अरविंद केजरीवाल ने कहा - इन पांच हथियारों की मदद से दिल्ली लड़ रही कोरोना से

By: Pinki Sat, 27 June 2020 3:28:45

अरविंद केजरीवाल ने कहा -  इन पांच हथियारों की मदद से दिल्ली लड़ रही कोरोना से

दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे है। दिल्ली में अब तक 77,240 कोरोना संक्रमित मामले सामने आ चुके है वहीं, 2,492 लोगों की मौत भी हुई है। दिल्ली में बढ़ते संक्रमण के बीच आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने डिजिटल प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई मार्च में शुरू हो गई थी। दिल्ली वालों ने करोना के खिलाफ ज़बरदस्त युद्ध छेड़ा हुआ है।

हमारे पास पांच हथियार है

मुख्यमंत्री ने कहा कोरोना से लड़ाई में हमारे पास पांच हथियार है। इस हथियारों के बारे में विस्तार से बताते हुए केजरीवाल ने कहा कि हमारा पहला हथियार है कोरोना मरीजों के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या को बढ़ाना। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले 1 सप्ताह में बिस्तरों की संख्या में काफी वृद्धि की गई है। अभी दिल्ली में 13500 बिस्तर मौजूद हैं, जिनमें से 6500 पर मरीज है। साथ ही, प्रतिदिन 20000 टेस्ट किए जा रहे हैं। मैं केंद्र को हमें आवश्यक टेस्ट किट प्रदान करने के लिए धन्यवाद देता हूं। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मार्च से खासतौर से उन देशों से जहां कोरोना ज़्यादा फैला था वहां से 35,000 लोग दिल्ली आए। उनकी स्क्रीनिंग हुई और जिसको बुखार हुआ उनको अस्पतालों में भर्ती किया गया। यह सब लोग अपने घर चले गए क्योंकि उन दिनों जानकारी कम थी और गाइडेंस भी कम थी। दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि इनके घर जाने के बाद कोरोना फैला, लॉकडाउन हुआ तो कोरोना कम फैला। 15 मई के आसपास से कोरोना तेज़ी से फैलने लगा। जून के महीने में उम्मीद से ज्यादा तेजी से फैलने लगा। जून के महीने में जब बेड की दिक्कत हुई तो मौत का आंकड़ा बढ़ने लगा। आखिर में प्लान बनाया कि लॉकडाउन खोलकर कोरोना से लड़ना पड़ेगा।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने अस्पतालों में पिछले 1 महीने में बड़े स्तर पर बैठ का इंतजाम किया। हमने निर्णय लिया कि दिल्ली के सभी बड़े अस्पतालों में 40% बेड कोरोना के लिए रिज़र्व किए जाए। कोरोना मरीजों के लिए अस्पताल बनाये। होटल को हॉस्पिटल के साथ जोड़कर उनकी क्षमता बढ़ाई। 3 हजार 500 बेड्स बढ़ाये। ऐसे करके राधा स्वामी सत्संग व्यास में 2 हजार बेड्स तैयार हो गए हैं। बुराड़ी अस्पताल में 450 बैड तैयार कर दिए हैं। जून के पहले हफ्ते में दिल्ली में अस्पतालों में बेड नहीं मिल रहे थे। आज 13 हजार 500 में से 7 हजार 500 बेड्स खाली पड़े हैं।

टेस्टिंग और आइसोलेशन

अपने दूसरे हथियार के बारे में केजरीवाल ने कहा कि टेस्टिंग और आइसोलेशन। कुछ टेस्टिंग लैब ने गड़बड़ करनी शुरू करीं। वह पॉजिटिव को नेगेटिव दिखा देते। नेगेटिव को पॉजिटिव दिखाते थे, हमने इनके खिलाफ कार्रवाई की। जून के पहले हफ्ते में जहां रोजाना 5 हजार टेस्ट हो रहे थे वहीं आज 20 हजार टेस्ट रोजाना हो रहे हैं। अब कोई यह शिकायत नहीं कर रहा कि टेस्ट नहीं हो रहे। इसके लिए केंद्र सरकार का शुक्रिया जिन्होंने रैपिड टेस्ट किट्स हमको दी। हमने अब खुद भी ये किट्स खरीद ली हैं।

