बच्चो के साथ समय बिताना बहुत जरूरी, उनके व्यक्तित्व का होगा संपूर्ण विकास
By: Priyanka Wed, 12 Feb 2020 4:33:34
बच्चों के साथ गुणवतापूर्ण समय बिताना उनकी सही तरह से परवरिश, विकास व खुशी के लिए बेहद जरूरी है। जरूरी नहीं है कि आप बच्चों के साथ ज्यादा लंबा ही समय बिताएं। जरूरी ये है कि आप जो भी समय उनके साथ बिताते हैं, वह क्वॉलिटी टाइम होना चाहिए। आधुनिकता के बदलते माहौल को देखते हुए बच्चों के साथ ज्यादा समय बिताने, उन्हें जानने की जरुरत है ताकि वो घर वालों से हर बात सांझा करें और उनके व्यक्तित्व का संपूर्ण विकास किया जा सके। आईये जानते है बच्चो के साथ समय कैसे बिताया जाये और इसके फायदे क्या हैं।
सुबह का समय
ज्यादातर परिवार सुबह उठते ही अखबार पढ़ते हैं, परिवार के साथ वक्त बिताते हैं और ऐसा ही होना भी चाहिए। बच्चों को सुबह हमें उठाना, गले लगना और सुबह-सुबह हमारे साथ वक्त बिताना बहुत अच्छा लगता है। ऐसे में उनके साथ-साथ आपके दिन की भी बेहतर शुरुआत होती है। इस तरह आपके पास अपने फेसबुक फीड पर सर्फिंग करने के बजाय अपने परिवार के साथ बिताए मिनटों से भरी एक शानदार सुबह होगी।
उनके साथ अकेले में समय बिताएं
यदि आपके घर में 2-3 बच्चे हैं या आपके एक से अधिक बच्चे हैं तो रोज न सही, लेकिन 2-3 दिनों में सभी बच्चों के साथ अकेले में अलग-अलग कुछ समय बिताएं। हर बच्चे का स्वभाव अलग-अलग होता है। कुछ बच्चे ज्यादा मिलनसार होते हैं, ऐसे में वे बच्चे ही पूरा समय आपसे बातें करेंगे। लेकिन जो बच्चे थोड़े शर्मीले व अंतरमुखी स्वभाव के होंगे, वे दूसरे बच्चों से दबे हुए रहेंगे और आपसे खुल नहीं पाएंगे। ऐसे में आपको तो लगेगा कि आप तो समय दे रहे हैं, फिर बच्चे आपसे खुलकर सबकुछ क्यों नहीं बताते।
शाम के समय
फुल-टाइम काम करने वाली महिलाओं के लिए शाम में टाइम निकालना बहुत मुश्किल होगा, लेकिन सिर्फ 15 मिनट भी आपके और बच्चे के रिश्ते को मजबूत बना सकते हैं। इस वक्तअपने बच्चों के साथ खेलें, उन्हें नई चीजों के लिए मोटीवेट करें। इस वक्त अपने बच्चों को ऑब्ज़र्व करें और तब आपको पता चलेगा कि वो कितनी तेजी से बड़े हो रहे हैं।
आत्मविश्वास बढ़ेगा
बच्चों के साथ 'वन टू वन' टाइम बिताने से वे आपसे दोस्ती कर पाएंगे व आप भी उन्हें बेहतर जान पाएंगे। समूह में वे एक-दूसरे की देखादेखी करने की कोशिश करते हैं व कई बार कुछ बच्चे यह सोचकर नहीं बोलते कि उन्हें लगता है कि वे कुछ ऐसा न बोल दें कि उनके भाई-बहन व दोस्त उन पर हंस दें। ये बच्चों के लिए बहुत बड़ी और शर्म की बात हो जाती है। 'वन टू वन' टाइम बिताने से वे बिना डरे आपसे बात कर पाएंगे। उन्हें किसी से अपनी तुलना का डर नहीं होगा।
रात का समय
सुनिश्चित करें कि पूरा परिवार साथ में खाना खाए। माता-पिता में से कोई एक खाने के वक्त बच्चों के साथ जरूर होना चाहिए । इस वक्त आमतौर पर दिनभर क्या हुआ, दुनिया में क्या चल रहा है, बेटी ने स्कूल में कौन सा जोक सुना, उसकी नई दोस्त कौन है आदि के बारे में बातचीत करें । खाने के बाद और सोने से पहले बच्चों को स्टोरी पढ़कर भी सुनाएँ।