दुर्गा पूजा पंडाल में शी जिनपिंग को दिखाया राक्षस, सिर धड़ से अलग, फोटो वायरल होने के बाद हुआ हंगामा
By: Pinki Fri, 23 Oct 2020 2:21:03
नवरात्रि के बीच पश्चिम बंगाल अपना सबसे बड़ा त्योहार, दुर्गा पूजा मना रहा है। दुर्गा पूजा (Durga Puja 2020) का मुख्य आकर्षण होते हैं इसके शानदार पंडाल। हर बार नवरात्रि (Navratri 2020) में पश्चिम बंगाल के दुर्गा पूजा पंडाल विभिन्न रचनात्मक सोच के साथ तैयार की गई माता की मूर्तियों के लिए सुर्खियां बटोरते हैं। पंडालों में मां दुर्गा के अलग-अलग रूप देखने को मिलते हैं। हर साल बंगाल के आर्टिस्ट्स की क्रिएटिविटी प्रतिमाओं में दिखती है। इस बार श्रमिक मजदूर, कोरोना वायरस (Coronavirus) का अंत करने वाली माता जैसी कई थीम पर पंडाल को सजाया गया है। लेकिन मुर्शिदाबाद में चीनी राष्ट्रपति (China President Xi Jinping) पर एक ऐसा पंडाल सजाया गया है, जिसने हर किसी का ध्यान अपनी ओर खींचा है। जिनपिंग को महिषासुर के रूप में दिखाया गया है।
पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन के बीच जो तनाव की स्थिति बनी हुई है, उसी की एक झलक इस पंडाल में देखने को मिली है। यहां असुर की जगह चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का पुतला लगाया गया है जिसमें मां दुर्गा असुर 'जिनपिंग' का संहार करती हुईं दिख रही हैं। मुर्शिदाबाद के इस अनोखे पंडाल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही हैं।
तस्वीरें वायरल होने के बाद हंगामा मच गया है। हंगामे के बाद दुर्गा पूजा पंडाल के आयोजकों ने सफाई दी है। इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान आयोजकों में शामिल संजय चंद्रा ने शी जिनपिंग की असुरों के साथ की जा रही तुलना का खंडन किया है। उन्होंने कहा, 'हम प्रत्येक वर्ष विभिन्न नस्लों से प्रेरित असुरों को बनाते हैं। हमने असुरों को इससे पहले यूनानियों और दक्षिण अफ्रीका से प्रेरित किया था।'
शशि थरूर ने शेयर कर बंगालियों पर मारा ताना
जिनपिंग न सिर्फ कोरोना वायरस, बल्कि भारत से लगी सीमा पर तनाव बढ़ाने की वजह से विलन बन चुके हैं। भारतीयों की निगाह में वह एक स्वार्थी और कुटिल तानाशाह हैं जो किसी भी तरह से बस अपना मकसद पूरा करना जानते हैं। यही भावनाएं दुर्गा पूजा के पंडालों में दिख रही हैं। कांग्रेस नेता शशि थरूर ने वायरल फोटो शेयर करते हुए बंगालियों पर तंज कस दिया। उन्होंने लिखा, 'और मुझे लगता था कि बंगाली अपनी कूटनीति के लिए जाने जाते हैं! साफ है कि चीन का चेयरमैन हमारा चेयरमैन' के दिन आधिकारिक रूप से पूरे हो चुके हैं।'
थरूर का इशारा वामपंथी पार्टियों की तरफ था जो बंगाल में सबसे लंबे वक्त तक सत्ता में रहीं। लेफ्ट पार्टियां चीन के संस्थापक माओ को आदर्श बताती रही हैं। थरूर का ट्वीट काफी सारे लोगों को ठीक नहीं लगा। कुछ लोगों ने उनपर बंगालियों को जनरलाइज करने का आरोप लगाया तो कुछ ने पूछा कि जिनपिंग को इस तरह दिखाने से उन्हें क्यों तकलीफ हो रही है।