प्राकृतिक संपन्नता से परिपूर्ण है मध्य प्रदेश, जानें यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में
By: Anuj Mon, 13 Jan 2020 3:40:32
भारत के दिल के नाम से मशहूर मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) सैलानियों के लिए जन्नत से कम नही है। प्राकृतिक सम्पन्नता और विविधताओं से परिपूर्ण यह राज्य कई संस्कृतियों की संगम स्थली रही है। ऐतिहासिक स्थल, वन्यजीव अभ्यारण्यों के कारण भारत आने वाला लगभग हर विदेशी सैलानी मध्य प्रदेश आना नहीं भूलता है। यहां के कान्हा जंगलों में ही प्रसिद्ध मोगली का होना बताया जाता है। यही एकमात्र राज्य है जहां बारहसिंघा मिलता है। बारिश के दिनों में यहां बहुत सारे झरने देखे जा सकते हैं। आइये जानते हैं मध्य प्रदेश की कुछ प्रमुख पर्यटन स्थलों के बारे में...
पचमढ़ी
यह मध्य प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है जो समुद्र की सतह से लगभग 1000 मीटर है।पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी के नाम से भी जाना जाता है। पचमढ़ी यूनेस्को की बायोडावर्सिटी स्थलों में भी शामिल की गई है। कहा जाता है कि महाभारत के समय यहां पांडवो ने समय बिताया था। यह सुंदर शहर मध्य प्रदेश के साथ साथ महाराष्ट्र से भी लगता हुआ है।
भीमबेटका
यह स्थल पुरातत्व महत्व की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण है। भारतीय उपमहाद्वीप में मानव सभ्यता के सबसे पुराने अवशेष यहाँ भित्ति चित्रों के माध्य्म से देखे जा सकते हैं। यहां चट्टानों के ऊपर चित्र भाषा के रूप में संकेत लिखे गए हैं। यहां की सबसे पुरानी चित्रित गुफा लगभग 30000 साल पुरानी बताई गई है। इन चित्रों को बनाने में प्राकृतिक रंगों का प्रयोग किया गया है।
ओम्कारेश्वर
यह स्थल शिव जी के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कावेरी और नर्मदा नदियों के संगम पर स्थित इस तीर्थ की आकृति ऊपर से ओम अक्षर की दिखाई देती है।
मांडू
राजकुमार बाज बहादुर और रानी रूपमती के प्रेम का साक्षी यह महल आज दुनिया में अपनी वास्तु शैली के लिए विख्यात है। यह भारत के सबसे पुराने महलों में से एक है। यहां स्थित जहाज महल देखने लायक है।
भोजपुर
इस छोटे से शहर में शिवजी का विशाल शिवलिंग है जिसकी ऊंचाई लगभग साढ़े सात फ़ीट है। इस मंदिर का निर्माण कार्य ग्यारहवीं सदी में शुरू हुआ जो किन्ही कारणों से पूरा नही हो सका। आज भी यहां भवन निर्माण से संबंधित सामग्री देखी जा सकती है।