सावधान! क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करते वक़्त बरते ये सावधानियां, कही आप न हो जाये कार्ड क्लोनिंग के शिकार

By: Priyanka Maheshwari Thu, 11 Oct 2018 08:54:41

सावधान! क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करते वक़्त बरते ये सावधानियां, कही आप न हो जाये कार्ड क्लोनिंग के शिकार

जब से देश में प्लास्टिक मनी का चलन बढ़ा है तब से फ्रॉड के खतरे भी बढ़ गए है। आजकल कार्ड क्लोनिंग के जरिए लोगों को धोखा देने की खबरें लगातार आ रही है। इसके जरिए जालसाज़ किसी डेबिट कार्ड का क्लोन बना लेते हैं, यानी वैसा ही एक डुप्लीकेट कार्ड तैयार कर उसका इस्तेमाल करते हैं। ये तब होता है जब आप शॉपिंग कर रहे होते है। रेस्ट्रोरेंट में खाना खाने के बाद बिल पे करते है या फिर पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डलवा रहे होते है। जालसाज डेबिट और क्रेडिट कार्ड का डाटा चुराने के लिए कई तरह के तरीके अपनाते हैं। एक्सपर्ट्स बताते हैं कि होटल, पेट्रोल पंप, मेडिकल जैसे कई जगहों पर आपके साथ धोखा हो सकता है।

कैसे होती है कार्ड की क्लोनिंग- एक्सपर्ट्स का कहना है कि कई तरह की कार्ड स्किमर डिवाइस होती हैं जिनके अंदर क्रेडिट-डेबिट कार्ड स्वाइप करने पर उस कार्ड की सारी जानकारी आपके कंप्यूटर या लैपटॉप में आ जाती है। इसके बाद एक खाली कार्ड लिया जाता है और एडवांस्ड तरह के प्रिंटर के जरिए क्लोन किए गए कार्ड की सारी जानकारी उस कार्ड के ऊपर प्रिंट कर दी जाती है। कई बार तो हूबहू ओरिजनल कार्ड के जैसा डुप्लीकेट या क्लोन्ड क्रेडिट-डेबिट कार्ड तैयार कर लिया जाता है।

# फिशिंग में साइबर क्रिमिनल, कार्ड धारक के बैंक की ईमेल आईडी से मिलती-जुलती एक फर्जी ई-मेल आईडी तैयार करते हैं। उस फर्जी ई-मेल आईडी को कस्टमर को भेजकर सीक्रेट डेटा मंगाते हैं।

# क्रेडिट कार्ड क्लोनिंग के जरिए डुप्लिकेट कार्ड बनाकर लोगों को शिकार बनाते हैं। दरअसल, क्रेडिट कार्ड को मशीन से स्वाइप करने के दौरान ही कार्ड की मैगनेटिक स्ट्रिप पर दर्ज सारे डेटा को चुरा लिया जाता है। इसके बाद डुप्लिकेट कार्ड तैयार कर जालसाज शॉपिंग कर लेते हैं।

# बैंक की तरह मिलती-जुलती वेबसाइट की मदद से कार्ड की डिटेल लेकर भी कस्टमर को जालसाज अपना शिकार बनाते हैं। जैसे ही आप बैंक की साइट खोलते हैं, उसी लिंक से फर्जी साइट भी खुल जाती है। इस वेबसाइट में आप जैसे ही अपने कार्ड का नंबर और पासवर्ड एंटर करेंगे उसकी जानकारी जालसाजों के पास पहुंच जाती है।

सावधानी ही बचाव

- एटीएम से रकम निकालने से पहले जांच लें कि कोई स्कीमर तो नहीं है।
- स्वैपिंग पॉइंट के अगल-बगल हाथ लगाकर देखें। कोई वस्तु नजर आए तो सावधान हो जाएं। स्कीमर की डिजाइन ऐसी होती है कि वह मशीन का पार्ट लगे।
- कीपैड का एक कोना दबाएं, अगर पैड स्कीमर होगा तो एक सिरा उठ जाएगा।
- मौजूदा समय में जरूरी है कि डेबिट कार्ड का पिन बदल दें। इससे जालसाजों के जाल में फंसने से बच सकते हैं।
- अपना कार्ड कहीं दूर न ले जाने दें।
- सामने खड़े हो कर कार्ड पेमेंट करें।
- होटल, पंप, मेडिकल, दुकान पर इस बात की सावधानी रखें।
- फोन पर अपना पासवर्ड किसी को न बताएं।
- लालच देने वाले फर्जी मेल से सावधान रहें।

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