CBI विवाद : जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा, हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा : राहुल गांधी
By: Priyanka Maheshwari Wed, 24 Oct 2018 3:59:49
सीबीआई में दो टॉप अफसर के बीच अंतर्कलह अब सार्वजनिक रूप ले चुका है। सीबीआई में घूसकांड को लेकर विवादों में उलझे सीबीआई चीफ आलोक वर्मा और स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना को केंद्र सरकार ने छुट्टी पर भेज दिया है और उनके सारे अधिकार वापस ले लिए हैं। इस पर विपक्ष लगातार हमलावर है। मोदी सरकार Modi Government के इस फैसले के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल Arvind Kejriwal ने सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल को लगता है कि आलोक वर्मा को हटाए जाना और राफेल डील में कुछ तो संबंध है।
बुधवार को जैसे ही यह फैसला आया कि आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना को हटा कर छुट्टी पर भेज दिया है, वैसे ही सीएम केजरीवाल ने एक ट्वीट किया। ट्वीट में अरविंद केजरीवाल ने कहा कि- 'क्या राफेल डील और आलोक वर्मा को हटाने के बीच कोई संबंध है? क्या आलोक वर्मा राफले में जांच शुरू करने जा रहे थे, जो मोदी जी के लिए समस्या बन सकती थी?
वही सीबीआई विवाद पर सरकार की सफाई के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी मोदी सरकार पर हमला बोला और इस मामले को राफेल सौदे से जोड़कर देखा। राहुल गांधी ने बुधवार को ट्वीट कर प्रधानमंत्री पर हमला बोला और लिखा- CBI चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया। प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा। हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा। देश और संविधान खतरे में हैं। राजस्थान के झालावाड़ में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर बरसते हुए कहा, "कल रात 'चौकीदार' ने CBI के डायरेक्टर को हटाया, क्योंकि CBI राफेल पर सवाल उठा रही थी..." इससे पहले सीएम केजरीवाल ने एक ट्वीट किया- 'क्या राफेल डील और आलोक वर्मा को हटाने के बीच कोई संबंध है? क्या आलोक वर्मा राफले में जांच शुरू करने जा रहे थे, जो मोदी जी के लिए समस्या बन सकती थी?
CBI चीफ आलोक वर्मा राफेल घोटाले के कागजात इकट्ठा कर रहे थे। उन्हें जबरदस्ती छुट्टी पर भेज दिया गया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 24, 2018
प्रधानमंत्री का मैसेज एकदम साफ है जो भी राफेल के इर्द गिर्द आएगा- हटा दिया जाएगा, मिटा दिया जाएगा।
देश और संविधान खतरे में हैं।
Kal raat chowkidar ne CBI ke Director ko hataya kyunki CBI Rafale pe sawal utha rahi thi: Congress President Rahul Gandhi in Rajasthan's Jhalawar pic.twitter.com/nyIFJRiANy
— ANI (@ANI) October 24, 2018
- हालांकि, इससे पहले आलोक वर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के आदेश को चुनौती देने वाले सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी ऐसी संभवना व्यक्त की।
- उन्होंने भी कहा कि शायद राफेल की जांच से बचने के लिए मोदी सरकार ने आलोक वर्मा को हटाया है।
- उन्होंने कहा कि 'सीबीआई डायरेक्टर को गलत तरीके से हटाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने तय किया था कि सीबीआई डायरेक्टर का टर्म दो साल का फिक्स होगा और सिर्फ सेलेक्शन कमेटी ही सीबीआई डायरेक्टर को हटा सकता है। मैं शुक्रवार को एक याचिका दायर करूंगा।'
- उन्होंने कहा कि 'राफेल डील की जांच सीबीआई नहीं कर सके, इसलिए शायद सीबीआई डायरेक्टर को हटाया गया है। हमने, यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी ने सीबीआई डायरेक्टर से राफेल डील की जांच की मांग की थी। सीबीआई डायरेक्टर ने राफेल डील से जुड़ी कुछ फाइलें सरकार से मांगी थी।'
- उन्होंने यह भी कहा कि नागेश्वर राव के खिलाफ भी सीरियस शिकायतें हैं। सीबीआई डायरेक्टर ने कुछ महीने पहले उनके खिलाफ कार्रवाई करने की सिफारिश की थी।
गौतलब है कि हवाला और मनी लॉन्ड्रिंग कारोबारी मोइन कुरैशी को क्लीन चिट देने में कथित घूस लेने के आरोपों पर सीबीआई ने अपने ही स्पेशल डायरेक्टर राकेश अस्थाना पर केस दर्ज किया। जिसके बाद राकेश अस्थाना ने सीबीआई चीफ आलोक वर्मा पर भी दो करोड़ रुपये घूस लेने का आरोप लगा दिया। दोनों शीर्ष अफसरो के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप से सीबीआई की विश्वसनीयता पर उठते सवालों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आदेश पर यह कार्रवाई हुई है।
- इस पूरे मामले पर वित्त मंत्री अरुण जेटली और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद मीडिया से रूबरू हुए इस दौरान उन्होंने कहा कि कि CBI इस देश प्रतिष्ठित संस्था है। इसकी साख बनी रहे इसके लिए केन्द्र सरकार तत्पर है।
- जेटली ने कहा कि सीबीआई में विचित्र और दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति पैदा हुई है। दो वरिष्ठ डायरेक्टर पर सवाल उठे हैं। डायरेक्टर ने अपने नीचे और दूसरे नंबर के अधिकारी ने डायरेक्टर पर आरोप लगाया है। इसकी जांच कौन करेगा यह सरकार के सामने सवाल है। ये केन्द्र सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और न ही सरकार इसकी जांच करेगी।
- उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार का दायित्व सिर्फ सुपरवीजन का है। मंगलवार को सीवीसी ने बताया कि दोनों अधिकारी इन आरोपों की जांच नहीं कर सकते और न ही इन अधिकारियों के नेतृत्व में इस जांच को करना संभव है। लिहाजा, जबतक यह जांच नहीं होती इन अधिकारियों को इनके काम से मुक्त कर दिया गया है। इस जांच को अब स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम को दी गई है और जबतक यह एसआईटी जांच पूरी नहीं कर लेती इन अधिकारियों को सीबीआई से अलग कर दिया गया है।