इतिहास रचने को तैयार भारत, चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू, आज दोपहर 2:43 बजे होगी लौन्चिंग, तैयारियां पूरी

By: Pinki Mon, 22 July 2019 07:50:37

इतिहास रचने को तैयार भारत, चंद्रयान-2 का काउंटडाउन शुरू, आज दोपहर 2:43 बजे होगी लौन्चिंग, तैयारियां पूरी

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) के अध्यक्ष के सिवन ने रविवार को बताया कि रविवार शाम 6:43 बजे से चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) का काउंटडाउन शुरू हो गया है। इस उल्टी गिनती के दौरान रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणाली की जांच की जा रही है और रॉकेट के इंजन को शक्ति प्रदान करने के लिए ईंधन भरा जा रहा है। पहले चंद्रयान-2 को 15 जुलाई को तड़के 2:51 बजे लॉन्च किया जाना था। मगर तकनीकी खराबी के कारण रॉकेट के प्रस्थान करने से एक घंटा पहले उड़ान स्थगित कर दी गई। लॉन्चिंग से एक घंटे पहले इसमें तकनीकी खराबी का पता चलने के बाद इसे रोक दिया गया। अब 22 जुलाई को दोपहर 2:43 बजे इसे लॉन्च किया जाएगा। चंद्रयान में लिक्विड कोर स्टेज पर ईंधन भरने का काम पूरा हो गया है।

सोमवार को इसरो चंद्रयान-2 अंतरिक्ष यान को चांद पर भेजने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रविवार को इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (ISRO) चीफ के सिवन ने इस बाबत जानकारी देते हुए बताया कि चंद्रयान-2 के प्रक्षेपण को लेकर सभी तैयारी कर ली गई है। पहले की लॉन्चिंग के समय जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (जीएसएलवी मार्क-3) में आई तकनीकी खराबी दूर कर ली गई है।

चंद्रयान-2 भारत का दूसरा सबसे महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन है। इसे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से भारी-भरकम रॉकेट जियोसिन्क्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क 3 (जीएसएलवी एमके 3) से लॉन्च किया जाएगा। जीएसएलवी को 'बाहुबली' के नाम से भी पुकारा जाता है। यह रॉकेट 44 मीटर लंबा और 640 टन वजनी है। इसमें 3.8 टन का चंद्रयान रखा गया है।

बता दें कि इससे पहले 15 जुलाई को चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण तकनीकी खामी आ जाने पर रोक दिया गया था। प्रक्षेपण को तय समय से करीब 1 घंटे पहले टाल दिया गया था। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने ट्वीट किया था, 'तकनीकी गड़बड़ी के कारण 15 जुलाई, 2019 को रोका गया चंद्रयान-2 का प्रक्षेपण अब भारतीय समय के अनुसार सोमवार, 22 जुलाई, 2019 को दोपहर 2:43 बजे तय किया गया है।'

इसरो ने अपने जियोसिंक्रोनस सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल-मार्क तृतीय (जीएसएलवी-एमके तृतीय) में आई तकनीकी खामी दूर करने के बाद प्रक्षेपण के लिए संशोधित समय तय किया है। इससे पहले 15 जुलाई को इसी जीएसएलवी-एमके तृतीय रॉकेट में तकनीकी खामी आने के कारण चंद्रयान-2 की लॉन्चिंग नहीं हो पाई थी।

बता दे, चंद्रयान-2 वास्तव में चंद्रयान-1 मिशन का ही नया संस्करण है। इसमें ऑर्बिटर, लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) शामिल हैं। चंद्रयान-1 में सिर्फ ऑर्बिटर था, जो चंद्रमा की कक्षा में घूमता था। चंद्रयान-2 के जरिए भारत पहली बार चांद की सतह पर लैंडर उतारेगा। यह लैंडिंग चांद के दक्षिणी ध्रुव पर होगी। इसके साथ ही भारत चांद के दक्षिणी ध्रुव पर यान उतारने वाला पहला देश बन जाएगा।

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