श्रमिक स्पेशल ट्रेन / मजदूरों का दर्द, रेल किराए हमने दिया, 28 घंटे लंबे सफर में खाने को मिला दो पैकेट चिप्स, एक पैकेट बिस्कुट और एक बोटल पानी
By: Pinki Tue, 05 May 2020 2:12:23
देशभर में लॉकडाउन के चलते 17 मई तक सभी रेल सेवाएं रद्द हैं। लेकिन देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे लोगों के लिए 'श्रमिक स्पेशल ट्रेन' चलाई जा रही हैं। इसी के साथ मजदूरों से रेल किराए को लेकर विवाद तेज हो गया है। गोरखपुर, लखनऊ, धनबाद पहुंचे बहुत से श्रमिकों ने दावा किया है कि उनसे पैसे लेकर टिकट दिया गया है।
महाराष्ट्र से चली श्रमिक स्पेशल ट्रेन से सोमवार सुबह गोरखपुर पहुंची। यहां पहुंचे अधिकांश प्रवासी मजदूरों ने भी रेल किराए का भुगतान करने की बात कही। उनसे प्रत्येक टिकट के बदले 745 रुपये वसूले गए। कई यात्रियों ने 28 घंटे लंबे सफर में काफी दुश्वारियां झेलने की शिकायत की। उन्होंने बताया कि पूरा सफर दो पैकेट चिप्स, एक पैकेट बिस्कुट और एक बोतल पानी के सहारे काटना पड़ा।
मुंबई सेंट्रल में वेंडर का काम करने वाले शिवम सिंह भी श्रमिक स्पेशन ट्रेन से लखनऊ पहुंचे। उन्होंने बताया कि नासिक के पंचवटी, मखमलाबाद नाका के 12 नंबर स्कूल में रोके गए श्रमिकों को टिकट लेने पड़े। इसके लिए उनसे पैसा मांगा गया। जिनके पास पैसे नहीं थे उनकी अन्य साथियों ने मदद की। यहां के श्रमिकों को जनरल क्लास के 420 रुपये किराये वाले टिकट दिए गए जबकि उनसे 50 रुपये अतिरिक्त लिए गए। कुक 479 रुपये श्रमिकों से वसूले गए।
झारखंड पहुंचे मजदूर बोले, हमने टिकट के पैसे चुकाए
अलबत्ता केरल के तिरुवनंतपुरम से झारखंड के जसीडीह पहुँची विशेष ट्रेन के इन यात्री मज़दूरों को उनके घरों तक पहुँचाने के लिए झारखंड सरकार ने बसों का इंतज़ाम किया था। केरल से चली ऐसी दो ट्रेनें सोमवार दोपहर झारखंड पहुँची। इन ट्रेनों में सफर करने वाले मज़दूरों का कहना है कि उन्होंने अपना किराया खुद भरा।
मज़दूरों ने कहा धनबाद के लिए 860 रुपये तो जसीडीह के लिए 875 रुपये वसूले गए। स्पेशल ट्रेन में 22 जिलों के 1129 मजदूर सवार थे। कई मजदूरों ने बताया कि उनके पास पैसे खत्म हो गए थे। ऐसे में किसी को घर से पैसे मंगाकर टिकट लेना पड़ी तो किसी ने उधार लेकर टिकट खरीदा।
श्रमिक स्पेशल ट्रेन से केरल प्रांत के तिरुवनंतपुरम से सोमवार को जसीडीह जंक्शन पहुंचे मजदूरों ने बताया कि उन्हें 875 रुपये का टिकट लेना पड़ा। धनबाद लौटे कुछ मजदूरों ने कहा कि सरकार ने ट्रेन चलाकर अच्छा किया। हम लोग सुरक्षित घर लौट आए, लेकिन रेलवे ने 860 रुपये किराया वसूला। टिकट के पैसे नहीं थे, उधार लेकर आना पड़ा।
सूरत से झारखंड आए 1200 मजदूरों ने भी रेल टिकट दिया। लॉकडाउन के बीच फंसे इन मजदूरों के पास सूरत में खाने पीने का ठिकाना नहीं था तो भला अपने गांव कैसे ट्रेन से यात्रा कर पाते। कई लोगों ने अपने गांव से रुपए मंगाए थे तो किसी ने अपने मालिक से उधार लिए थे। इन मजदूरों से यात्रा के लिए 700-700 रुपये लिए गए थे।
केरल से पटना पहुंचे प्रवासियों को जेब से पैसा खर्च कर घर लौटना पड़ा है। मजदूरों का कहना था कि स्पेशल ट्रेन से 910 रुपये का टिकट कटाना पड़ा है। दो ट्रेनों में 2310 मजदूर सोमवार को केरल से पटना लौटे हैं।
वहीं, इन सबके बीच केंद्र सरकार ने कहा कि हमने मजदूरों से किराया वसूलने की बात नहीं की। विशेष ट्रेन से यात्रा का 85% खर्च रेलवे और 15% राज्यों ने उठाया है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोरोना संक्रमण से जुड़ी प्रेस कांफ्रेस में कहा कि लॉकडाउन के दौरान हमने लोगों को सलाह दी थी कि जो जहां है, वहीं रहे। विशेष स्थिति में ट्रेन चलाने की अनुमति दी गई है।