2:43 बजे लॉन्च होगा 'चंद्रयान-2', ये 15 मिनट होंगे सबसे मुश्किल

By: Pinki Mon, 22 July 2019 1:05:26

2:43 बजे लॉन्च होगा 'चंद्रयान-2', ये 15 मिनट होंगे सबसे मुश्किल

इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन यानी ISRO आज चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) लॉन्च करेगा। इसका काउंटडाउन शुरू हो गया है और आज दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर आंध्र के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया जाएगा। पहले ये लॉन्चिंग 15 जुलाई को होनी थी, लेकिन तकनीकी खराबी के कारण इसे अंतिम समय में टाल दिया गया था। चंद्रयान-2 को चांद पर पहुंचने में 48 दिन ही लगेंगे। यानी चंद्रयान-2 चांद पर 6 या 7 सितंबर को ही पहुंचेगा। इसरो वैज्ञानिक इसके लिए चंद्रयान-2 को पृथ्वी के चारों तरफ लगने वाले चक्कर में कटौती होगी। संभवतः अब चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ 5 के बजाय 4 चक्कर ही लगाए। इस मिशन की लागत 978 करोड़ रुपये है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (ISRO) के चेयरमैन डॉ. के सिवन के मुताबिक, 'चंद्रयान-2 के लिए चांद पर लैंडिंग से पहले के 15 मिनट सबसे अहम हैं। उस दौरान हम ऐसा कुछ करेंगे, जिसे हमने अभी तक कभी किया नहीं है।' ISRO चीफ के मुताबिक, 'चंद्रमा की सतह से 30 किलोमीटर दूर चंद्रयान-2 की लैंडिंग के लिए इसकी स्पीड कम की जाएगी। ऐसे में विक्रम को चांद की सतह पर उतारने का काम काफी मुश्किल होगा। इस दौरान 15 मिनट काफी चुनौतीपूर्ण रहने वाले होंगे। हम पहली बार सॉफ्ट लैंडिंग की कोशिश करेंगे। तनाव के ये पल सिर्फ ISRO ही नहीं, बल्कि सभी भारतीयों के लिए होंगे।' सिवन ने बताया कि भारत जैसे ही चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग करेगा, वह ऐसा करने वाला दुनिया का चौथा देश बन जाएगा। अभी तक अमेरिका, रूस और चीन के पास ही यह विशेषज्ञता है।

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इसरो वैज्ञानिकों ने 15 जुलाई की लॉन्चिंग की तुलना में आज होने वाली लॉन्चिंग में कुछ बदलाव किए हैं। आइए जानते हैं इन महत्वपूर्ण बदलावों को...

1. पृथ्वी के ऑर्बिट में जाने का समय करीब एक मिनट बढ़ा दिया गया है

15 जुलाईः चंद्रयान-2 को तब 973.70 सेकंड (करीब 16.22 मिनट) में पृथ्वी से 181.61 किमी पर जाना था।

22 जुलाईः चंद्रयान-2 अब 974.30 सेकंड (करीब 16.23 मिनट) में पृथ्वी से 181.65 किमी की ऊंचाई पर पहुंचेगा।

2. पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार चक्कर में बदलाव, एपोजी में 60.4 किमी का अंतर

15 जुलाईः चंद्रयान-2 अगर लॉन्च होता तो इसकी पेरिजी 170.06 किमी और एपोजी 39059.60 किमी होती। यानी एपोजी में 60.4 किमी का अंतर लाया गया है। यानी पृथ्वी के चारों तरफ लगने वाला चक्कर कम किया जाएगा।

22 जुलाईः चंद्रयान-2 लॉन्चिंग के बाद पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार कक्षा में चक्कर लगाएगा। इसकी पेरिजी (पृथ्वी से कम दूरी) 170 किमी और एपोजी (पृथ्वी से ज्यादा दूरी) 39120 किमी होगी।

3. चंद्रयान-2 की वेलोसिटी में 1.12 मीटर प्रति सेकंड का इजाफा किया गया

चंद्रयान-2 आज यानी 22 जुलाई को लॉन्च होने के बाद अब चांद की ओर ज्यादा तेजी से जाएगा। अब अंतरिक्ष में इसकी गति 10305.78 मीटर प्रति सेकंड होगी। जबकि, 15 जुलाई को लॉन्च होता तो यह 10,304.66 मीटर प्रति सेकंड की गति से चांद की तरफ जाता। यानी इसकी गति में 1.12 मीटर प्रति सेकंड का इजाफा किया गया है।

4. चंद्रयान-2 को चांद पर पहुंचने में लगेंगे 48 दिन

अगर 15 जुलाई को चंद्रयान-2 सफलतापूर्वक लॉन्च होता तो वह 54 दिन में 6 सितंबर को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड करता। लेकिन आज की लॉन्चिंग के बाद चंद्रयान-2 को चांद पर पहुंचने में 48 दिन ही लगेंगे। यानी चंद्रयान-2 चांद पर 6 या 7 सितंबर को ही पहुंचेगा। इसरो वैज्ञानिक इसके लिए चंद्रयान-2 को पृथ्वी के चारों तरफ लगने वाले चक्कर में कटौती होगी। संभवतः अब चंद्रयान-2 पृथ्वी के चारों तरफ 5 के बजाय 4 चक्कर ही लगाए।

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