PM मोदी क्यों नहीं करते प्रेस कांफ्रेंस, अमित शाह बोले- इसका जवाब संबित पात्रा देंगे

By: Priyanka Maheshwari Sat, 08 Dec 2018 09:07:40

PM मोदी क्यों नहीं करते प्रेस कांफ्रेंस, अमित शाह बोले- इसका जवाब संबित पात्रा देंगे

शुक्रवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने सवाल किया था कि प्रधानमंत्री मोदी ने साढ़े चार साल में एक भी प्रेसवार्ता नहीं की, क्यों? वही इसी सवाल का हवाला देते हुए एक प्रत्रकार ने बीजेपी कार्यालय में रखी गई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान अमित शाह (Amit Shah) से पूछा कि राहुल गांधी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा पत्रकारों से बातचीत न करने पर सवाल उठा रहे हैं, इस पर उनका क्या कहना है। भाजपा अध्यक्ष ने पहले तो इस सवाल को टालने की कोशिश की, उन्होंने कहा कि इस सवाल का जवाब खुद वे नहीं बल्कि उनकी पार्टी के एक प्रवक्ता संबित पात्रा देंगे। इस तरह एक तरीके से उन्होंने राहुल गांधी के सवालों के जवाब के लिए एक प्रवक्ता स्तर के नेता को बताकर राहुल को कमतर बताने की कोशिश भी की। इससे एक संकेत इस बात का भी मिल जाता है कि पीएम मोदी आने वाले दिनों में पत्रकारों से रूबरू होने नहीं जा रहे हैं।

इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने शाह पर 'भारतीय लोकतंत्र और प्रेस की स्वतंत्रता का अपमान करने' का आरोप लगाया।सुरजेवाला ने कहा, "क्या शाह को लगता है कि देश में लोकतंत्र मर चुका है और प्रधानमंत्री को कानून के शासन के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता या सरकार की विफल नीतियों और भ्रष्टाचार के आरोपों पर सवाल नहीं किया जा सकता?" कांग्रेस नेता ने कहा कि शाह का बयान मीडिया के सवाल पूछने के अधिकार का अपमान है और यह मोदी सरकार के 'तानाशाही रवये' को दिखाता है। सुरजेवाला ने कहा, "क्या शाह सोचते हैं कि प्रधानमंत्री को मीडिया को संबोधित नहीं करने के बारे में पूछा जाना मानहानि है या खराब है? सत्ता का अहंकार इतना ज्यादा हो गया है कि वे अपने आपको लोकतंत्र, जवाबदेही और भारत के लागों के प्रति जवाबदेही से ऊपर समझने लगे हैं।"

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषणों के लिए जाने जाते हैं। चुनावी रैलियों के अलावा भी अनेक कार्यक्रमों में वे लगातार अपनी बात रखते ही रहते हैं। हर महीने रेडियो पर 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिये भी वे लोगों तक अपनी बात पहुंचाते रहते हैं। लेकिन अब तक के कार्यकाल में वे लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माने जाने वाले मीडिया से सीधे रूबरू नहीं हुए हैं।

कुछ मीडिया हाउस से उन्होंने व्यक्तिगत स्तर पर साक्षात्कार अवश्य दिया है, लेकिन सामान्य स्तर पर प्रेस कांफ्रेंस कभी नहीं किया जहां खुले सवालों का सामना करना पड़ता है। अगर बाकी के लगभग पांच महीने के कार्यकाल में वे कोई प्रेस कांफ्रेंस नहीं करते तो संभवत: वे देश के ऐसे पहले प्रधानमंत्री होंगे जो बिना पत्रकारों से सीधा संवाद किये अपना टर्म पूरा करेंगे। सवाल यह है कि क्या खुद को 'लोकतंत्र का चौकीदार' कहने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसा करना पसंद करेंगे?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रशंसकों और भाजपा नेताओं का कहना है कि प्रेस कांफ्रेंस के जरिये अपनी बात जनता तक पहुंचाई जाती है। प्रधानमंत्री यही काम 'मन की बात' और नरेंद्र मोदी एप्प के जरिये लगातार करते रहते हैं।

एप्प के माध्यम से लोग उनसे संपर्क करते हैं, किसी मुद्दे पर अपनी राय रखते हैं और सवाल भी पूछते हैं। इसलिए औपचारिक प्रेस कांफ्रेंस की कोई विशेष आवश्यकता नहीं समझी जा सकती। लेकिन प्रेस कांफ्रेंस में जनहित से जुड़े तीखे सवाल भी पूछे जाते हैं जो 'मन की बात' या 'एप्प' के जरिये नहीं पूछे जा सकते। यह ऐसा सवाल है जिसका जवाब भाजपा नेताओं के पास भी नहीं है।

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