आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर रोकी गई अमरनाथ यात्रा, एडवाइजरी के बाद कश्मीर से लौटने लगे हैं तीर्थयात्री

By: Pinki Sat, 03 Aug 2019 07:38:30

आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर रोकी गई अमरनाथ यात्रा, एडवाइजरी के बाद कश्मीर से लौटने लगे हैं तीर्थयात्री

पिछले कई हफ़्तों से जम्मू-कश्मीर में सेना की चहल-पहल बढ़ गई है, जम्मू-कश्मीर में 10 हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती के बाद गुरुवार को केंद्र सरकार ने 28 हजार और सुरक्षाकर्मियों को भेजने का फैसला किया। उसके बाद आतंकी हमले की आशंका के मद्देनजर अमरनाथ यात्रा को समयसे पहले खत्म करने को कहा है। जम्मू कश्मीर के गृह सचिव ने अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों को एडवाइजरी कर उन्हें तुरंत घाटी छोड़ने की सलाह दी है। एडवाइजरी के बाद अमरनाथ यात्री कश्मीर से वापस लौटने लगे हैं। बताया जा रहा है कि सुरक्षा बलों ने सर्च ऑपरेशन के दौरान अमरनाथ यात्रा के रूट पर आतंकियों के एक गुप्त ठिकाने से अमेरिकन स्नाइपर राइफल एम-24 बरामद की। इसके अलावा पाकिस्तान में निर्मित बारूदी माइन और अन्य विस्फोटक भी बरामद हुए हैं। माइन का इस्तेमाल पाकिस्तानी सेना करती है। जिसके बाद यात्रा रोकने का फैसला किया गया। ये यात्रा 15 अगस्त तक चलनी थी, लेकिन रोक दी गई है। आतंकी खतरे को भांपते हुए तुरंत ये एडवाइजरी की गई कि अमरनाथ यात्री अमरनाथ यात्रा मार्ग में जहां कहीं भी हैं वो अपने-अपने घरों की तरफ लौटने की कोशिश करें, क्योंकि उनपर हमले की बड़ी साजिश रची जा रही है।

जब यह फैसला लिया गया तो कुछ यात्री रास्ते के बीच में थे, जबकि कुछ स्टेशन के इर्द गिर्द ही थे। वे सभी अब वहां से अपने-अपने गंतव्य को लौटने लगे हैं।

जम्मू कश्मीर के गृहसचिव ने एडवाइजरी में लिखा है कि आतंकी खतरे, खासतौर पर अमरनाथ यात्रा को निशाना बनाने के खतरे पर खुफिया विभाग के ताजा इनपुट और कश्मीर घाटी के सुरक्षा हालात को ध्यान में रखते हुए अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों के हित में ये सलाह दी जाती है कि वो तुरंत घाटी में अपने ठहराव को छोटा करें और जितना जल्द हो सके वापस लौटने के उपाय करें।

अमरनाथ यात्रा 15 अगस्त को खत्म होने वाली थी, लेकिन इस एडवाइजरी का मतलब है कि इसे अनौपचारिक तौर पर रोक दिया गया है। इससे पहले सीआरपीएफ, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना ने श्रीनगर में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये दावा किया कि अमरनाथ यात्रियों पर स्नाइपर से हमले की कोशिश को सुरक्षाबलों ने पूरी तरह नाकाम कर दिया। इस एडवाइजरी से ये सवाल उठने लगे है कि क्या कश्मीर में सब कुछ ठीक है? क्या कश्मीर में कुछ बड़ा होने वाला है? क्या सरकार अमरनाथ यात्रा मार्ग को सुरक्षित बनाने में नाकाम रही?

वही सरकार के इस एडवाइजरी के बाद जम्मू-कश्मीर की सियासत गरमा गई है। जम्मू-कश्मीर में पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला समेत कई विपक्षी नेताओं ने कल रात राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की है। नेताओं के साथ इस बैठक में राज्यपाल ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से उठाए गए कदम को अन्य मुद्दों से जोड़ने से जम्मू-कश्मीर में भय व्याप्त हुआ है। राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने राजनीतिक नेताओं से अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और ‘अतिशयोक्तिपूर्ण अफवाहों’ पर भरोसा ना करने के लिए कहने का अनुरोध किया। पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती, नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के प्रमुख शाह फैसल और पीपुल्स कांफ्रेंस के नेता सज्जाद लोन और इमरान रजा अंसारी के एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से मुलाकात की थी।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com