बिहार चुनाव से पहले टूट गया महागठबंधन, जीतनराम मांझी ने तोड़ा नाता
By: Pinki Thu, 20 Aug 2020 3:04:13
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले दोस्ती टूटने और नए रिश्ते बनने का सिलसिला जारी है। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) की पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) ने महागठबंधन से अलग होने का फैसला ले लिया है। मांझी की पार्टी की कोर कमेटी ने फैसला लिया है कि वह अब महागठबंधन का हिस्सा नहीं रहेंगे। माना जा रहा है कि जीतन राम मांझी जेडीयू के साथ जा सकते हैं।
बताया जा रहा है कि जीतनराम मांझी की घर वापसी को लेकर जेडीयू की तरफ से पिछले कई महीनों से कवायद हो रही है। जेडीयू चाहती है कि मांझी की पार्टी हम का पूरी तरह से जेडीयू में विलय हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं होने की सूरत में मांझी की पार्टी के साथ कुछ सीटों पर समझौते का फॉर्मूला तय किया जा रहा है।
माना जा रहा है कि आज हुई कोर कमेटी बैठक में महागठबंधन से अलग होने का फैसला कर लिया गया है। हालांकि, अभी तय नहीं हुआ है कि जीतनराम मांझी की पार्टी जेडीयू से हाथ मिलाएगी या नहीं, लेकिन सूत्रों का कहना है कि जेडीयू और मांझी के बीच डील हो चुकी है।
पिछले दिनों ही श्याम रजक, नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू छोड़कर आरजेडी में आए हैं। इस दौरान श्याम रजक ने नीतीश सरकार दलित विरोधी कहा था। उन्होंने कहा था कि बिहार का कोई ऐसा थाना नहीं है जहां दलितों के साथ हत्या, बलात्कार और छेड़खानी नहीं होती। श्याम रजक के बयान पर जीतनराम मंझी ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि श्याम रजक मंत्रिमंडल में इतने दिनों तक लाभ लेने के बाद चुनाव के समय में नीतीश कुमार को दलित विरोधी कह रहें हैं, जिसे उचित नहीं ठहराया जा सकता है। मांझी के इस बयान को उनकी घर वापसी से जोड़कर देखा जा रहा था। माना जा रहा है कि मांझी ने महागठबंधन से बाहर जाने का निर्णय सीएम नीतीश से मिले इस आश्वासन के बाद लिया है कि उनकी पार्टी हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा को विधानसभा चुनाव में करीब 7 से 10 टिकट जेडीयू के कोटे से देंगे।