय के प्रभाव वाले आधी सीटों पर नुकसान हुआ है। जनता दल(एस) अपने प्रभावक्षेत्र में वोक्कालिगा समुदाय का समर्थन हासिल करने में सफल रही। बीजेपी को भी वोक्कालिगा समुदाय का समर्थन मिला है।

- लोगों के बीच जाते समय कांग्रेस पार्टी पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर उसकी नीतियों के लिए कई हमले जरूर करती है। खामियां गिनाती है, लेकिन अपना निर्णय या नीति बताने के मामले में कांग्रेस पीछे रह गई।

- दलित प्रभाव वाले 38 सीटों पर बीजेपी को पहले की तुलना में इस बार काफी बढ़त हासिल है। पिछले चुनाव के मुकाबले बीजेपी को बहुत ज्यादा फायदा मिला है। हालांकि इन क्षेत्रों में बीजेपी और कांग्रेस को बराबर सीटें मिलती दिख रही हैं। कांग्रेस और जेडीएस को इन सीटों में नुकसान झेलना पड़ा है।

- मुसलमानों को बीजेपी के विरोधी के तौर पर प्रचारित किया जाता है। लेकिन इस समुदाय ने इस बार बीजेपी पर अपना विश्वास जताया है। कर्नाटक में 23 मुस्लिम बहुल सीटें हैं। 2013 में बीजेपी को 23 में से सिर्फ आठ सीटों पर जीत हासिल हुई थी लेकिन इस विधानसभा चुनाव में बीजेपी को दो सीटों का फायदा हो रहा है।

- बूथ लेवल मैनेजमेंट-बीजेपी में जब से अमित शाह पार्टी प्रमुख बने हैं तब से वह लगातार पार्टी को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए प्रयासरत हैं। अमित शाह ने बूथ लेवल पर पार्टी के कार्यकर्ता की जिम्मेदारी तय कर रखी है और उनसे लोगों के बीच संपर्क बनाए रखने को कहा है। कांग्रेस काफी लंबे समय से ऐसा नहीं कर पाई है।

- इस चुनाव में जहां बीजेपी केंद्र की मोदी सरकार के कामकाज का बखान करती रही और इस राज्य सरकार बनाम केंद्र सरकार बना दिया। वहीं कांग्रेस सिद्धारमैया के काम को गिनाने और लोगों को समझाने में पीछे रह गई।

- 10 सीटों पर प्रभावी आदिवासी समुदाय इस चुनाव में कांग्रेस के समर्थन में खड़ा नजर आया। हालांकि यहां भी बीजेपी और जेडीएस को पिछले चुनाव के मुकाबले सीटों का फायदा हुआ है।

- सिद्धारमैया के प्रभाव क्षेत्र वाले 50 सीटों पर कांग्रेस पिछले चुनाव के मुकाबले भारी नुकसान झेलना पड़ा है। वहीं बीजेपी को जबरदस्त फायदा हुआ है। जेडीएस को भी जहां पिछले चुनाव में कोई सीट नहीं मिली थी उसे भी कुछ सीटें मिली हैं।

- भले ही देश में एससी/एसटी एक्ट के दौरान भाजपा विपक्षियों के निशाने पर रही और देशव्यापी आंदोलन हुआ। लेकिन कर्नाटक विधानसभा चुनाव में पिछड़ा वर्ग ने बीजेपी के साथ खड़ा दिखा है। पिछड़ा वर्ग के प्रभाव वाले 24 सीटों पर भाजपा को करीब दो तिहाई सीटें पर समर्थन मिला है।

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