ऑक्सीजन और ऑक्सीमीटर

तीसरा हमारा हथियार ऑक्सीजन और ऑक्सीमीटर है। इस बीमारी में सबसे बड़ी समस्या होती है ऑक्सीजन की, जिसकी वजह से आदमी की मौत हो जाती है। सभी होम आइसोलेशन वाले मरीजों को हमने ऑक्सीमीटर भेज दिए हैं। मरीजों को बता दिया है कि अगर ऑक्सीजन की दिक्कत हो तो बता देना या तो घर पर ऑक्सीजन कंसंट्रेटर भेज देंगे या आपको अस्पताल में भेज देंगे। हम कोशिश कर रहे हैं कि सरकार के हर बेड में ऑक्सीजन की व्यवस्था हो। कोशिश है कि दिल्ली सरकार के हर अस्पताल के हर बेड पर ऑक्सीजन की सुविधा हो।

प्लाजमा थेरेपी

केजरीवाल ने कहा कि चौथा हथियार है प्लाजमा थेरेपी। इस मामले में दिल्ली ने पूरे देश को रास्ता दिखाया। सबसे पहले दिल्ली में ही प्लाजमा थेरेपी दी गई और 29 लोगों पर ट्रायल किया गया। प्लाजमा थेरेपी बहुत से लोग इस्तेमाल कर रहे हैं। जो मरीज बहुत ही ज्यादा सीरियस हो जाते हैं उनके ऊपर प्लाज्मा थेरेपी ज्यादा काम नहीं करती लेकिन मॉडरेट मरीज की हालत को और खराब होने से बचाती है यह थेरेपी।

सर्वे और स्क्रीनिंग

पांचवा और आखिरी हथियार है सर्वे और स्क्रीनिंग। केजरीवाल ने कहा आज से 20 हज़ार लोगों का सिरोलॉजिकल सर्वे कर रहे हैं जिसे पता चले कि यह कहां-कहां फैला हुआ है।

लॉकडाउन खुलते ही बढ़ा संक्रमण

आपको बता दे, मई के अंत तक दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 20 हजार से नीचे थी, वहीं जून में इसमें करीब 50 हजार का इजाफा हुआ और यह 70 हजार के पार हो गई। दिल्ली में कोरोना का पहला मामला 2 मार्च को सामने आया था। मई के आखिर तक दिल्ली में संक्रमितों की कुल संख्या 19 हजार 844 थी। यह वो समय था जब तक देशभर में लॉकडाउन का सख्ती से पालन हो रहा था। लेकिन, जून आते-आते लॉकडाउन में ढील दिए जाने की आवाजें तेज होने लगी थीं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इनमें मुख्य थे जो लॉकडाउन को खत्म करने की जोर-शोर से पैरवी कर रहे थे। लेकिन लॉकडाउन का हटना सबसे घातक दिल्ली के लिए ही साबित हुआ। लॉकडाउन हटने के साथ ही दिल्ली में कोरोना से मरने वालों की संख्या भी लगभग 5 गुना तक बढ़ गई है। मई के अंत तक दिल्ली में कोरोना के चलते कुल 473 मौतें हुई थीं। लेकिन जून शुरू होते ही यह आंकड़ा इस तेजी से बढ़ा कि महीने के शुरुआती आठ दिनों में ही लगभग दोगुना हो गया और 15 जून तक कुल 1400 लोग इस संक्रमण के चलते मारे गए। बीते दस दिनों में कोरोना से होने वाली मौतों का यह सिलसिला लगभग इसी तेजी से बरकरार है। 26 जून तक दिल्ली में कुल 2 हजार 429 लोग कोरोना के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं।

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com