कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आज चक्का जाम, क्या खुला, क्या बंद, जानें सब कुछ
By: Pinki Sat, 06 Feb 2021 08:32:39
कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ प्रदर्शन करे रहे किसान आज राष्ट्रव्यापी चक्का जाम (Chakka Jam) करने वाले हैं। किसान आज दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड को छोड़कर पूरे देश में चक्काजाम करेंगे। दोपहर 12 से 3 के बीच होने वाले इस चक्काजाम के दौरान एंबुलेंस और स्कूल बस जैसी जरूरी सर्विसेस को छूट रहेगी। दिल्ली में चक्काजाम नहीं है फिर भी दिल्ली की पुलिस सतर्क और मुस्तैद है। वहीं, भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि जो लोग यहां नहीं आ पाए वो अपने-अपने जगहों पर चक्का जाम शांतिपूर्ण तरीके से करेंगे। वहां, राजा ने खुद किलेबंदी कर रखी है। वहां हमें चक्काजाम करने की जरूरत ही नहीं है। समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि 6 फरवरी सिर्फ 2 राज्यों में चक्का जाम नहीं होगा। ये 2 राज्य हैं- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। इन 2 राज्यों और दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम होगा।
कल (6 फरवरी) सिर्फ 2 राज्यों में चक्का जाम नहीं होगा। ये 2 राज्य हैं- उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड। इन 2 राज्यों और दिल्ली को छोड़कर पूरे देश में चक्का जाम होगा: राकेश टिकैत #FarmersProtest pic.twitter.com/QnAHwdgzGe
— ANI_HindiNews (@AHindinews) February 5, 2021
बता दे, 40 किसान संगठनों ने ये चक्काजाम बुलाया है। शनिवार दोपहर 12 से 3 बजे तक चक्काजाम रहेगा। इस दौरान गाड़ियों को चलने नहीं दिया जाएगा। सभी नेशनल और स्टेट हाइवे को जाम किया जाएगा। यह चक्काजाम एक फरवरी को पेश किए बजट में किसानों की मांग की अनदेखी करने और दिल्ली की सीमा पर हो रहे आंदोलन की जगहों पर इंटरनेट बंद किए जाने के खिलाफ किया जा रहा है।
एक मिनट के लिए गाड़ियों के हॉर्न बजाए जाएंगे
टिकैत के मुताबिक 12 से 3 बजे तक चलने वाले चक्काजाम के दौरान जिन गाड़ियों को रोका जाएगा, उन्हें खाना और पानी दिया जाएगा। साथ ही बताया जाएगा कि सरकार उनके साथ क्या कर रही है। इस दौरान इमरजेंसी और जरूरी सर्विसेस जैसे एम्बुलेंस, स्कूल बस आदि को नहीं रोका जाएगा। दोपहर 3 बजे चक्काजाम खत्म होने के बाद एक साथ एक मिनट के लिए गाड़ियों के हॉर्न बजाए जाएंगे।
इसके साथ ही चक्का जाम पूरी तरह से शांतिपूर्ण और अहिंसक रहेगा। प्रदर्शनकारियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वे इस कार्यक्रम के दौरान किसी भी अधिकारी, कर्मचारियों या आम नागरिकों के साथ किसी भी टकराव में शामिल न हो।
भारतीय किसान यूनियन के नेताओं का कहना है कि वह ये दिखाना चाहते हैं कि किसान कितना ज्यादा एकजुट हैं। वह सरकार को अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं।