लुप्तप्राय प्रजातियों और जैविक विषमताओं को समेटे हुए - डिब्रू सैखोवा नेशनल पार्क

By: Priyanka Maheshwari Mon, 30 Apr 2018 08:27:13

लुप्तप्राय प्रजातियों और जैविक विषमताओं को समेटे हुए - डिब्रू सैखोवा नेशनल पार्क

यदि आप उष्णकटिबंधीय नम सदाबहार जंगलों को देखने के इच्छुक हैं, तो आपको डेहिंग पटकाई वन्यजीव अभयारण्य का दौरा अवश्य करना चाहिए। लगभग 11.19 वर्ग क्षेत्र में फैला यह अभयारण्य असम घाटी के डिब्रूगढ़ तथा तिनसुकिया जिलों के मध्य स्थित है। यह अरुणाचल प्रदेश की सीमा के करीब भी है तथा यहां प्रसिद्ध स्टिलवेल रोड समेत द्वितीय विश्व युद्ध के कब्रिस्तान भी हैं। यहां पाये जाने वाले कुछ स्तनधारियों में चीनी वज्रदेही , स्टंप मकाक, हिमालयी काला हिरन और मलायी विशालकाय गिलहरी शामिल हैं। यहां छोटा चमरघेंघ, सफेद पंखों वाली बतख, सफेद कपोलों वाला पहाड़ी तीतर, खलीज तीतर, ग्रे मोर,रूफुस गर्दन वाला हार्नबिल समेत पक्षियों की कई अन्य प्रजातियां भी पाई जाती हैं। इस अभयारण्य की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय सितंबर और मार्च के महीने के बीच रहता है। मोहनबाड़ी (डिब्रूगढ़) हवाई अड्डे से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित यह अभयारण्य ऊपरी असम के डिगबोई, दुलियाजान और मार्गेरिटा कस्बों के भी करीब है।

डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान भारत में असम राज्य के पूर्व में ब्रह्मपुत्र नदी के दक्षिणी तट में स्थित जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है। मुख्यतः नमीदार मिश्रित अर्ध-सदाबहार वन, नमीदार मिश्रित पतझड़ीय वन तथा घास के मैदानों का यह क्षेत्र असम के तिनसुकिया ज़िले में स्थित है। डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान विश्व के 19 जैव विविध हॉट स्पॉट वाले क्षेत्रों में से एक है। ब्रह्मपुत्र के गोद में स्थित डिब्रू-सैखोवा दुर्लभ और लुप्तप्राय प्रजातियों और जैविक विषमताओं को समेटे हुए हैं। यह क्षेत्र अपने प्राकृतिक सौन्दर्य और विविध वन्य-जीवन के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। विश्व के अनेक देशों से पर्यटक और विज्ञानी यहाँ घुमने और अध्ययन के लिए आते हैं। जंगली घोड़ा और वुड डक इस पार्क के मुख्य आकर्षण है। बारहमासी बड़ी नदियाँ और अत्यधिक वर्षा यहाँ के वनस्पति को सदाबहार और चमकीला बनाये रखता है और वन्य जीवन भी लाभान्वित होता है।

डिब्रू-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान असम में तिनसुकिया शहर से लगभग 12कि॰मी॰ उत्तर में स्थित राष्ट्रीय उद्यान है। यह राष्ट्रीय उद्यान दुलियाजान से 45 किलोमीटर उत्तर; डिब्रूगढ़ से 65 किलोमीटर दूर उत्तर-पूर्व, डिगबोई से 50 किलोमीटर दूर उत्तर-पश्चिम में; जोरहाट से 190 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और गुवाहाटी से 500 किलोमीटर दूर उत्तर–पूर्व में स्थित है। यह समुद्र सतह से औसतन 118 मी॰ की ऊँचाई में है। यह 27°30' से 27°45' उत्तर देशांतर और 95°10' to 95°45' पूर्व अक्षांश पर स्थित है। यह उद्यान लगभग 350वर्ग कि॰मी॰ में फैला हुआ है। उद्यान के उत्तर में ब्रह्मपुत्र और लोहित नदियाँ और दक्षिण में डिब्रू नदी बहती हैं।

डिब्रू-सैखोवा पार्क असम राज्य सरकार द्वारा 1986 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में घोषित किया गया था। डिब्रू-सैखोवा का क्षेत्रफल दो चरणों में आरक्षित वन के रूप में घोषित किया गया था, डिब्रू क्षेत्र पहले और सैखोवा बाद में घोषित किया गया। बाद में सरकार ने डिब्रू और सैखोवा नाम के दो आरक्षित वन और कुछ अन्य क्षेत्रों को शामिल किया और इसे राष्ट्रीय उद्यान और आरक्षित जीवक्षेत्र (Biosphere Reserve) की नींव रखी। वर्ष 1999 में भारत सरकार ने इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा दिया।

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