टीनएज में पहुंच चुकी है आपकी बेटी, जरुर रखें इन बातों का ध्यान
By: Priyanka Tue, 07 Apr 2020 5:20:27
वैसे तो हर रिश्ता अपने आप में बहुत खास होता है लेकिन मां-बेटी के रिश्ते की एक अलग बात होती है। यह रिश्ता कभी न टूटने वाली डोर से बंधा होता है। इस रिश्ते में खट्टी-मीठी नोकझोंक भी देखने को मिलती है लेकिन मां की सबसे अच्छी दोस्त केवल उसकी बेटी ही होती है। किशोर होती बेटी के हाथ में दिन भर मोबाइल फोन, मोबाइल फोन के गेम पर दिन गुजार देना, एसएमएस, व्हाट्सएप में बिजी रहना, टोकने पर बहस करना और चिड़चिड़ाना, उसका झिड़ककर बोलना वगैरह कोई नई बात नहीं है। आज का दौर ही ऐसा है। आपको कुछ बातें अपनी किशोर होती बेटी के लिए अपने व्यवहार में ध्यान रखनी होंगी-
मजबूत और जिम्मेदार बनाएं
स्कूल तक आपकी बेटी की जिंदगी बहुत आराम से कटी और इसे आपने खूब साथ भी दिया, लेकिन अब बात आगे कॉलेज की गलियों कि ओर बढ़ रही है। ऐसे में आप हर समय उसके साथ नहीं रह सकती हैं। इसके लिए आपको सबसे पहले अपनी बेटी को किसी भी स्थिति को संभालने के लिए मजबूत और जिम्मेदार बनाएं। कॉलेज के शुरुआती दिनों में हो सकता है आपकी बेटी को कुछ परेशानी हो। ऐसे में उसे मजबूत रहना बहुत जरूरी है ताकि इस परेशानी से वो आसानी से बाहर निकल जाए।
आजादी देनी होगी
कठोर होना या रोक-टोक करना बेटी को हैंडल करने का कोई विकल्प नहीं है। आपको उसे कुछ फ्रीडम तो देनी ही होगी। आपको उस पर विश्वास कर उसे अपने लिए चीजें चुनने की स्वतंत्रता देनी होगी और उसके लिए आपको उसे विश्वास में लेकर उसके साथ बैठकर बात करनी होगी। इससे उसके मन में क्या चल रहा है और जीवन के प्रति उसका एटीट्यूड क्या है, यह समझने में आपको मदद मिलेगी। टीनएज आपकी बेटी की जिंदगी का एक खूबसूरत चैप्टर है, उसे इस दौरान बहुत ध्यान से संभालें।
सच्चा और अच्छा दोस्त बनें
कॉलेज की लाइफ दोस्तों के बिना बिल्कुल अधूरी है। अगर आप भी चाहती हैं कि आपकी बेटी की कॉलेज लाइफ तनावमुक्त रहे तो सबसे पहले उन्हें अच्छे दोस्तों के चयन के बारे में बताएं। उन्हें इस बात का अहसास जरूर दिलाएं कि लाइफ में अच्छे दोस्त का होना बहुत जरूरी है। अपनी बेटी को ये सीख दें कि वो अपने दोस्तों के साथ वैसा ही व्यवहार करे जैसा वो अपने साथ चाहती हैं।
बिना शर्त उन्हें स्वीकारें
मां को बेटी के लिए आदर्श व उदाहरण बनना होगा। इसलिए अपनी टीनएज बेटी के साथ जैसे को तैसा वाली नीति के साथ व्यवहार करना ठीक नहीं होगा। टीनएजर जानते हैं कि क्या गलत है और क्या सही। केवल उन्हें एक्सपेरिमेंट करना पसंद होता है। इसलिए अपने एक्सपेरिमेंट्स को आपके साथ बांटने की उन्हें आजादी दें। यह याद रखें कि यह एक अस्थायी दौर है और जल्द ही बीत जाएगा।
असफलता का मतलब विफलता नहीं
अपने बच्चों को इसके बारे में जरूर बताएं। उन्हें बताएं कि हमेशा अपने अनुभवों से कुछ न कुछ नया सीखना चाहिए और इसे ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ जाना चाहिए। असफल होने का मतलब ऐसा बिल्कुल नहीं है कि आपके अंदर हुनर नहीं है। आपकी असफलता ही सफलता का मार्ग तैयार करेगी। उन्हें ये जरूर बताएं कि भविष्य में लिए गए फैसलों से हमेशा खुश रहना सीखें।