बच्चो को समय का सदुपयोग सिखाना बहुत जरूरी, इसके लिए आजमाए ये तरीके
By: Ankur Mon, 25 Feb 2019 2:28:00
अक्सर देखा गया है कि माता-पिता बच्चों के समय बर्बाद करने की आदत से बहुत परेशान रहते हैं क्योंकि बच्चे अपना कीमती समय व्यर्थ के कार्यों में व्यतीत कर देते है जो कि उनके भविष्य के लिए भयावह हैं। ऐसे में माता-पिता की जिम्मेदारी बनती है कि अपने बच्चों को सही शिक्षा दी जाए और उन्हें समय का सदुपयोग करना सिखाया जाए। इसलिए आज हम आपको कुछ ऐसे तरीके बताने जा रहे हैं जिनकी मदद से आप बच्चों को समय के सदुपयोग की सीख दे पाएँगे और उनके भविष्य को उज्जवल बना पाएँगे। तो आइये जानते है इन तरीकों के बारे में।
* पढ़ाई करने के लिए भी समय फिक्स करें। स्कूल से आने के बाद दो घंटे सोने के लिए कहें। जब जागें तो उन्हें हल्का-फुल्का स्नैक्स दें और फिर खेलने के लिए भेज दें। दिन में सो जाएंगे, तो उन्हें रात में जल्दी नींद नहीं आएगी। ऐसे वे अपना स्कूल का होमवर्क भी पूरा कर लेंगे। सबसे बढ़कर हमें उन्हें यह यकीन दिलाना चाहिए कि हम हमेशा उनका साथ देने के लिए मौजूद हैं। सिर्फ एक परीक्षा जिंदगी को निर्धारित नहीं करती, इसके आगे जिंदगी के मायने और भी हैं। जरूरत है, तो बस एक सही सकारात्मक सोच की।
* अलार्म क्लॉक के जरिए उसे समय के मोल के बारे में बताया जा सकता है जैसे शाम को 7 से 9 बजे का समय पढ़ाई का है और फिर आधे घंटे मोबाइल पर गेम या टीवी पर कार्टून देखने का समय है। 7 बजे का अलार्म लगा दीजिए। इससे वे समय पर पढ़ने के लिए बैठ जाएंगे। उसे लगेगा कि यदि वह दो घंटे पढ़ लेगा तो टीवी देखने को मिलेगा। कई बार बच्चे टीवी देखने के चक्कर में टाइम टेबल भूल जाते हैं। ऐसे में आप इस आदत को नजरअंदाज न करें। उन्हें समय पर सोने की बात याद दिलाएं।
* शुरुआत से ही बच्चों की पढ़ाई और खेलकूद के बीच संतुलन बनाए रखने के लिए उन्हें टाइम-टेबल फॉलो कराना जरूरी है। इससे कई फायदे होते हैं। बच्चे अपने समय का सदुपयोग करना सीखते हैं। इससे उन्हें खेलने के लिए भी प्रॉपर टाइम मिलेगा साथ ही उनकी पढ़ाई भी सुचारू रूप से चलती रहेगी। इससे उन्हें टाइम मैनेजमेंट आएगा और वे अनुशासित भी बनेंगे।
* उनके खाना खाने का समय भी फिक्स करें। स्कूल से आने के बाद उन्हें खाने के लिए दे दें। कई बच्चे भूख नहीं है का बहाना करते हैं। आप उनकी न सुनें। थोड़ा बहुत खाने के लिए जरूर दें। रात के समय भी 7 से 8 के बीच डिनर दे दें। खानपान पर विशेष ध्यान देने से उनके शरीर को आवश्यक पोषक तत्व मिलते रहेंगे, जिससे उनका विकास भी प्रॉपर होगा और वे पढ़ाई और परीक्षा के दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होकर तनावमुक्त परीक्षा दे सकेंगे।
* कैलेंडर बना कर हर रोज उस पर टिक मार्क करें। बच्चे ने जो भी काम समय पर किया है, उस पर टिक लगाने के लिए उसे खुद कहें। यदि कैलेंडर पर लिखा है कि सुबह 6।30 पर उठना है, 6:45 तक नहा लेना है, 7 बजे तक रेडी होकर 7:15 तक बस स्टॉप पर पहुंच जाना है। यदि इन सभी बातों को समय पर बच्चा फॉलो कर रहा है, तो कैलेंडर पर यस का टिक लगा देखकर उसे खुद भी बहुत अच्छा महसूस होगा।