चमकी बुखार का कहर : मुजफ्फरपुर में अब तक 110 बच्चों ने दम तोड़ा, पिछले 24 घंटे में 75 नए केस, प्रभावित बच्चों के घर जाकर सर्वे करेंगे डॉक्टर

By: Pinki Wed, 19 June 2019 08:58:34

चमकी बुखार का कहर : मुजफ्फरपुर में अब तक 110 बच्चों ने दम तोड़ा, पिछले 24 घंटे में 75 नए केस, प्रभावित बच्चों के घर जाकर सर्वे करेंगे डॉक्टर

बिहार में ‘चमकी’ बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 135 हो गई है। पिछले 24 घंटे के अंदर मेडिकल कॉलेज में 75 नए मरीज भर्ती हुए हैं। केवल मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच (SKMCH) अस्पताल और केजरीवाल अस्पताल में मरने वाले बच्चों की संख्या देखें तो यह 110 तक पहुंच चुकी है। 400 बच्चों का इलाज चल रहा है, जिसमें कई की हालत गंभीर बताई जा रही है, लेकिन अभी तक न तो सरकार, न डॉक्टर ये तय कर पाए हैं कि ये बीमारी कौन सी है। चमकी बुखार एक्यूट इन्सेफ्लाइटिस सिंड्रोम (एईएस Acute Encephalitis Syndrome) को कहा जा रहा है।

काफी फजीहत के बाद मंगलवार को सुबह-सुबह मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मुजफ्फरपुर पहुंचे और एसकेएमसीएच (SKMCH) का दौरा किया तो उन्हें आम लोगों की नाराजगी झेलने पड़ी। लोगों ने 'नीतीश वापस जाओ' के नारे लगाए। दरहसल, नीतीश के पहुंचने के बाद बच्चों के मां बाप को उम्मीद थी कि उनके नौनिहालों के साथ हवा में तीर की तरह हो रहे इलाज का कुछ इलाज होगा, दवाएं मिलेंगी, अस्पताल की सेहत सुधरेगी, लेकिन सीएम साहब की पर्देदारी देखकर लोगों के सब्र का बांध टूट गया। लोग नारे लगाते रहे और नीतीश अस्पताल प्रशासन की पीठ थपथपाकर आराम से निकल लिए। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों और चिकित्सकों के साथ बैठक की और कई आवश्यक निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि परिजन से बात करने पर यह जानकारी मिली कि भूख नहीं लगने के कारण रात में बच्चा बिना भोजन किए ही सो गया और सुबह में उनकी तबियत खराब हो गयी, इसलिए इस पहलू से भी देखना होगा कि कहीं दिन में ही उसकी ऐसी स्थिति तो नहीं हो गई थी जिसके कारण बच्चे को रात में भूख महसूस नहीं हुई।

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एईएस के ज्यादातर मामले मुजफ्फरपुर में सामने आए हैं लेकिन पड़ोस के पूर्वी चंपारण और वैशाली जैसे जिलों में भी इस तरह के मामलों की खबर है। इससे पहले, मुजफ्फरपुर के सिविल सर्जन डॉ। शैलेश प्रसाद ने बताया था कि मंगलवार देर शाम तक एईएस (चमकी बुखार) से मरने वाले बच्चों की संख्या 110 हो गयी है, जिनमें से श्रीकृष्ण मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एसकेएमसीएच) में 90 बच्चों और केजरीवाल अस्पताल में 20 बच्चों की मौत हुई है।

मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा

चमकी बुखार से हो रही मौतों का मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। दो वकीलों ने जनहित याचिका दायर कर मांग की है कि बीमारी से प्रभावित इलाकों में केंद्र और बिहार सरकार को 500 आईसीयू बनाने का आदेश दिया जाए, प्रभावित इलाकों में मेडिकल एक्सपर्ट टीम भेजने के निर्देश दिए जाएं और 100 मोबाइल ICU मुजफ्फरपुर भेजे जाएं। इसके साथ ही मेडिकल बोर्ड का गठन किया जाए।

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किया जाएगा सर्वे

नीतीश कुमार ने कहा कि पूरा इलाका, जो चमकी बुखार (एईएस) से प्रभावित है, उसका वातावरणीय अध्ययन कराकर यह विश्लेषण करना होगा कि इससे बचाव के लिए प्राकृतिक और तकनीकी तौर पर क्या किया जा सकता है। गर्मी में अक्सर मच्छर गायब हो जाते हैं, लेकिन उच्च तापमान, अस्वच्छता और आर्द्रता के कारण अगर प्रभावित इलाकों में मच्छर पाए जाते हैं तो उसका भी उपाय करना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रभावित परिवारों के सामाजिक-आर्थिक अध्ययन के साथ-साथ साफ-सफाई के लिहाज से उनके घरों के वातावरण का भी आकलन करना होगा। उन्होंने अधिकारियों से कहा, ‘‘पेयजल की गुणवत्ता तो कहीं खराब नहीं है, उसकी भी निगरानी करवाइए। एक भी कच्चा घर नहीं रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना और मुख्यमंत्री आवास योजना के जरिए जो मकान बनाए जाने हैं, उस पर भी ध्यान दीजिए।’’

