बिहार के पर्यटकों की विशेष मांग पर IRCTC की कोरोना महामारी के दौरान बंद हुई आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन पुनः चलाने का फैसला किया है। समस्तीपुर रेलमंडल के रक्सौल स्टेशन से 14 दिनों की यात्रा के लिए आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन 31 जनवरी से चलेगी। आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन 31 जनवरी को चल कर 13 फरवरी को लौट आएगी। यह पूरी यात्रा 13 रात और 14 दिनों की होगी और इसका कुल किराया सब्सिडी के तहत 13230 रुपये रखा गया है। बता दें कि ट्रेन चलाने की घोषणा होते ही 500 श्रद्धालुओं ने बुकिंग भी करा ली है। आईआरसीटीसी के क्षेत्रीय प्रबंधक राजेश कुमार ने बताया कि यह ट्रेन 31 जनवरी 2021 को रक्सौल से सुबह 8 बजे चलेगी। सीतामढ़ी ,दरभंगा ,समस्तीपुर, मुज़फ्फरपुर, पटना, मोकामा, किउल, आसनसोल के यात्रियों को लेते हुए ये ट्रेन 2 फरवरी को तिरुपति पहुंचेगी।
कोविड-19 की गाइडलाइंस का होगा पूरा पालन
रेलवे ने सुखद यात्रा कराने को लेकर खास तैयारियां शुरू कर दी हैं। रेलवे के मुताबिक कोविड के मद्देनजर आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन में आपात स्थिति को ध्यान में रखते हुए आइसोलेशन कोच भी लगाए जाएंगे। इसके साथ ही ट्रेन में डॉक्टर भी रहेंगे। कोविड-19 के गाइडलाइंस को ध्यान में रखते हुए आस्था स्पेशल ट्रेन में मास्क और सैनेटाइजर का भी इंतजाम किया जाएगा। माना जा रहा है कि आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन एक तरह से सुरक्षा कवच के साथ श्रद्धालुओं को तीर्थ स्थलों की यात्रा कराएगी।
दक्षिण भारत के इन तीर्थ स्थलों के होंगे दर्शन
रेलवे ने आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन से 14 दिनों के अंदर यात्रियों को दक्षिण भारत के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के दर्शन कराने का पूरा खाका तैयार किया है। इसमें सबसे पहले श्रद्धालुओं को तिरुपति में बालाजी मंदिर के दर्शन कराए जाएंगे। इसी तरह मदुरई में मीनाक्षी मंदिर, रामेश्वरम में रामनाथस्वामी मंदिर, कन्याकुमारी में कन्याकुमारी टेंपल और विवेकानंद रॉक। वहीं त्रिवेंद्रम में पद्मनाभस्वामी मंदिर और अंत में पुरी के जगन्नाथ टेंपल के दर्शन कराए जाएंगे।
श्रद्धालुओं के लिए शाकाहारी भोजन की होगी व्यवस्था
आस्था सर्किट स्पेशल ट्रेन में श्रद्धालुओं के लिए स्लीपर क्लास की व्यवस्था होगी। वहीं, शाकाहारी भोजन, पानी की बोतल के साथ घूमने के लिए बस, रहने के लिए धर्मशाला की व्यवस्था, प्रत्येक कोच में सिक्योरिटी गार्ड एवं टूर एस्कॉर्ट उपलब्ध रहेगा। कुल मिलाकर आईआरसीटीसी (रेलवे) ने कम खर्च पर बिहार के लोगों को दक्षिण भारत के तीर्थ स्थलों के दर्शन कराने की पूरी व्यवस्था की है।