जानें COVISHIELD और COVAXIN के बाद भारत में बाकी सात वैक्सीन का क्या है स्टेटस?

By: Pinki Tue, 05 Jan 2021 09:24:07

जानें COVISHIELD और COVAXIN के बाद भारत में बाकी सात वैक्सीन का क्या है स्टेटस?

कोरोना वायरस की दो वैक्सीन को भारत में ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया (DGCI) ने रविवार को आपातकालीन इस्तेमाल की अनुमति दे दी। इसके साथ ही भारत में 30 करोड़ लोगों के प्रायोरिटी ग्रुप को वैक्सीनेट करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। जिन दो वैक्सीन को इस्तेमाल की अनुमति मिली है वे है ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित कोविशील्ड (COVISHIELD) और भारत बायोटेक की कोवैक्सीन (COVAXIN)। कोविशील्ड को भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंडिया कंपनी बना रही है। वहीं, कोवैक्सीन को भारत बायोटेक कंपनी इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च (ICMR) और नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ वायरलॉजी (NIV) के साथ मिलकर बना रही है।

इन दोनों वैक्सीन को अप्रूवल मिलने के बाद, अब भी सात वैक्सीन ऐसी हैं, जिन पर भारत में काम हो रहा है। जानिए उनका स्टेटस क्या है और वे कब तक उपलब्ध होगी?

coronavirus,corona vaccine,coronavirus vaccine tracker,covaxin,covishield,zydus cadila,serum institute of india,biological e limited,geneva pharma,bharat biotech,news ,कोरोना वैक्सीन,कोरोना वायरस

- ZyCoV-D (Zydus Cadila)

अहमदाबाद की कंपनी जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की कोरोना वैक्सीन को DNA प्लेटफॉर्म पर बनाया जा रहा है। कैडिला इसके लिए बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के साथ मिलकर काम कर रही है।

Status: DCGI ने कैडिला की वैक्सीन को फेज-3 क्लीनिकल ट्रायल्स की अनुमति दे दी है।

कब मिलेगीः कम से कम तीन महीने का वक्त लग सकता है।

coronavirus,corona vaccine,coronavirus vaccine tracker,covaxin,covishield,zydus cadila,serum institute of india,biological e limited,geneva pharma,bharat biotech,news ,कोरोना वैक्सीन,कोरोना वायरस

- स्पुतनिक V (Dr. Reddy’s Laboratories)

रूस के गामालेया इंस्टिट्यूट की बनाई इस वैक्सीन को रूस समेत कुछ देशों में अप्रूवल मिल चुका है। रूसी इंस्टिट्यूट का दावा है कि फेज-3 ट्रायल्स के अंतरिम नतीजों में यह वैक्सीन 91.4% इफेक्टिव साबित हुई है। रूस में अगस्त में वैक्सीनेशन शुरू हुआ था। अब तक एक लाख से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है।

Status: भारत में डॉ. रेड्डी'ज लैबोरेटरी इस वैक्सीन के फेज-2/3 ट्रायल्स कर रही है।

कब मिलेगीः फरवरी तक डॉ. रेड्डी'ज के ट्रायल्स पूरे होने की उम्मीद है। भारत में इसके 30 करोड़ डोज उपलब्ध होंगे।

coronavirus,corona vaccine,coronavirus vaccine tracker,covaxin,covishield,zydus cadila,serum institute of india,biological e limited,geneva pharma,bharat biotech,news ,कोरोना वैक्सीन,कोरोना वायरस

- NVX-Cov 2373 (Serum Institute of India)

अमेरिकी कंपनी नोवावैक्स ने यह वैक्सीन बनाई है। इसके फेज-3 ट्रायल्स अमेरिका और मैक्सिको में पिछले महीने ही शुरू हुए हैं। इसमें 30 हजार वॉलंटियर शामिल होंगे।

Status: भारत में सीरम इंस्टिट्यूट ही इसे बना रहा है। इसके फेज-2/3 ट्रायल्स पर विचार हो रहा है।

कब मिलेगीः ट्रायल्स में कम से कम तीन महीने लग जाएंगे। यानी अप्रैल के बाद ही यह उपलब्ध होगी।

- डायनावैक्स वैक्सीन (Biological E Limited)

हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकल E लिमिटेड ने ह्यूस्टन में बेलर कॉलेज ऑफ मेडिसिन और अमेरिका की ही कंपनी डायनावैक्स टेक्नोलॉजी कॉर्प के साथ मिलकर इस वैक्सीन को बनाया है।

Status: बायोलॉजिकल E ने नवंबर में इसके शुरुआती ट्रायल्स किए हैं। नतीजे फरवरी अंत तक आ सकते हैं।

कब मिलेगीः अप्रैल में फेज-3 ट्रायल्स शुरू होंगे यानी जुलाई या उसके बाद ही यह वैक्सीन मिल सकेगी।

coronavirus,corona vaccine,coronavirus vaccine tracker,covaxin,covishield,zydus cadila,serum institute of india,biological e limited,geneva pharma,bharat biotech,news ,कोरोना वैक्सीन,कोरोना वायरस

- भारत की mRNA वैक्सीन (Geneva Pharma)

पुणे की कंपनी जेनोवा फार्मा मैसेंजर-RNA (mRNA) प्लेटफॉर्म पर वैक्सीन HGCO19 बना रही है। इसके लिए जेनोवा ने अमेरिका की HDT बायोटेक कॉर्पोरेशन (HDT Biotech Corporation) के साथ हाथ मिलाया है। यह वैक्सीन फाइजर और मॉडर्ना की वैक्सीन की तरह mRNA वैक्सीन प्लेटफॉर्म पर बनी है। इसे केंद्र सरकार के बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट की ओर से Ind-CEPI मिशन के तहत आर्थिक मदद दी गई है।

