LAC पर चीन के साथ फिर तनाव, 3 दिन में तीन बार की घुसपैठ की कोशिश, हर बार खाई मात

By: Pinki Wed, 02 Sept 2020 09:01:29

LAC पर चीन के साथ फिर तनाव, 3 दिन में तीन बार की घुसपैठ की कोशिश, हर बार खाई मात

लद्दाख बॉर्डर पर भारत और चीन के बीच लगातार तनाव की स्थिति बनी हुई है। विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को बताया कि कल यानी 31 अगस्त को भी चीन ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर हालात को बिगाड़ने की कोशिश की थी। लेकिन, भारतीय सेना की मुस्तैदी से इसे नाकाम कर दिया गया। चीन ने ये कोशिश तब की थी, जब ताजा विवाद को निपटाने के लिए ब्रिगेडियर कमांडर लेवल की बात हो रही थी। सूत्रों की मानें, तो चीन की ओर से 7-8 बड़े वाहन भारतीय सीमा की ओर आने लगे, लेकिन चेपूज़ी कैंप के पास जहां भारतीय सेना के जवान पहले से मुस्तैद से उन्हें आगे ना बढ़ने दिया। इन खबरों के कुछ देर बाद सेना ने बयान जारी कर कहा कि यह घुसपैठ नहीं कही जा सकती। चीनी सैनिक अपनी सीमा में रुटीन पीसकीपिंग एक्टिविटी कर रहे थे।

रक्षा मंत्रालय ने सोमवार को एक नोट जारी कर चीन की धोखेबाजी के बारे में बताया था। इसके मुताबिक 29-30 अगस्त की रात चीन के करीब 500 सैनिकों ने एक पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। रक्षा मंत्रालय ने कहा कि हमारी सेना शांति चाहती है, लेकिन अपनी सीमाओं की सुरक्षा करना भी जानते हैं। चीन के द्वारा लगातार घुसपैठ की कोशिशों पर भारत ने सख्त रवैया अपनाया है। विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया है कि तीन ने लगातार बॉर्डर पर उकसाने वाले काम किए हैं और घुसपैठ की कोशिश की है। हमने चीन के सामने डिप्लोमेटिक और मिलिट्री लेवल पर इस मसले को उठाया है।

सेना के सूत्रों के मुताबिक, दक्षिणी पैंगॉन्ग के विवादित इलाके में पूरी तरह से भारत का कब्जा है। यहां की कई चोटियों पर आर्मी मौजूद है। सेना की तरफ से यह भी कहा गया है कि चोटियों पर हमारे जवान इसलिए काबिज हैं, क्योंकि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) को लेकर भारत की स्थिति एकदम साफ है।

आर्मी के सूत्रों ने यह भी बताया कि हमने मुश्किल समझे जाने वाले स्पांगुर गैप, स्पांगुर झील और इसके किनारे की चीनी सड़क पर भी कब्जा कर लिया है। चीन लद्दाख सीमा पर कई चोटियों पर अपना दावा करता रहा है। वह पैंगॉन्ग सो झील के पूरे दक्षिणी हिस्से और स्पांगुर गैप पर भी कब्जा करना चाहता था, ताकि बढ़त हासिल कर सके।

कैमरों की परवाह किए बिना हक जमाया

सेना के मुताबिक, चीन ने पहाड़ों पर कैमरे और निगरानी उपकरण लगा रखे थे, ताकि उन्हें हमारी गतिविधियों का पता चल सकें। इन सबके बावजूद जवानों ने विवादित क्षेत्र में कब्जा कर लिया। इतना ही नहीं, भारतीय सेना के कब्जे के बाद चीन ने अपने कैमरे और सर्विलांस इक्विपमेंट्स हटा लिए।

बैकफुट पर चीन, विदेश मंत्री और मंत्रालय दोनों के बयान आए

भारत के ठोस दावे के बाद चीन की बौखलाहट दिखी। विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, 'भारत और चीन के बीच विवाद की वजह सीमा का निर्धारण न होना है। इसके चलते हमेशा समस्या बनी रहेगी। फिर भी हम भारत से बातचीत के जरिए मुद्दे सुलझाने को तैयार हैं।'

वहीं, विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि दोनों पक्षों (भारत-चीन) को तथ्यों को ध्यान में रखना चाहिए, ताकि द्विपक्षीय रिश्तों में कोई अड़चन न आए और सीमा पर शांति कायम रहे। चीन न तो कभी युद्ध भड़काने में विश्वास रखता है, न ही हमने किसी दूसरे देश की इंच जमीन कब्जाई है। हमारी सेनाओं ने कभी भी सीमा पार नहीं की। लगता है कि कुछ कम्युनिकेशन का मसला है।

बैठकों का दौर

लद्दाख में चीनी घुसपैठ से बढ़े तनाव के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल ने मंगलवार को हालात की समीक्षा की। बताया जा रहा है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह आज हाईलेवल मीटिंग बुला सकते हैं।

इस बीच, लद्दाख में सीमा पर तनाव के बीच भारत-चीन के आर्मी अफसर लगातार दूसरे दिन मीटिंग कर रहे हैं। पैंगॉन्ग सो झील के दक्षिणी किनारे की एक पहाड़ी पर चीन के कब्जे की नाकाम कोशिश के बाद ये बातचीत की जा रही है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक दोनों देशों के ब्रिगेड कमांडर लेवल के अधिकारी चर्चा में शामिल हैं। ये मीटिंग चुशूल सेक्टर में नियंत्रण रेखा से 20 किलोमीटर दूर स्थित मॉल्दो में हो रही है।

सेना के अधिकारियों ने बताया कि चीन का इरादा अपने इलाके की ब्लैक टॉप नाम की पहाड़ी के सामने वाली भारतीय चोटी पर कब्जा करना था। इसके बाद चुशूल के बड़े इलाके में चीन की पकड़ मजबूत हो सकती थी। चीन के सैनिक उस निचले इलाकों में डटे हुए हैं, जो 3 चोटियों पर बैठे भारतीय सैनिकों की निगरानी में है।

चीन ने कहा- भारत ने ही एग्रीमेंट तोड़ा

चीन ने उल्टा दोष मढ़ते हुए कहा है कि भारतीय सैनिकों ने वार्ता में बनी आम सहमति का ध्यान नहीं रखा। हम मांग करते हैं कि भारत अपने सैनिकों को पीछे हटाए।

कैलाश-मानसरोवर झील के किनारे चीन की मिसाइलें तैनात


न्यूज एजेंसी के मुताबिक चीनी सेना ने लद्दाख से लगे होतान एयरबेस पर जे-20 फाइटर प्लेन तैनात किए हैं। कैलाश-मानसरोवर झील के किनारे जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइलें भी तैनात कर दी हैं।

चीन 3 इलाकों से पीछे नहीं हट रहा

आर्मी और डिप्लोमैटिक लेवल की कई राउंड की बातचीत के बावजूद चीन पूर्वी लद्दाख के फिंगर एरिया, देप्सांग और गोगरा इलाकों से पीछे नहीं हट रहा। चीन के सैनिक 3 महीने से फिंगर एरिया में जमे हुए हैं। अब उन्होंने बंकर बनाने और दूसरे अस्थायी निर्माण करने भी शुरू कर दिए हैं।

बता दे, मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, NSA अजित डोभाल ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की और ताजा हालात के बारे में जाना। बॉर्डर पर चुशूल इलाके में अभी भी ब्रिगेडियर कमांडर लेवल की बात कर मसले को शांत करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन चीन है कि अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है।

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