कोरोना वायरस / WHO ने कहा - Hydroxychloroquine से फायदा कम नुकसान ज्यादा, तुरंत रोके ट्रायल; चीन की तरफ उठी उंगुली

By: Pinki Tue, 26 May 2020 10:37:17

कोरोना वायरस / WHO ने कहा - Hydroxychloroquine से फायदा कम नुकसान ज्यादा, तुरंत रोके ट्रायल; चीन की तरफ उठी उंगुली

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोरोना के इलाज के लिए इस्तेमाल की जा रही मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) का ट्रायल सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए फिलहाल रोक दिया है। इस दवा के साइड इफेक्ट्स को देखते हुए ये फैसला लिया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि इस दवाई से कोरोना मरीजों को फायदा होने के बजाए ज्यादा नुकसान है। WHO की चीफ साइंटिस्ट सौम्या स्वामीनाथन ने बताया कि स्टीयरिंग कमिटी की सप्ताहांत बैठक हुई थी। हमने तय किया कि हमें प्रोऐक्टिव होना चाहिए और इसी के तहत हमने अस्थायी तौर पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के ट्रायल पर फिलहाल रोक लगाने का फैसला ले लिया है। अब रिव्यू पैनल कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा का प्रयोग करने वाले ब्रिटेन समेत विश्व में किए गए 7 और स्टडी को देखेगी और यह पता करने कि कोशिश करेगी क्या अन्य जगहों पर भी यही दिक्कत सामने आ रही है?

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चीन की तरफ उठी उंगुली

WHO के इस फैसले पर सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं और इसे चीन से जोड़ कर देख रहे है। खास बात ये है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप विश्व संस्था पर चीन की तरफदारी का आरोप लगा चुके हैं। WHO के इस फैसले के पीछे सोशल मीडिया पर लोग चीन का हाथ बता रहे हैं। क्योंकि बाकी किसी अन्य ड्रग के ट्रायल पर रोक नहीं लगी है बल्कि भारत में बनने वाली हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के ट्रायल पर रोक लगी है। नेल्सन एफ सिल्वा नामक एक ट्वीटर यूजर ने लिखा प्रिय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप। चीन ने अपने लैब में कोरोना के इलाज के लिए वैक्सीन की खोज कर ली है। और इसके परिणामस्वरूप WHO ने चीन के आग्रह पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर रोक लगा दी है।

WHO के चीफ तेद्रोस गेब्रियेसस के मुताबिक मेडिकल जर्नल लेन्सेट की एक स्टडी में पिछले हफ्ते कहा गया था कि कोरोना के मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देने से उनको जान का जोखिम बढ़ सकता है।

स्वास्थ्य के क्षेत्र में दुनियाभर के रिसर्च प्रकाशित करने वाली मशहूर पत्रिका द लैंसेट ने शुक्रवार को अपनी एक रिपोर्ट में इस बात का दावा किया है कि जो कोरोना मरीज हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) दवा ले रहे है उनकी मौत की संख्या इस दवाई को नहीं लेने वालों से ज्यादा है।

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के अलावा दूसरे ट्रायल जारी

WHO ने 17 देशों के 3,500 कोरोना मरीजों को HCQ दवा के ट्रायल के लिए शामिल किया था। विश्व संस्था ने इसे Solidarity Trial का नाम दिया था। इस ट्रायल का मकसद कोविड-19 (Covid-19) के इलाज के लिए दवाई ढूंढना था। ट्रायल में शामिल मरीजों पर हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन या कोविड-19 के इलाज के लिए प्रयोग किए जा रहे तीन और अन्य दवाओं का रैंडमाइज्ड ट्रायल शुरू किया जाता था। लेकिन केवल हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन के ट्रायल पर ही रोक लगाई गई है।

तेद्रोस ने सोमवार को बताया कि ट्रायल में शामिल दुनियाभर के सैंकड़ों अस्पतालों ने कोरोना के मरीजों को एहतियातन हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन देना बंद कर दिया है। इसके अलावा दूसरे ट्रायल जारी हैं। डेटा सेफ्टी मॉनिटरिंग बोर्ड आंकड़ों की समीक्षा कर रहा है।

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अमेरिकी राष्ट्रपति ने खुद Hydroxychloroquine लेने की बात कही

हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन आमतौर पर अर्थराइटिस (गठिया) के मरीजों को दी जाती है, लेकिन कई देशों का मानना है कि ये दवा कोरोना से बचाव में भी मददगार है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले हफ्ते कहा था कि वे खुद हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन ले रहे हैं। इसके बाद कई देशों ने इस दवा को थोक में खरीदना शुरू कर दिया था। ब्राजील का स्वास्थ्य मंत्रालय भी कोरोना के हल्के लक्षणों वाले मरीजों को हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन और मलेरिया की दवा क्लोरोक्वीन देने की सिफारिश कर चुका है।

ब्राजील बोला, हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल जारी रखेंगे

हालाकि, ब्राजील का कहना है कि WHO के रोक के बावजूद वह कोविड-19 के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल पर रोक नहीं लगाएगा। ट्रंप के तरह ही ब्राजील के राष्ट्रपति ब्राजील के राष्‍ट्रपति जैर बोल्‍सोनारो ने भी कोरोना वायरस के इलाज के लिए हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के इस्तेमाल की वकालत की थी।

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