Status: फेज-1 ट्रायल्स शुरू होने वाले हैं। इसके लिए 120 वॉलंटियर्स को एनरोल किया जाएगा।

कब मिलेगीः कम से कम छह महीने तो ट्रायल्स और रेगुलेटरी प्रोसीजर में लग ही जाएंगे। जुलाई के बाद ही मिलेगी।

coronavirus,corona vaccine,coronavirus vaccine tracker,covaxin,covishield,zydus cadila,serum institute of india,biological e limited,geneva pharma,bharat biotech,news ,कोरोना वैक्सीन,कोरोना वायरस

- अरबिंदो फार्मा वैक्सीन

अरबिंदो फार्मा ने अमेरिकी सहायक कंपनी ऑरो वैक्सीन के साथ मिलकर इस वैक्सीन पर काम शुरू किया है। इसे प्रोपेक्टस बायोसाइंसेस ने विकसित किया है। इसके अलावा कंपनी अमेरिकी कंपनी COVAXX की वैक्सीन भी भारत में बनाएगी और बेचेगी।

Status: यह वैक्सीन इस समय प्री-क्लीनिकल ट्रायल्स में है।

कब मिलेगीः सब कुछ ठीक रहा तो इसके ट्रायल्स छह से सात महीने चल सकते हैं। यानी सितंबर के बाद मिलेगी।

coronavirus,corona vaccine,coronavirus vaccine tracker,covaxin,covishield,zydus cadila,serum institute of india,biological e limited,geneva pharma,bharat biotech,news ,कोरोना वैक्सीन,कोरोना वायरस

- नैजल वैक्सीन (Bharat Biotech)

हैदराबाद की कंपनी भारत बायोटेक (Bharat Biotech) इस समय दो नैजल वैक्सीन बना रही है। इनमें से एक वैक्सीन यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन के स्कूल ऑफ मेडिसिन के साथ मिलकर बना रहे हैं और दूसरी अमेरिकी कंपनी फ्लूजेन और यूनिवर्सिटी ऑफ विसकॉन्सिन-मैडिसन (University of Wisconsin-Madison) के साथ।

Status: फेज-1 ट्रायल्स जल्द ही शुरू होंगे। छह से सात महीने लग जाएंगे।

कब मिलेगीः सितंबर के बाद ही यह वैक्सीन उपलब्ध होगी। अच्छी बात यह है कि यह सिंगल डोज होगी और नाक में ड्रॉप्स के जरिए डाली जाएगी।

coronavirus,corona vaccine,coronavirus vaccine tracker,covaxin,covishield,zydus cadila,serum institute of india,biological e limited,geneva pharma,bharat biotech,news ,कोरोना वैक्सीन,कोरोना वायरस

कोवैक्सिन (Covaxin) की क्या है खासियत?

- कोवैक्सिन (Covaxin) के फेज-2 क्लिनिकल ट्रायल्स के नतीजे 23 दिसंबर को सामने आए थे। ट्रायल्स 380 सेहतमंद बच्चों और वयस्कों पर किए गए।
- 3 माइक्रोग्राम और 6 माइक्रोग्राम के दो फॉर्मूले तय किए गए। दो ग्रुप्स बनाए गए। उन्हें दो डोज चार हफ्तों के अंतर से लगाए गए।
- फेज-2 ट्रायल्स में कोवैक्सिन ने हाई लेवल एंटीबॉडी प्रोड्यूस की। दूसरे वैक्सीनेशन के 3 महीने बाद भी सभी वॉलंटियर्स में एंटीबॉडी की संख्या बढ़ी हुई दिखी।
- ट्रायल के नतीजों के आधार पर कंपनी का दावा है कि कोवैक्सिन की वजह से शरीर में बनी एंटीबॉडी 6 से 12 महीने तक कायम रहती है।
- एंटीबॉडी यानी शरीर में मौजूद वह प्रोटीन, जो वायरस, बैक्टीरिया, फंगी और पैरासाइट्स के हमले को बेअसर कर देता है।
- कंपनी का दावा है कि फेज-3 के लिए देशभर में सबसे ज्यादा 23 हजार वॉलंटियर्स पर ट्रायल हुआ।

कोवीशील्ड (Covishield) की क्या है खासियत?


- कोवीशील्ड (Covishield) के क्लिनिकल ट्रायल्स के एनालिसिस से बहुत अच्छे नतीजे सामने आए हैं। वॉलेंटियर्स को पहले हाफ डोज दिया और फिर फुल डोज। किसी को भी हेल्थ से जुड़ी कोई गंभीर समस्या देखने को नहीं मिली है।
- जब हाफ डोज दिया गया तो इफिकेसी 90% मिली। एक महीने बाद उसे फुल डोज दिया गया। जब दोनों फुल डोज दिए गए तो इफिकेसी 62% रही।
- दोनों ही तरह के डोज में औसत इफिकेसी 70% रही। सभी नतीजे आंकड़ों के लिहाज से खास हैं। इफिकेसी जानने के लिए वैक्सीन लगाने के एक साल बाद तक वॉलेंटियर्स के ब्लड सैम्पल और इम्युनोजेनिसिटी टेस्ट किए जाएंगे। इंफेक्शन की जांच के लिए हर हफ्ते सैम्पल लिए जा रहे हैं।
- कोवीशील्ड अन्य वैक्सीन के मुकाबले सस्ती भी है।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com