राज्य के 5 हजार विद्यालयों में स्थापित होंगे कम्प्यूटर लेब - वासुदेव देवनानी
By: Priyanka Maheshwari Tue, 24 Apr 2018 12:25:34
भीलवाड़ा। शिक्षा राज्यमंत्री श्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि अगले शिक्षा सत्र में राज्य के 5 हजार से अधिक माध्यमिक, उच्च माध्यमिक विद्यालयों में कम्प्यूटर लेब स्थापित किये जायेंगे। इस पर राज्य सरकार द्वारा 153.05 करोड़ रुपए व्यय किये जायेंगे।
श्री देवनानी सोमवार को भीलवाड़ा में अक्षय पात्र फाउण्डेशन के कीचन के शुभारंभ अवसर पर संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कम्प्यूटर लेब स्थापना के लिए सांसद निधि, विधायक निधि, जन सहयोग अथवा अन्य योजनाओं से 25 प्रतिशत राशि प्राप्त होने पर राज्य सरकार द्वारा 75 प्रतिशत अंशदान देकर कुल 153.05 करोड़ रुपए लागत से कम्प्यूटर लेब स्थापित किये जायेंगे। उन्होंने कहा राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में हुए क्रांतिकारी बदलावों की बदौलत राज्य देश में दूसरे पायदान पर पहुंच गया है। राज्य में शिक्षा के क्षेत्र मे नये आयाम स्थापित हुए हैं और सरकारी विद्यालयों में निजी विद्यालायों की अपेक्षा अधिक नामांकन व प्रवेश होने लगे हैं तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के कारण सरकारी स्कूलों के प्रति रुझान बढ़ा है।
उन्होंने कहा कि अगले शिक्षा सत्र से स्कूलों में ब्लेक बोर्ड की जगह डिजिटल बोर्ड उपलब्ध कराने के प्रयास किये जा रहे हैं। सरकारी स्कूलों में निजी विद्यालयों की अपेक्षा ज्यादा सुविधाएं उपलब्ध कराते हुए प्रत्येक विद्यालय में कम्प्यूटर लेब, पुस्तकालय, कक्षाकक्ष, खेल मैदान, चार दिवारी व स्टाफ उपलब्ध कराकर शिक्षा के स्तर में सुधार किया गया है। उन्होंने कहा कि छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए राजस्थान माध्यमिक शिक्षा अभियान के तहत 3198 करोड़ रुपए के नवीन प्रस्ताव भी तैयार किये गये हैं। राज्य का शिक्षा बजट 34 हजार करोड़ रुपए का रखा गया है जो सर्वाधिक है।
श्री देवनानी ने कहा कि भावी पीढी को अच्छी शिक्षा मिले इसके लिए पाठ्यक्रम में बदलाव किया गया है। अब अकबर महान की बजाय महाराणा प्रताप महान पढाया जा रहा है। डॉ. भीमराव अम्बेडकर एवं वीर सावरकर के प्रेरणास्पद प्रसंग भी सम्मिलित किये जायेंगे। छात्रों को अच्छी शिक्षा मिले तथा वे कर्म प्रधान बनें इसके लिए सभी विद्यालयों की लाईबे्ररी में भागवत गीता उपलब्ध कराई गई है। विभाग में एक लाख 20 हजार अध्यापकों को पदोन्नति प्रदान की गई है तथा लगभग एक लाख 60 हजार पदों पर भर्तियां की जा रही है। अगले शिक्षा सत्र में किसी भी श्रेणी का कोई भी पद रिक्त नहीं रहेगा।
उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में गुणात्मक सुधार के लिए डिस्टि््रक्ट मिनरल फाउण्डेशन ट््रस्ट के बजट का भी जिला प्रशासन के साथ विचार विमर्श कर सदुपयोग किया जायेगा।
भोजन के अभाव में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे
शिक्षा राज्यमंत्री प्रो. वासुदेव देवनानी ने कहा कि भोजन के अभाव में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित नहीं रहे यह राज्य सरकार की प्राथमिकता है। राज्य सरकार द्वारा मिड-डे-मील के तहत गुणवत्तापूर्ण एवं पौष्टिक आहार छात्रों को उपलब्ध कराने के लिए पर्याप्त बजट उपलब्ध कराया जा रहा है तथा केन्द्रीकृत रसोईयों के माध्यम से एक जैसा भोजन उपलब्ध हो पा रहा है। अगले शिक्षा सत्र से मध्यान्ह में भोजन के तहत छात्रों को सप्ताह में 3 दिन दूध भी उपलब्ध कराया जायेगा।
