लोकसभा चुनावों से पहले सरकार का बड़ा दांव, आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को मिलेगा 10% आरक्षण
By: Priyanka Maheshwari Mon, 07 Jan 2019 3:13:27
लोकसभा चुनाव से पहले आर्थिक रूप से पिछड़े ऊंची जाति को रिझाने के लिए सरकार ने बड़ा दांव खेला है। आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों के लिए सरकारी नौकरियों एवं शिक्षण संस्थानों में 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया है। सरकार इस आरक्षण को लागू करने के लिए मंगलवार को संसद में संशोधन विधेयक पेश करेगी। सूत्रों के मुताबिक इस आरक्षण का फायदा ऐसे लोगों को मिलेगा जिसकी कमाई सलाना 8 लाख से कम है।
अभी सरकारी नौकरियों में 49.5 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था लागू है। इससे अधिक आरक्षण के लिए सरकार को मौजूदा आरक्षण कानून में संशोधन करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 50 फीसदी से अधिक आरक्षण पर रोक लगाई है। सरकार ने 10 फीसदी ईबीसी कोटा का प्रस्ताव किया है। केंद्रीय मंत्री शिव प्रताप शुक्ला ने इस फैसले पर कहा, "यह बहुत अच्छा फैसला है। अब तक सिर्फ बातें होती थीं लेकिन अब इस सरकार ने दिखा दिया है कि वह फैसला लेने में भी सक्षम है। इससे बहुत सारे लोगों को फायदा मिलेगा। इस पर आगे का फैसला कमेटी करेगी।"
इस बीच कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने सरकार से पूछा है कि वह साढ़े चार साल तक क्या करती रही है और वह संशोधन विधेयक को पारित कैसे कराएगी। कैबिनेट के इस ऐतिहासिक फैसले का लाभ राजपूत, ब्राह्मण, भूमिहार, बनिया सहित आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों को मिलेगा। आर्थिक रूप से पिछड़े इन वर्गों को 10 फीसदी आरक्षण का लाभ दाने के लिए सरकार को अनुच्छेद 15 एवं 16 में स्पेशल क्लॉज जोड़कर संवैधानिक संशोधन करने होंगे।
मोदी सरकार का यह फैसला 2019 के लोकसभा चुनावों में उसके लिए गेमचेंजर साबित हो सकता है। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों में मिली भाजपा की हार की एक वजह एससी-एसटी एक्ट के खिलाफ सवर्णों की नाराजगी भी बताई जा रही है। समझा जाता है कि सरकार आरक्षण का मरहम लगा गरीब सवर्णों को अपने पाले में करने का दांव खेला है।
Sources: 10 percent reservation approved by Union Cabinet for upper castes. More details awaited pic.twitter.com/t0mlI73ymf
— ANI (@ANI) January 7, 2019