राज्यपाल का न्योता : राहुल ने कहा - आपके अनुरोध पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आएंगे, हेलीकॉप्टर की जरूरत नहीं
By: Pinki Tue, 13 Aug 2019 3:30:09
राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कश्मीर में हिंसा की आशंका व्यक्त करते हुए कहा था कि अनुच्छेद 370 (Article 370) हटने के बाद घाटी का माहौल तनावपूर्ण है। राहुल गांधी के इस बयान के बाद जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उनको और विपक्षी नेताओं को सूबे के हालात को देखने के लिए आमंत्रित किया था। अब खबरे आ रही है कि राहुल ने जम्मू-कश्मीर जाने का प्लान बना लिया है।
राहुल गांधी ने कहा, 'राज्यपाल महोदय, मैं और विपक्षी नेताओं का डेलीगेशन आपके अनुरोध पर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख आएंगे। हमें किसी हेलीकॉप्टर की जरूरत नहीं है लेकिन कृपया यह सुनिश्चित कीजिए कि हम स्वतंत्रतापूर्वक वहां की यात्रा कर सकें और मुख्यधारा के नेताओं के साथ स्थानीय नागरिकों और वहां तैनात सैनिकों से मिल सकें।'
दरहसल, जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा था कि कश्मीर के हालात एकदम शांत हैं और वहां पर कोई अप्रिय घटना नहीं घटी है। राज्यपाल ने ये तक कहा था कि कश्मीर के अमन-चैन को देखने के लिए यदि राहुल गांधी आना चाहें तो वह हेलीकॉप्टर भेजने तक को तैयार हैं।
Rahul Gandhi: Dear Governor (J&K), a delegation of opposition leaders & I will take you up on your gracious invitation to visit J&K and Ladakh. We won’t need aircraft but please ensure us freedom to travel&meet people, mainstream leaders & our soldiers stationed there. (File pic) pic.twitter.com/d2ub6Vq4PI
— ANI (@ANI) August 13, 2019
वही राहुल के बयान पर बीजेपी नेता व केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि कुछ लोग अलगाववादियों की भाषा बोलते हैं। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 हटने से ही कश्मीर समस्या का समाधान होगा। नकवी ने कहा कश्मीर में सबकुछ ठीक चल रहा है। यह लोग सबकुछ वही कर रहे हैं जो अभी तक अलगाववादी करते आए हैं। ऐसे लोग एक दिन फरार हो जाएंगे।
पाबंदी हटाने से SC का इनकार
इस बीच जम्मू-कश्मीर में धारा 144 हटाने की याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मामला संवेदनशील है। सरकार को सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए कुछ समय दिया जाना चाहिए। कोर्ट प्रशासन के हर मामले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सरकार रोजाना स्थिति का जायजा ले रही है और ऐसे में स्थिति सामान्य होने का इंतजार किया जाए। अगर ऐसा ही रहा तो आप बाद में बताइयेगा हम तब मामले को देखेंगे। फिलहाल सुनवाई 2 हफ्ते के लिए टाल दी गई है।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल से पूछा कि ये कब तक चलेगा। इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि जैसी ही स्थिति सामान्य होगी, व्यवस्था भी सामान्य हो जाएगी। हम कोशिश कर रहे हैं कि लोगों को कम से कम असुविधा हो। 1999 से हिंसा के कारण 44000 लोग मारे गए हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिकाकर्ता ने बेहद गलत ढंग से याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी को नहीं पता कि कश्मीर में क्या हो रहा है। सरकार पर विश्वास करना होगा। यह मामला बेहद संवेदनशील है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि हम स्थिति का रोजाना रिव्यू कर रहे हैं और मानवाधिकार का कोई हनन नहीं हो रहा।
दरअसल, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने के बाद राज्य में प्रतिबंध और कर्फ्यू हटाए जाने तथा संचार सेवा बहाल करने की मांग वाली जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने AG कोर्ट ने पूछा और कितने दिन जम्मू-कश्मीर में पाबंदी रहने वाली है? इस पर अटॉर्नी जनरल ने कहा कि सरकार पल-पल की परिस्थिति पर नजर रखे हुए है। 2016 में इसी तरह की स्थिति को सामान्य होने में 3 महीने का समय लगा था। सरकार की कोशिश है कि जल्द से जल्द स्थिति पर काबू पाया जा सके।
गौरतलब है कि घाटी में अभी भी मोबाइल फोन, मोबाइल इंटरनेट और टीवी-केबिल पर रोक लगी हुई है। हालांकि, जम्मू में धारा 144 को पूरी तरह से हटा दिया गया है और कुछ क्षेत्रों में फोन की सुविधा चालू की गई है। अभी सिर्फ मोबाइल कॉलिंग की सुविधा ही शुरू की गई है।