बड़ा सवाल, मांस हलाल का है या झटके का, वैज्ञानिकों ने खोज निकाला इसका समाधान
By: Priyanka Maheshwari Mon, 12 Nov 2018 4:47:18
मुस्लिम समुदाय हलाल किया हुआ मांस ही खाता है। कुछ ऐसी वेबसाइट्स भी हैं जो हलाल मांस बेचने वाली दुकानों और बाजारों की पहचान करने में लोगों की मदद करती हैं। यह पता लगाना बेहद मुश्किल होता है कि मांस हलाल है या झटका। लेकिन अब वैज्ञानिकों ने इसका समाधान निकालने की कोशिश की है। हैदराबाद के 'नेशनल रिसर्च सेंटर ऑन मीट' (NRCM) ने एक लैब टेस्ट किया है जिससे यह पता चल सकेगा कि मांस का टुकड़ा इस्लामिक कानून के मुताबिक हलाल किया हुआ है या नहीं। NRCM वैज्ञानिकों ने लैब में हलाल किए गए भेड़ों के मांस की तुलना इलेक्ट्रॉनिक तरीके से काटे गए भेड़ के मांस से की। मॉलेक्यूलर लेवल पर दोनों में फर्क पाया गया। हलाल तरीके में एक खास प्रोटीन समूह में बदलाव देखा गया जबकि इलेक्ट्रॉनिक तरीके से स्लॉटर की गई भेड़ों में यह प्रभाव अलग था। इन बदलावों के आधार पर वैज्ञानिक यह बताने में सफल रहे कि मांस हलाल है या नहीं। वैज्ञानिकों ने दोनों तरह के मांस में ब्लड बायोकेमिकल पैरामीटर और प्रोटीन संरचना की जांच की। वैज्ञानिकों ने दोनों तरह के मांस में मसल्स प्रोटीन में अंतर को समझने के लिए 'डिफरेंस जेल इलेक्ट्रोफोरेसिस' पद्धति का इस्तेमाल किया। दोनों तरीकों में करीब 46 तरह की प्रोटीन पर प्रभाव देखा गया। वैज्ञानिकों ने यह भी बताया है कि जानवरों में मारे जाने से पहले का तनाव भी हलाल और बिना हलाल किए मांस की पहचान में मदद करेगा।
वैज्ञानिकों का कहना है कि यह दुनिया भर में इस तरह का पहला हलाल टेस्ट है। बता दें कि हलाल जानवरों को काटने की इस्लामिक प्रक्रिया है। इसमें जानवर की गर्दन पर धारदार हथियार 3 बार चलाते हैं और 3 बार ही बिस्मिल्लाह-अल्लाहु-अकबर पढ़ते हैं। जबकि झटके पद्धति में एक ही बार में जानवर को काटा जाता है।