मुख्यमंत्री ने कहा कि जागरूकता अभियान के साथ-साथ और क्या कुछ करने की आवश्यकता है, हर बिंदु पर गौर करके कार्रवाई सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि पीड़ित और मृत बच्चों में लड़के और लड़कियों का क्या अनुपात है, इसकी भी जानकारी लीजिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना से भी एक-एक परिवार को अवगत कराना होगा।

2500 बिस्तर बनेंगे

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 50 वर्ष पुराने एसकेएमसीएच के पुनरोद्धार की बात कही और दो साल के अंदर सभी काम पूरा करने का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि 24 घंटे चिकित्सक उपलब्ध हों, इसके लिए अतिरिक्त चिकित्सकों की तैनाती सुनिश्चित होनी चाहिए। नीतीश कुमार ने एसकेएमसीएच (SKMCH) में 2500 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया है। मौजूदा समय में यहां 610 बेड हैं। पहले फेज में जल्द से जल्द 1500 बेड की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इसके अलावा एक धर्मशाला बनाने के लिए भी कहा है ताकि वहां मरीजों के परिजन ठहर सकें। इससे अस्पताल के अंदर अनावश्यक आवाजाही पर भी रोक लगेगी। मुख्यमंत्री ने एसकेएमसीएच के अस्पताल अधीक्षक डॉ। सुनील कुमार शाही को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रतिदिन के क्रियाकलापों और वर्तमान स्थिति के संदर्भ में अस्पताल में मीडिया ब्रीफिंग का समय निर्धारित करें।

इस अवसर पर उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, नगर विकास एवं आवास मंत्री सुरेश शर्मा, विधान पार्षद देवेश चंद्र ठाकुर, मुख्य सचिव दीपक कुमार, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार, मुजफ्फरपुर के प्रमंडल आयुक्त नर्मदेश्वर लाल सहित एसकेएमसीएच के चिकित्सक और कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे।

बिहार सरकार के मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ने मुजफ्फरपुर के अस्पताल के सभी वार्ड का दौरा किया। अस्पताल की व्यवस्था से मुख्यमंत्री संतुष्ट थे। डॉक्टर की कमी नहीं थी फिर भी कुछ डॉक्टर को एनएमसीएच से भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बीमारी के पीछे की वजह किसी ने बच्चों के धूप में खेलना बताया तो किसी ने लीची खाने और मच्छर के काटने की बात कही। जिन बच्चों के घर में बच्चे बीमार हुए हैं उन सभी घरों में डॉक्टरों की टीम जाएगी और इसके पीछे की वजह का पता लगाया जाएगा। अभी तक इस बीमारी का कोई सही पता नहीं चल पा रहा है।

सरकार खर्च वहन करेगी

बाद में यहां पत्रकारों को संबोधित करते हुए मुख्य सचिव दीपक कुमार ने कहा कि बीमार बच्चों को अस्पताल लाने के लिए 400 रुपए का भुगतान किया जाएगा और सभी बीमार बच्चों के इलाज का खर्चा सरकार वहन करेगी। मुख्य सचिव ने कहा कि रात में खाली पेट नहीं सोएं और बीमार होने की स्थिति में मरीजों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया जाए। इसे लेकर गांव-गांव लोगों के बीच जागरूकता पैदा की जाए और आशा, एएनएम कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविका के माध्यम से वहां ओआरएस पहुंचाया जाए जहां यह नहीं पहुंचा है।

उन्होंने कहा कि बीमारी के कारण के प्रति अलग-अलग राय को लेकर चिकित्सकों से बातचीत करने पर इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं इससे प्रभावित हुए करीब 400 बच्चों के घरों पर वातावरणीय अध्ययन एवं सामाजिक-आर्थिक स्थिति जानने के लिए एक टीम कल से जाएगी। दीपक ने कहा कि हम लोग एसकेएमसीएच में बच्चों के इलाज के लिए किए जा रहे प्रयास से संतुष्ट हैं और किसी भी बीमार बच्चे के अभिभावक ने कोई शिकायत नहीं की है। वहां केंद्रीय टीम के साथ साथ आईसीएमआर का दल शोध के लिए पहुंचा है।

बीजेपी सांसद ने कहा- 4G से हो रही हैं मौतें

मुजफ्फरपुर में चमकी बुखार से राज्य में हो रही मौतों पर बीजेपी सांसद अजय निषाद का बेतुका बयान सामने आया है। निषाद ने कहा कि चमकी बुखार के लिए 4जी जिम्मेदार है। इसकी वजह से मौतें हो रही हैं। बीजेपी सांसद ने गांव, गर्मी, गरीबी और गंदगी को 4g बताया। उन्होंने कहा कि अति पिछड़ा समाज के लोग इस बीमारी से ताल्लुक हैं। उनका रहन-सहन नीचे है। बच्चे बीमार हैं।

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