नये कृषि कानूनों के समर्थन करने वाले किसान संगठनों को मिल रही धमकियां

By: Pinki Tue, 15 Dec 2020 4:50:21

नये कृषि कानूनों के समर्थन करने वाले किसान संगठनों को मिल रही धमकियां

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का आज 20वां दिन है। किसानों की ओर से नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की जा रही है। वहीं बहुत से किसान ऐसे हैं, जो कृषि कानूनों का समर्थन कर रहे हैं। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि उत्तर प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और हरियाणा के 10 किसान संगठनों ने कृषि कानूनों को सही बताया है और उनका समर्थन किया है। लेकिन इन किसान संगठनों को अब धमकियां मिल रही हैं। अनहोनी की आशंका के चलते उन्होंने पुलिस में शिकायत कर दी है। पुलिस ने उनके फोन की निगरानी शुरू कर दी है।

देश-विदेश से लगातार मिल रही धमकियां


हरियाणा के प्रगतिशील किसान और पद्मश्री से सम्मनित कंवल सिंह चौहान को नये कृषि कानूनों का समर्थन करना भारी पड़ रहा है। उनको देश-विदेश से लगातार धमकी भरी काल आ रहीं हैं। कृषि कानूनों का समर्थन करने पर उनको गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी मिल रही हैं। कनाडा, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया से काल करके उनको किसानों का गद्दार कहने के साथ ही अपशब्द भी कहे जा रहे हैं।

बता दे, कंवल सिंह चौहान के नेतृत्व में किसानों का 25 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल पिछले दिनों केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिला था। उन्होंने कृषि कानूनों को किसानों के हित में बताते हुए उनका समर्थन किया था। उन्होंने कानूनों में रद्द नहीं करते हुए इसमें कुछ सुधार पर जोर दिया था। प्रदेश के ये प्रगतिशीनल किसान धरना-प्रदर्शन के समर्थन में नहीं हैं।

अब इन किसानों के मोबाइल पर एक सप्ताह से लगातार धमकियां मिल रही हैं। फोन करने वाले देश के अलावा कनाडा, अमेरिका व आस्ट्रेलिया के भी एनआरआइ शामिल हैं। वे कंवल सिंह चौहान सहित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए भी अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं। कृषि सुधार कानूनों के साथ ही मोादी सरकार की नीतियों और गुजरात माडल का विरोध कर रहे हैं। वे कंवल सिंह चौहान को किसानों का गद्दार और देशद्रोही आदि कहने के साथ ही कृषि सुधार कानूनों का पुरजोर विरोध करने की चेतावनी दे रहे हैं। विरोध न करने पर उन सहित प्रतिनिधिमंडल में शामिल सभी किसानों को गंभीर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी जा रही है। उन्होंने इसकी शिकायत पुलिस से की है। पुलिस ने किसानों के मोबाइल नंबरों की निगरानी शुरू कर दी है।

सोनीपत के पुलिस अधीक्षक जशनदीप सिंह रंधावा ने इस संबंध में कहा कि मामले की जांच की जा रही है। अपने विचार के लिए सभी स्वतंत्र हैं। किसी को धमकाना या चेतावनी देना कानूनन अपराध है। हम रिपोर्ट दर्ज कराकर आरोपितों की पहचान कराकर यथोचित कार्रवाई करेंगे। किसानों की सुरक्षा को लेकर पुलिस-प्रशासन गंभीर हैं।

किसानों के लिए 24 घंटे तैयार

आपको बता दे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गुजरात के एक दिन के दौरे पर पहुंचे। यहां कच्छ में उन्होंने समुद्री पानी को पीने के पानी में बदलने वाले (डिसैलिनेशन) प्लांट, देश की सबसे बड़ी सौर परियोजना और एक ऑटोमैटिक मिल्क प्रोसेसिंग यूनिट का भी शिलान्यास किया। प्रधानमंत्री ने यहां से एक बार फिर आंदोलन कर रहे किसानों को समझाइश दी। उन्होंने कहा कि किसानों के कंधे से बंदूक चलाने वालों की हार होगी। पीएम मोदी ने कहा, 'कृषि सुधारों की मांग सालों से की जा रही थी। अनेक किसान संगठन हमेशा से यही मांग कर रहे थे कि अनाज को देश में कहीं पर भी बेचने का विकल्प दिया जाए। विपक्ष में बैठे लोग अपनी सरकार रहते ये कदम नहीं उठा पाए। हमारी सरकार ने ऐतिहासिक कदम उठाया तो विपक्ष के लोग किसानों को भ्रमित करने में जुट गए। हम किसानों की हर समस्या के समाधान के लिए 24 घंटे तैयार हैं। खेती पर खर्च कम हो, किसानों की आय बढ़े, मुश्किलें कम हों, इसके लिए लगातार काम किया। मुझे देश के हर कोने के किसानों ने आशीर्वाद मिला है। मुझे विश्वास है कि किसानों के आशीर्वाद की ताकत भ्रम फैलाने वालों, राजनीति करने पर आमादा लोगों और किसानों के कंधे से बंदूक चलाने वालों को परास्त कर देगी।'

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