CAA के तहत नागरिकता हासिल करने के लिए धार्मिक उत्पीड़न कोई मानदंड नहीं : BJP नेता हिमंत बिस्व
By: Pinki Sun, 19 Jan 2020 09:05:05
असम में नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन के बीच राज्य के वित्त मंत्री और बीजेपी की उत्तर-पूर्व इकाई के वरिष्ठ नेता हिमंत बिस्व सरमा ने साफ कहा कि CAA के तहत नागरिकता हासिल करने के लिए धार्मिक उत्पीड़न कोई मानदंड नहीं है। शनिवार को हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति यह कैसे प्रमाणित कर सकता है कि उसके साथ धार्मिक आधार पर उत्पीड़न हुआ है। हेमंत बिस्व शर्मा ने कहा कि अगर भारत आकर एक व्यक्ति ये कहता है कि उसका बांग्लादेश में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न हुआ है तो ये साबित करने के लिए उसे बांग्लादेश जाना पड़ेगा और वहां से पुलिस रिपोर्ट की कॉपी लानी पड़ेगी। लेकिन ऐसा कर पाना असंभव सा है। उन्होंने कहा कि इसलिए मैंने कहा कि धार्मिक उत्पीड़न को साबित करने की अवधारणा संभव ही नहीं है।
बीजेपी नेता ने कहा कि सीएए के तहत नागरिकता के लिए आवेदन करने के तीन मापदंड हैं। इनमें से पहला यह है कि आवेदक हिंदू, जैन, पारसी, ईसाई, सिख या बौद्ध धर्म का मानने वाला हो। दूसरा, आवेदक मूल रूप से पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान का रहने वाला हो और तीसरा यह कि उसके पास 31 दिसंबर 2014 के पहले से भारत में रहने का सबूत हो। उन्होंने कहा कि इसके अलावा धार्मिक उत्पीड़न नागरिकता के लिए कोई मापदंड नहीं है।
Assam Min HB Sarma on his statement,'not possible to proof religious persecution':If a person has to prove it then he has to go to Bangladesh&collect a copy of police report. So,I said that it's not possible to proof concept of religious persecution #CitizenshipAmendmentAct(18.1) pic.twitter.com/Kpycq5VLOR
— ANI (@ANI) January 18, 2020
बता दें कि हेमंत बिस्व शर्मा ने पहले कहा था कि धार्मिक उत्पीड़न CAA के तहत नागरिकता पाने के लिए शर्त नहीं हो सकती है। इस दौरान उन्होंने पूछा था कि आखिर एक पीड़ित ये कैसे साबित करेगा कि वो धार्मिक उत्पीड़न का शिकार है, या फिर वो ये कैसे सिद्ध करेगा कि वो धार्मिक उत्पीड़न के भय से अपने मूल देश को छोड़कर भारत में दाखिल हुआ है। हेमंत बिस्व शर्मा के इस बयान पर हुए विवाद के बाद उन्होंने शनिवार को इस बारे में सफाई दी।
बता दे, इससे पहले असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और उनके वित्त मंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से गत सप्ताह मुलाकात की थी और अनुरोध किया था कि सीएए के तहत नागरिकता हासिल करने के लिए एक सीमित समयसीमा दी जानी चाहिए और असम के लोगों के लिए कुछ विशेष प्रावधान किए जाने चाहिए। सीएए के खिलाफ हो रहे विरोध प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर सरमा ने कहा था, 'थोड़ा इंतजार कीजिए। अच्छी खबर आने वाली है।'
बता दे, असम में CAA के खिलाफ लगातार प्रदर्शन जारी है। ऑल असम स्टूडेंट यूनियन इन विरोध प्रदर्शनों की अगुआई कर रहा है। असम के प्रदर्शनकारी इस कानून को वापस लेने की मांग कर रहा है।