मजदूरों के लिए बसों को लेकर प्रियंगा-योगी आमने-सामने, मंजूरी मिलने के बावजूद अब इस बात पर फंसा पेच

By: Pinki Tue, 19 May 2020 11:54:13

मजदूरों के लिए बसों को लेकर प्रियंगा-योगी आमने-सामने, मंजूरी मिलने के बावजूद अब इस बात पर फंसा पेच

लॉकडाउन में फंसे उत्तर प्रदेश के प्रवासी मजदूरों को घर पहुंचाने को लेकर अब सियासत गरमाती जा रही हैं। पिछले चार दिनों से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बीच लेटर वार चल रहा है। बता दें कि प्रियंका गांधी ने मजदूरों को ले जाने के लिए एक हजार बसें देने की बात कही थी और इसके लिए योगी सरकार से अनुमति मांगी थी। प्रियंका गांधी की बसों की पेशकश सोमवार को स्वीकर किया गया तो पहले योगी सरकार ने बसों की सूची मांगी, इसके बाद अब मंगलवार दस बजे तक बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट और ड्राइवरों के लाइसेस सहित सभी दस्तावेज लखनऊ डीएम ऑफिस में जमा करने को कहा गया है तो प्रियंका के सचिव ने इसे राजनीतिक से प्रेरित बताया।

अब कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि यूपी सरकार ने आज सुबह 10 बजे तक सभी बसों को लखनऊ हैंडओवर करने को कहा है जो की संभव नहीं है। दरअसल ये कैसे हो पाएगा कि दिल्ली-एनसीआर से एक हजार खाली बसें लखनऊ जाएं और वहां से यूपी के बॉर्डर पर दोबारा भेजी जाएं।

क्या है पूरा घटनाक्रम

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 16 मई को ट्वीट कर कहा था कि हजारों श्रमिक, प्रवासी भाई-बहन बिना खाए भूखे प्यासे पैदल दुनिया भर की मुसीबतों को उठाते हुए अपने घरों की ओर चल रहे हैं। यूपी के हर बॉर्डर पर बहुत मजदूर मौजूद हैं। वो धूप में पैदल चल रहे हैं। उन्हें प्रदेश के अंदर आने नहीं दिया जा रहा। उनके पास पिछले 50 दिनों से कोई काम नहीं है और जीविका ठप पड़ी है। हम जो भी योजनाएं बना रहे हैं, उनमें उनके लिए कुछ सोचा ही नहीं जा रहा। मजदूरों को घर भिजवाने के लिए कोरी घोषणाएं और ओछी राजनीति से काम नहीं चलेगा।

प्रिंयका ने कहा कि हमने 1000 बसों की परमिशन मांगी है हमें सेवा करने दीजिए। प्रियंका गांधी ने गाजियाबाद के गाजीपुर बॉर्डर से 500 और नोएडा बॉर्डर से 500 बसें चला कर लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों को उनके गन्तव्य तक पहुंचाने की उत्तर प्रदेश सरकार से अनुमति मांगी थी। इसके लिए प्रियंका गांधी ने सीएम को लेटर लिखा था। इस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कार्यालय की ओर से ट्वीट कर प्रियंका गांधी पर प्रवासी श्रमिकों की मददगार बनने का स्वांग रचने का आरोप लगाया था।

प्रियंका गांधी की पेशकश पर उत्तर प्रदेश अपर मुख्य सचिव अवनीश अवस्थी की तरफ से एक पत्र जारी किया गया जिसमें कहा गया प्रवासी मजदूरों के संबंध में आप के प्रस्ताव को स्वीकार किया जाता है। अतः अविलंब 1000 बसों की सूची, चालक-परिचालक का नाम व अन्य विवरण उपलब्ध कराने का कष्ट करें। जिससे इनका उपयोग प्रवासी श्रमिकों की सेवा में किया जा सके। इस पर प्रियंका गांधी ने शाम पांच बजे ट्वीट कर योगी सरकार को धन्यवाद कहा।

प्रियंका गांधी के सचिव का दावा है कि इसके जवाब में यूपी सरकार ने 18 मई को व्हॉट्सएप के जरिए चिट्ठी भेजी जिसमें कहा गया कि समस्त बसों सहित ड्राइवर्स के फिटनेस सर्टिफिकेट उपलब्ध कराए जाएं। इसके अलावा ड्राइवर्स के ड्राइविंग लाइसेंस और बसों के नंबर सहित सारी जानकारी उपलब्ध कराएं। प्रियंका गांधी के सचिव का दावा है कि यूपी सरकार को सारी जानकारी तुरंत मुहैया करा दी गई लेकिन इसके बाद रात 11 बजकर 40 मिनट पर यूपी सरकार का ई-मेल मिला कि 19 मई को सुबह 10 बजे तक लखनऊ डीएम को सारी जानकारी दी जाए और बसें लखनऊ हैंडओवर की जाएं।

प्रियंका गांधी के निजी सचिव ने रात 2 बजे एक पत्र लिख जवाब दिया कि 1000 खाली बसें लखनऊ भेजना ना सिर्फ समय की बर्बादी और संसाधन की बर्बादी है बल्कि आपकी सरकार की यह मांग पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित लगती है।

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