बच्चों के आधार कार्ड इतने साल के बाद हो जाते है बेकार, जानिए इससे जुड़ी सभी बातें
By: Priyanka Maheshwari Mon, 08 Oct 2018 2:20:07
आधार कार्ड सरकार द्वारा भारत के नागरिकों को जारी किया जाने वाला पहचान पत्र है। इसमें 12 अंकों की एक विशिष्ट संख्या छपी होती है जिसे भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण जारी करता है। यह संख्या, भारत में कहीं भी, व्यक्ति की पहचान और पते का प्रमाण होता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) बच्चों के लिए बाल आधार जारी करता है। यह आधार कार्ड पांच वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए बनाया जाता है। बच्चों के लिए जारी किया जाने वाला आधार नीले रंग का होता है, और बच्चे के 5 वर्ष के होने पर यह आधार अमान्य हो जाता है। उसे निकटतम स्थायी नामांकन केंद्र जाकर इसी आधार संख्या से अपनी जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक विवरण अद्यतन कराने होते है। अन्यथा आधार अमान्य हो जाएगा।
कैसे बनवाएं अपने बच्चे के लिए बाल आधार
अपने बच्चे के साथ आधार इनरोलमेंट सेंटर जाएं और फॉर्म भरें।सेंटर पर बच्चे का और माता पिता में से किसी एक का जीवन प्रमाण पत्र लेकर जाएं।सेंटर पर बच्चे की फोटो खींची जाएगी जो बाल आधार पर लगेगी। बाल आधार माता पिता में किसी एक के आधार कार्ड से लिंक किया जाएगा। यहां बच्चे की कोई बायोमेट्रिक डिटल नहीं ली जाएगी। इसके लिए अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर जमा कराएं। वेरिफिकेशन और रजिस्ट्रेशन के बाद कंफर्मेशन मैसेज रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजा जाएगा। कंफर्मेशन मैसेज मिलने के 60 दिनों के भीतर माता पिता के रजिस्टर्ड पते पर बाल आधार भेज दिया जाएगा।
आपको बता दें कि नीले रंग के आधार को सबसे ज्यादा पूछे जाने वाला सवाल UIDAI ने अपनी वेबसाइट पर जारी किया है। आइए जानें...
मेरे बच्चे का आधार मुझे नीले रंग का प्राप्त हुआ है। क्या यह मान्य है?
हां, नीले रंग का आधार अन्य आधारों की तरह ही मान्य है। नई नीति के अनुसार, यूआईडीएआई नीले रंग का आधार (अर्थात् बाल आधार) 0-5 वर्ष के बच्चों के लिए जारी कर रहा है। बालक के 5 वर्ष का होने पर यह आधार अमान्य हो जाएगा और उसे निकटतम स्थायी नामांकन केंद्र जाकर इसी आधार संख्या से अपनी जनसांख्यिकीय और बायोमेट्रिक विवरण अद्यतन कराने होंगे। अन्यथा आधार अमान्य हो जाएगा।
स्कूल में बच्चो के एडमिशन के लिए आधार कार्ड नहीं है जरुरत
आपको बता दें कि अब कोई भी स्कूल बच्चों को आधार कार्ड न होने की वजह से एडमिशन देने से इनकार नहीं कर सकता। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण ने यह साफ कर दिया है कि अगर कोई स्कूल ऐसा करता है, तो वह अवैध गतिविधी होगी। अथॉरिटी ने स्कूलों को छात्र-छात्राओं के आधार पंजीकरण और अपडेट करने की खातिर सुविधा उपलब्ध कराने के लिए कहा है। आम आधार से कितना अलग होगा बाल आधार-यूआईडीएआई ने स्पष्ट किया है कि बाल आधार में बायोमेट्रिक आईडेंटिफिकेशन जैसे आइरिस स्कैन या फिंगरप्रिंट स्कैन की जरूरत नहीं होगी। जहां कहीं भी बच्चे की पहचान की जरूरत होगी वहां उसके माता पिता साथ जाएंगे। हालांकि, जैसे ही बच्चे की उम्र पांच वर्ष के पार होती है, उसे सामान्य आधार कार्ड जारी कर दिया जाएगा। इसमें सभी बायोमैट्रिक डिटेल्स होंगी।