श्री देवनानी सोमवार प्रातः न्यू बापूनगर में अक्षय पात्र फाउण्डेशन की ओर से प्रारंभ किये गये कीचन के शुभारंभ अवसर पर मुख्य अतिथि पद से संबोधित कर रहे थे। उन्होंने दीप प्रज्ज्वलित कर, फीता काटकर तथा उद्घाटन पट्टिका का अनावरण कर कीचन का विधिवत शुभारंभ किया। अक्षय पात्र फाउण्डेशन की ओर से प्रारंभ किये गये केन्द्रीकृत किचन में आटा गूंधने से लेकर चपाती सेकने तक के सभी कार्य मशीनों द्वारा किये जायेंगे। इस किचन में एक घण्टे में 30 हजार चपाती तैयार की जा सकेगी। शहर के 15 कि.मी. क्षेत्र के विद्यालयों में इस किचन द्वारा मिड-डे-मील उपलब्ध कराया जा सकेगा।
उन्होंने कहा कि अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा राज्य में 5 कीचन पहले से चलाये जा रहे हैं। भीलवाड़ा में यह छठा कीचन है। फाउण्डेशन द्वारा 2004 से इसका शुभारंभ किया गया था। फाउण्डेशन की सफलता के साथ ही राज्य के अन्य स्थानों पर भी अक्षय पात्र रसोईघर प्रारंभ किये जायेंगे ताकि छात्रों को एक जैसा गुणवत्तापूर्ण व पौष्टिक मध्यान्ह भोजन उपलब्ध हो सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में भोजन के अभाव में कई बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। उन बच्चों के भोजन की व्यवस्था सरकार द्वारा की जा रही है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सरकारी मुख्य सचेतक कालूलाल गुर्जर ने कहा कि अक्षय पात्र फाउण्डेशन द्वारा जयपुर में 1.50 लाख बच्चों को एक साथ मध्यान्ह में भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है। राज्य सरकार द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना पर पूरा बजट उपलब्ध कराया जा रहा है तथा विसंक्रमित एवं गुणवत्तापूर्ण भोजन छात्रों को उपलब्ध कराने के पूरे प्रयास किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य एवं जिले में अन्य स्थानों पर भी इस तरह के किचन स्थापित किये जाने चाहिए।
जिला कलक्टर श्री मुक्तानन्द अग्रवाल ने अपने संबोधन में कहा कि मुख्यमंत्री के विजन को साकार करते हुए अक्षय पात्र द्वारा मध्यान्ह भोजन योजना को सीमित न रखकर अन्य विद्यालयों के लिए भी इसे प्रारंभ किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा शिक्षा को बढावा देने तथा उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार छात्र-छात्राओं को गुणवत्तायुक्त भोजन उपलब्ध कराने के हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं। मध्यान्ह भोजन की गुणवत्ता तथा सरकारी स्कूलों में उपलब्ध सुविधाओं के कारण निरन्तर नामांकन वृद्धि हो रही है। शिक्षा के क्षेत्र मे ंनवाचार आदर्श विद्यालयों की स्थापना, आधारभूत सुविधाओं की उपलब्धता के कारण राज्य के शैक्षणिक परिदृष्य में बदलाव महसूस हो रहा है। जिले के 311 विद्यालयों में कम्प्यूटर लेब स्थापित किये जा रहे हैं। डीएमएफटी की राशि से भी जिले के विद्यालयों में विभिन्न विकास कार्य करवाये जा रहे हैं।
अक्षय पात्र फाउण्डेशन के अनन्त शेष दास महाराज ने कहा कि सभी को भोजन प्राप्त हो इसके लिए बैंगलोर से एक मिशन की शुरुआत की गई थी। वर्ष 2004 में जयपुर में भी इसे प्रारंभ किया गया। मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे के प्रोत्साहन पर राज्य के शहरों में इसे प्रारंभ किया जा रहा है। बांरा के सहरिया आदिवासी इलाकों में भी फाउण्डेशन द्वारा सेवाएं उपलब्ध कराई जा रही है। पौष्टिक गुणवत्तायुक्त तथा समय पर भोजन उपलब्ध कराना सुनिश्चत किया जा रहा है।
वाहनों को दिखाई हरीझण्डी, बच्चों के साथ किया भोजन
शिक्षा राज्यमंत्री सहित अतिथियों ने अक्षय पात्र फाउण्डेशन के मध्यान्ह भोजन सप्लाई करने वाले विशेष वाहनों को हरीझण्डी दिखाकर रवाना किया।