राजस्थान : कोटा में 100 मासूमों की मौत पर बोले CM गहलोत, कहा - सरकार संवेदनशील, न हो राजनीति
By: Pinki Thu, 02 Jan 2020 2:41:12
राजस्थान के कोटा जिले के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर के महीने में मरने वाले शिशुओं की संख्या 100 हो गई है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी। जिसके बाद गुरुवार को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मौत पर सरकार संवेदनशील है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए। कोटा के इस अस्पताल में शिशुओं की मृत्यु दर लगातार कम हो रही है। हम आगे इसे और भी कम करने के लिए प्रयास करेंगे।
गहलोत ने एक ट्वीट में कहा, 'मां और बच्चे स्वस्थ रहें यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। राजस्थान में सर्वप्रथम बच्चों के ICU की स्थापना हमारी सरकार ने 2003 में की थी। कोटा में भी बच्चों के ICU की स्थापना हमने 2011 में की थी। स्वास्थ्य सेवाओं में और सुधार के लिए भारत सरकार के विशेषज्ञ दल का भी स्वागत है। हम उनसे विचार-विमर्श और सहयोग से प्रदेश में चिकित्सा सेवाओं में सुधार के लिये तैयार हैं। निरोगी राजस्थान हमारी प्राथमिकता है। मीडिया किसी भी दबाव में आए बिना तथ्य प्रस्तुत करे, स्वागत है।'
Rajasthan Chief Minister Ashok Gehlot tweets on #KotaChildDeaths, says 'Govt is sensitive towards the issue and politics should not be played on it. Central team is welcome to visit and offer their suggestions for improvement of medical facilities in the state' pic.twitter.com/bBxNNUJnnH
— ANI (@ANI) January 2, 2020
बच्चों की मौत पर भाजपा और बहुजन समाज पार्टी ने गहलोत सरकार निशाना साधा है। दरअसल, मंगलवार को लॉकेट चटर्जी, कांता कर्दम और जसकौर मीणा समेत भाजपा सांसदों के एक संसदीय दल ने अस्पताल का दौरा कर उसकी हालत पर चिंता जतायी थी। दल ने कहा कि एक ही बेड पर दो-तीन बच्चे थे और अस्पताल में पर्याप्त नर्सें भी नहीं हैं। इससे पहले राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने राज्य की कांग्रेस सरकार को नोटिस जारी किया था।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के पास सीएए पर विरोध जताने के लिए समय है लेकिन राजस्थान में पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए उनके पास समय नहीं है।
मायावती ने अपने एक ट्वीट में कहा कि कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहां के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय।
स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने कहा, 'बच्चों की मौत मामले को देखने के लिए मैंने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत को पत्र लिखा है। हमने अपनी तरफ से हर तरह का सहयोग देने का भरोसा दिया है। पिछले कुछ वर्षों की तुलना में बच्चों की मौत का यह आंकड़ा निश्चित रूप से ज्यादा है।'
Union Health Minister Harsh Vardhan on #KotaChildDeaths: I have written a letter to Rajasthan CM Ashok Gehlot requesting him to look into the matter. We have assured all kind of support from our side. Number of deaths is definitely higher this time compared to last few years. pic.twitter.com/esdUX7Wm1s
— ANI (@ANI) January 2, 2020
बीजेपी के आईटी सेल के हेड अमित मालवीय ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, 'एक महीने में 100 नवजात शिशुओं की मौत हो जाती है, और राजस्थान के मुख्यमंत्री से कोई सवाल नहीं पूछे जाते। कोटा इतनी भी दूर नहीं की सोनिया और राहुल गांधी वहां जा ना सकें और यह घटना इतनी भी मामूली नहीं कि मीडिया कांग्रेस सरकार की इस लापरवाही पर आंख मूंद ले।'
जेके लोन अस्पताल प्रशासन ने बताया कि दिसंबर 2018 में इसी अस्पताल में 77 बच्चों की मौत हो गई थी। अस्पताल के सुपिरिंटेंडेंट डॉ सुरेश दुलारा ने बताया कि 30 दिसंबर को 4 बच्चों और 31 दिसंबर को 5 बच्चों की मौत हो गई। उन्होंने इसके पीछे वजह बताते हुए कहा कि सभी की मौत जन्म से कम वजन के चलते हुई है।
आपको बता दें कि कोटा लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला का संसदीय क्षेत्र भी है। बीती महीने उन्होंने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को इस विषय की जांच-पड़ताल कराने और आवश्यक मेडिकल इंतजाम करने के लिए चिट्ठी लिखी थी। बिरला ने कहा कि कोटा-बूंदी संसदीय क्षेत्र में स्थित जेके लोन अस्पताल में शिशुओं की असमय मौत सभी के लिए चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि इस बड़े अस्पताल में योग्य चिकित्साकर्मियों और जीवन रक्षक उपकरणों के अभाव के चलते हर साल 800 से 900 शिशुओं और 200 से 250 बच्चों की मौत हो जाती है।