'मिशन 250' : ममता का किला ढहाने के लिए अमित शाह सीख रहे बांग्ला भाषा, शास्त्रीय संगीत की भी ली शिक्षा
By: Pinki Thu, 02 Jan 2020 08:40:15
पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव होने में अभी एक साल का समय बाकी है लेकिन भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के अध्यक्ष अमित शाह (Amit Shah) ने ममता का किला ढहाने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। शाह बांग्ला भाषा सीख रहे हैं। इसके लिए उन्होंने एक शिक्षक रख लिया है। वास्तव में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ‘मां, माटी और मानुष’ का नारा बुलंद करती रहती हैं और हाल के दिनों में उन्होंने बंगाली अस्मिता को खूब हवा देने की कोशिश की है। ऐसे में ममता को चुनौती देने के लिए यह बीजेपी चीफ की बड़ी कोशिश है। इसलिए बीजेपी की कोशिश है कि पार्टी चीफ कम से कम बांग्ला भाषा को समझने लगें और पश्चिम बंगाल की सभाओं में अपने भाषणों की शुरुआत बांग्ला में करें, जिससे भाषण प्रभावी लगे। शाह ने शास्त्रीय संगीत की भी शिक्षा ली है। खुद को रिलैक्स करने के लिए शाह शास्त्रीय संगीत और योग का सहारा लेते हैं।
प. बंगाल में भाजपा के एक बड़े नेता का कहना है कि इसमें कुछ भी नया नहीं है। भाजपा अध्यक्ष बांग्ला और तमिल समेत देश के अलग-अलग प्रदेशों में बोली जाने वाली चार भाषाएं सीख रहे हैं। ममता अपनी सभाओं में बीजेपी अध्यक्ष को बाहरी कह कर संबोधित करती हैं। अमित शाह को चुनावी रणनीति का माहिर माना जाता है और हर चुनाव के लिए शाह अलग-अलग रणनीति बनाते हैं। लेकिन पहले महाराष्ट्र और हरियाणा विधानसभा चुनाव में चूकने और झारखंड में पार्टी की हार के बाद अब अमित शाह बंगाल में चुनावी कमान अपने हाथ में रखना चाहते हैं। इसके लिए जरूरी है कायकर्ताओं से संवाद और समन्वय। लिहाजा भाषा कहीं इस रणनीति में आड़े न आए, इसके लिए शाह बांग्ला सीख रहे हैं।
कई लोग आश्चर्य करते हैं कि गुजरात में सालों बिताने के बावजूद अमित शाह कैसे अच्छी हिंदी बोल लेते हैं। इस पर सूत्रों का कहना है कि जेल में रहने के दौरान और कोर्ट द्वारा गुजरात में प्रवेश पर दो साल का प्रतिबंध लगाए जाने के दौरान अमित शाह ने हिंदी पर पकड़ बनाई थी। भाजपा अध्यक्ष बनने से पहले उन्होंने देश भर का दौरा किया और वह प्रमुख तीर्थ स्थलों पर गए। इससे उन्हें देश के तमाम हिस्सों के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को समझने में मदद मिली। आपको बता दे, 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में बीजेपी ने 'मिशन 250' का लक्ष्य तय किया है। लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने कुल 42 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, जबकि तृणमूल को 22 सीटें मिलीं।