प्रदेश में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा आयोजित कराई जा रही हैं जिसमें 17 लाख अभ्यर्थी शामिल हो सकते हैं। ऐसे में पुलिस भी लगातार सक्रिय हैं और आपराधिक तत्वों पर कारवाई कर रही हैं। बीते दिन पुलिस ने कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से पहले पेपर उपलब्ध करवाने के नाम पर ठगी करने वाले एक गिरोह के आठ बदमाशों को गिरफ्तार किया हैं। मामले में कार्रवाई करते हुए पश्चिम जिले की स्पेशल टीम और सिंधीकैंप थाना पुलिस ने सिंधीकैंप स्थित एक होटल में दबिश देकर शुक्रवार को एक गैंग को पकड़ा। इसमें शामिल गिरोह के सरगना व दो अभ्यर्थियों सहित आठ जनों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।
आपको बता दें कि शुक्रवार से ही पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पहला पेपर आयोजित हुआ था। अभी यह परीक्षा अगले दो दिनों तक चलनी है। जिसमें करीब 17 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है। ऐसे में जयपुर और स्पेशल टीमें इन नकलची और पेपर दिलवाने का झांसा देकर ठगी करने वाली गैंग की धरपकड़ के लिए सक्रिय थी।
मामले में जानकारी देते हुए डीसीपी प्रदीप मोहन शर्मा ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी सोनू मिश्रा यूपी के एटा स्थित अम्बेडकर नगर, रमेश कुमार सीकर के नेछवा, विजय अग्रवाल जयपुर के मुरलीपुरा, संदीप सूद दिल्ली के यमुना विहार, आशुतोष कुमार यूपी के गौतमबुद्ध नगर, संदीप कुमार सीकर के धौद, इन्द्र कुमार व राकेश कुमार सीकर के नेछवा के रहने वाले है। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ठगे गए 1.78 लाख रुपए, 11 मोबाइल फोन, एक लग्जरी कार व फर्जी नियुक्ति पत्र बरामद किए है।
वेस्ट जिले की डीएसटी टीम को सिन्धी कैम्प स्थित होटलों पर निगरानी के लिए लगा रखा था। इस दौरान सूचना मिली कि एक होटल में ठहरे कुछ लोग भर्ती परीक्षा में ठगी करने के लिए आए हुए है। तब टीम ने सिंधीकैंप पुलिस के सहयोग से दबिश देकर होटल के कमरों में ठहरे हुए आठ जनों को गिरफ्तार कर लिया।
दो गिरफ्तार आरोपी खुद परीक्षा देने वाले थे
एडिशनल डीसीपी बजरंग सिंह ने बताया कि पकड़े गए आरोपियों में संदीप कुमार व राकेश खुद कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के लिए अभ्यर्थी है। प्राथमिक जांच में सामने आया कि इस गिरोह का सरगना यूपी के एटा निवासी सोनू मिश्रा है। जिसने सीकर निवासी रमेश व मुरलीपुरा निवासी विजय के जरिए परीक्षा से पहले पेपर दिलाने का झांसा देकर पैसे वसूले है। ज्यादातर लोगों के पैसे आरोपी ने खाते में जमा करवा लिए।
50 हजार रुपए एडवांस लेता है सरगना
पूछताछ में सामने आया कि सोनू प्रदेश में होने वाली लगभग सभी भर्ती परीक्षाओं में सक्रिय रहता है। 6 लाख रुपए नौकरी लगाने का झांसा देता है। सबसे पहले 50 हजार रुपए एडवांस लेता है। उसके बाद बाकी पैसे पेपर देते समय लेता है। अगर पेपर नही मिलता तो सेन्टर में नकल कराने का झांसा देकर है। उसके बाद भी नही बात बनी तो फर्जी नियुक्ति पत्र देकर फरार हो जाता है।