बुलंदशहर हिंसा: आरोपी की मां बोली- '70 पुलिसवाले मेरे घर आए और बहू को पीटा, कोई महिला कांस्टेबल नहीं थी'

By: Pinki Tue, 04 Dec 2018 4:43:43

बुलंदशहर हिंसा: आरोपी की मां बोली- '70 पुलिसवाले मेरे घर आए और बहू को पीटा, कोई महिला कांस्टेबल नहीं थी'

सोमवार को कथित तौर से गौहत्‍या के बाद उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर (Bulandshahr Violence) के स्याना गांव में फैली हिंसा और एक पुलिस अधिकारी के मारे जाने के मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 4 लोगों को हिरासत में लिया गया है। इस संबंध में स्याना कोतवाली के सब इंस्पेक्टर सुभाष सिंह ने रिपोर्ट दर्ज कराई है, जिसमें बजरंग दल के जिला संयोजक योगेश राज, बीजेपी युवा स्याना के नगर अध्यक्ष शिखर अग्रवाल, वीएचपी कार्यकर्ता उपेंद्र राघव को भी किया नामजद किया है। मामले में अभी तक चमन, देवेंद्र, आशीष और सतीश समेत चार लोगों की गिरफ्तारी हुई है। आरोपी जितेंद्र की तलाश में पुलिस ने उसके घर पर दबिश दी। इसके बाद जितेंद्र की मां ने पुलिस पर आरोप लगाए हैं। आरोपी जितेंद्र की मां रतन ने कहा, 'मैं घर पर नहीं थी। गांव वालों ने बताया कि तभी पीछे से करीब 70 पुलिस वाले घर पर आए, उनके साथ कोई महिला कांस्टेबल नहीं थी। इसके बाद भी उन लोगों ने मेरी बहू के साथ मारपीट की।'

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में गोकशी की ख़बर पर भीड़ की हिंसा के मामले में 27 लोगों को नामज़द किया गया है। इन पर 17 धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया गया है। यानी भीड़ की हिंसा के मामले में योगेश राज के साथ-साथ करीब 80 से 90 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है। इनमें से 27 लोग नामजद हैं, वहीं 50 से 60 लोग अज्ञात हैं। इस मामले की जांच एसआईटी और एडीजी इंटेलिजेंस कर रहे हैं। आरोपियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की छह टीमों ने अब तक 22 ठिकानों पर छापेमारी की हैं। बुलंदशहर हिंसा (BulandshaharViolence) मामले में एडीजी मेरठ जोन प्रशांत कुमार ने बताया कि फिलहाल घटनास्थल वाले क्षेत्र में पूरी तरह शांति है। हालांकि एहतियात के तौर पर वहां पर अतिरिक्त पुलिस तैनात किया गया है। उन्होंने बताया कि हिंसा की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। इस जांच में यह पता लगाया जाएगा कि हिंसा क्यों हुई और क्‍यों पुलिस अधिकारी इंस्‍पेक्‍टर सुबोध कुमार को अकेला छोड़कर भाग गए।

सोमवार को भीड़ के इस हमले में पुलिस इंस्पेक्टर सुबोध कुमार की मौत हो गई थी। एडीजी के मुताबिक, इंस्पेक्टर सुबोध की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में उन्हें गोली लगने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट के मुताबिक गोली उनकी बाईं भौंह से होते हुए सिर के अंदर चली गई। आज सुबह दिवंगत सुबोध कुमार को पुलिस लाइन में अंतिम सलामी दी गई। इसके बाद उनके शव को अंतिम संस्‍कार के लिए उनके गृह जनपद एटा के लिए रवाना किया गया।

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सीएम योगी ने जताया दुख

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुलंदशहर में गोकशी की अफवाह के बाद हुई हिंसा पर दुख व्यक्त किया और मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह की पत्नी को 40 लाख रुपये और माता-पिता को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। उन्होंने दिवंगत पुलिस अधिकारी के आश्रित परिवार को असाधारण पेंशन तथा परिवार के एक सदस्य को मृतक के आश्रित के तौर पर सरकारी नौकरी देने का भी ऐलान किया।

'इंस्पेक्टर ने खुद को मारी गोली, योगेश नादान'

जब मीडिया टीम हिंसा के इस घटना के मास्टरमांइड योगेश राज के घर पहुंची तो वहां मौजूद उसकी बहन ने कहा कि योगेश नादान है. वो गो माता का रक्षक और सेवक है. मां बहनों का सेवक है. सेवा करता है. वो वहां नहीं गया था. लेकिन जब आजतक टीम ने उसकी बहन से वीडियो का जिक्र किया उसकी बहन ने मासूमी से कहा कि योगेश वहां था ज़रूर लेकिन इंस्पेक्टर ने उसे कहा कि देख मैं खुद को गोली मार रहा हूं, इसमें तेरा नाम आएगा. और इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह ने खुद को गोली मार ली और उसकी हत्या हो गई.

एडीजी के मुताबिक, सोमवार की सुबह गोवंश के काटे जाने की सूचना मिली थी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। गांव के आक्रोशित लोगों ने रोड जाम कर दिया। महाव और चिगलवाली समेत तीन गांवों के लोग वहां मौजूद थे। ग्रामीणों की शिकायत थी कि खेत में गोवंश के अवशेष पाए गए थे। उन्हें कार्रवाई का भरोसा दिलाया गया था लेकिन गांववाले ट्रैक्टर पर अवशेष लादकर ले लाए और मेन रोड ब्लॉक कर दिया। विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और लोगों ने पुलिस पर पत्थरबाजी शुरू कर दी, जिसके बाद पुलिस बल ने लाठीचार्ज किया। उन्होंने बताया शुरुआत में पुलिस से बातचीत के दौरान ग्रामीण सहमत हो गए लेकिन बाद में वे फिर से उत्तेजित हो गए। ग्रामीणों ने पुलिस चौकी पर पथराव कर दिया। तीन गांव के करीब 400 लोग वहां मौजूद थे। बवाल के दौरान 15 वाहनों को क्षतिग्रस्त किया गया। कई गाड़ियों को आग लगा दी गई। हमले में इंस्पेक्टर के सिर पर पत्थर लगा। यह पूरा घटनाक्रम दोपहर 12 बजे का है। एडीजी कुमार ने कहा कि गोहत्या के सबूत अभी नहीं मिले हैं। गोकशी के आरोप और हिंसा दोनों की जांच के लिए आईजी मेरठ रेंज की अध्यक्षता में एक एसआईटी गठित की गई है। तीन से चार सदस्य एसआईटी में होंगे।

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