अचानक राहुल गांधी का मंदिरों में विश्वास कैसे बढ़ा, शशि थरूर ने खोल ही दिया राज

By: Priyanka Maheshwari Mon, 03 Dec 2018 09:47:02

अचानक राहुल गांधी का मंदिरों में विश्वास कैसे बढ़ा, शशि थरूर ने खोल ही दिया राज

कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की मंदिर यात्राओं का सिलसिला जारी है। चुनावी जनसभाएं हों या फिर इलेक्शन का ऑफ टाइम राहुल गांधी (Rahul Gandhi) कैलाश मानसरोवर से लेकर अलग-अलग मंदिरों में दर्शन के लिए जाते दिखते रहे हैं। इस कड़ी में उन्‍होंने पिछले दिनों पुष्‍कर मंदिर में दर्शन के साथ ही एक कदम आगे बढ़ते हुए खुद को कौल ब्राह्मण बताते हुए अपना गोत्र दत्‍तात्रेय बताया। दरअसल उससे पहले बीजेपी ने उनसे गोत्र पूछा था। राहुल गांधी के जवाब को उसी कड़ी में देखा जा रहा है। जाहिर है कि सोशल मीडिया पर इस मुद्दे पर खूब हो-हल्‍ला हो रहा है। कांग्रेस के इन विरोधाभासों पर पार्टी सांसद शशि थरूर ने जवाब दिया है। शशि थरूर से जब राहुल के इस 'मंदिर दर्शन' पर सवाल किए गए, तो उन्होंने इस पर अपनी राय रखी। थरूर रविवार को दिल्ली में आयोजित हुए 'टाइम्स लिटफेस्ट दिल्ली' में हिस्सा लेने आए हुए थे। इस मौके पर उनसे उनकी नई किताब 'द पैराडॉक्सिकल प्राइम मिनिस्टर' पर भी चर्चा हुई और फिर यह चर्चा यहां तक पहुंच गई कि वर्तमान में कांग्रेस हिंदुत्व, विश्वास, सरकार और शासन जैसे मुद्दों पर क्या सोचती है।

इस दौरान जब शशि थरूर से यह सवाल पूछा गया कि अचानक राहुल गांधी का मंदिरों में जो विश्वास बढ़ा है उसके पीछे क्या कारण हैं। थरूर ने कहा, 'हम (कांग्रेस) अब लंबे समय से यह महसूस कर रहे हैं कि हमें अपना निजी विश्वास जबरदस्ती पब्लिक के सामने दिखाना पड़ रहा है। हम ईश्वर में भरोसा करते हैं लेकिन हमें कभी ऐसा नहीं लगा कि हमें इसका प्रदर्शन आम जनता के सामने करना चाहिए। क्योंकि कांग्रेस पार्टी नेहरू जी के धर्मनिरपेक्ष विचारों की पार्टी है, वह स्वतंत्रता संग्राम के दौर से इन्हीं विचारों पर कायम है।'

congress,shashi tharoor,rahul gandhi,temple,rahul gandhi in temple ,शशि थरूर की किताब, राहुल गांधी के मंदिर दर्शन, राहुल गांधी, मंदिर में राहुल गांधी

थरूर ने कहा, 'लेकिन कांग्रेस को ऐसा करने के लिए बीजेपी ने 'मजबूर' किया है। बीजेपी ने 'सच्चे हिंदू और नास्तिक धर्मनिरपेक्ष' के बीच अंतर दिखाने की यह 'लड़ाई' छेड़ी है।'

थरूर ने आगे कहा, 'और भारत जैसे देश में अगर यह बहस छेड़ी जाए, जहां धर्म गहरे तक जुड़ा है, तो वहां धर्मनिरपेक्षता की हमेशा हार होगी। ऐसे में हमने भी यह तय किया कि अब हमें भी अपने धार्मिक विश्वास का प्रदर्शन करना होगा, लेकिन हम इसमें भी सभी को साथ लेकर चलेंगे और दूसरे धर्मों को भी स्वीकार करते हुए आगे बढ़ेंगे।'इन दिनों राहुल गांधी जब चुनावी दौरों पर होते हैं, तो वह विशेष रूप से मंदिरों का कार्यक्रम बनाते हैं। इस पर राहुल गांधी का बचाव करते हुए थरूर ने कहा, 'इसे इस ढंग से देखना बिल्कुल गलत है कि हम स्वार्थ या अवसरवादिता के लिए यहां जाते हैं।' उन्होंने कहा, 'जब राहुल खुद को 'शिव भक्त' कहते हैं, तो उन्हें अच्छी तरह से पता है कि वह क्या बोल रहे हैं।'

जब शशि थरूर से पूछा गया कि क्‍या राहुल गांधी का इस तरह मंदिरों में जाना अवसरवाद नहीं है तो उन्‍होंने कहा कि कांग्रेस अध्‍यक्ष की यात्राओं को इस तरह से देखना उचित नहीं होगा। उन्‍होंने कहा कि राहुल गांधी यदि खुद को शिव भक्‍त कहते हैं तो उसका आशय भी बखूबी समझते हैं। शशि थरूर ने कहा, ''इस तरह की यात्राओं के अब फोटो आने से पहले ही राहुल गांधी के साथ उनकी धर्म और आध्‍यात्मिकता पर संवाद हुआ है। वह धर्म और आध्‍यात्मिकता के मसले पर बहुत ही विचारशील और अध्‍ययनशील भारतीय राजनेता हैं।''

हम WhatsApp पर हैं। नवीनतम समाचार अपडेट पाने के लिए हमारे चैनल से जुड़ें... https://whatsapp.com/channel/0029Va4Cm0aEquiJSIeUiN2i
पढ़ें Hindi News ऑनलाइन lifeberrys हिंदी की वेबसाइट पर। जानिए देश-विदेश और अपने प्रदेश से जुड़ीNews in Hindi

Home | About | Contact | Disclaimer| Privacy Policy

| | |

Copyright © 2024 lifeberrys.com